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आशु पुरी के समर्थकों पर हत्या के प्रयास का केस न्यायसंगत नहीं : मुकेश
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मामले की जांच पर आशु पुरी के परिजनों ने जताया असंतोष
संवाद न्यूज एजेंसी
ऊना। लालसिंगी में होटल के बाहर हुए गोलीकांड के बाद मामला लगातार चर्चा में है। घटना में संतोषगढ़ निवासी आशु पुरी की मौत के बाद परिजनों और समर्थकों में रोष है। परिजनों ने जांच की दिशा और पुलिस की ओर से दर्ज की गई क्रॉस एफआईआर पर आपत्ति जताते हुए कहा कि आशु के साथियों पर हत्या के प्रयास जैसे गंभीर प्रावधान लगाना गलत है। उन्होंने पुलिस अधीक्षक ऊना से निष्पक्ष जांच की मांग की।
आशु के भाई मुकेश पुरी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने गुरजीत मान सहित तीन पर तो केस दर्ज किया, लेकिन अन्य शामिल युवकों पर कार्रवाई नहीं की। उल्टा आशु और उसके साथियों पर ही हत्या के प्रयास का मामला बना दिया गया, जबकि साथियों ने संभवतः आत्मरक्षा में मारपीट की। उन्होंने इस घटना को सोची-समझी साजिश बताया और जांच में पक्षपात के आरोप लगाए। पुलिस अधीक्षक अमित यादव ने कहा कि जांच जारी है और दोनों पक्षों की शिकायतों व उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर एफआईआर दर्ज हुई है। मृतक पक्ष के कई लोग बयान देने नहीं आए हैं, जिससे स्थिति स्पष्ट होने में देरी है। उन्होंने कहा कि तथ्य सामने आने पर केस में संशोधन संभव है और दोषी किसी भी पक्ष का हो, कार्रवाई तय है।
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ऊना। लालसिंगी में होटल के बाहर हुए गोलीकांड के बाद मामला लगातार चर्चा में है। घटना में संतोषगढ़ निवासी आशु पुरी की मौत के बाद परिजनों और समर्थकों में रोष है। परिजनों ने जांच की दिशा और पुलिस की ओर से दर्ज की गई क्रॉस एफआईआर पर आपत्ति जताते हुए कहा कि आशु के साथियों पर हत्या के प्रयास जैसे गंभीर प्रावधान लगाना गलत है। उन्होंने पुलिस अधीक्षक ऊना से निष्पक्ष जांच की मांग की।
आशु के भाई मुकेश पुरी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने गुरजीत मान सहित तीन पर तो केस दर्ज किया, लेकिन अन्य शामिल युवकों पर कार्रवाई नहीं की। उल्टा आशु और उसके साथियों पर ही हत्या के प्रयास का मामला बना दिया गया, जबकि साथियों ने संभवतः आत्मरक्षा में मारपीट की। उन्होंने इस घटना को सोची-समझी साजिश बताया और जांच में पक्षपात के आरोप लगाए। पुलिस अधीक्षक अमित यादव ने कहा कि जांच जारी है और दोनों पक्षों की शिकायतों व उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर एफआईआर दर्ज हुई है। मृतक पक्ष के कई लोग बयान देने नहीं आए हैं, जिससे स्थिति स्पष्ट होने में देरी है। उन्होंने कहा कि तथ्य सामने आने पर केस में संशोधन संभव है और दोषी किसी भी पक्ष का हो, कार्रवाई तय है।
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