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Una News: भंजाल स्कूल ने चरखे को किया पुनर्जीवित
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युवा पीढ़ी को धैर्य, आत्मनिर्भरता और श्रम की गरिमा बताना रहा मकसद
संवाद न्यूज एजेंसी
दौलतपुर चौक (ऊना)। भंजाल के स्कूल में स्टाफ और विद्यार्थियों ने वर्षों से अनुपयोगी पड़े पुराने चरखे को सफलतापूर्वक पुनर्जीवित कर एक सराहनीय पहल की है। इस प्रयास का उद्देश्य गांधीवादी दर्शन को व्यावहारिक रूप में समझाना है। स्कूल के कार्यकारी प्रधानाचार्य राजन शर्मा के नेतृत्व में स्टाफ सदस्यों ने इस सांस्कृतिक धरोहर को विद्यालय को समर्पित किया।
इस व्यावहारिक परियोजना का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को धैर्य, आत्मनिर्भरता और श्रम की गरिमा जैसे मूल्यों से परिचित कराना है। चरखों की मरम्मत करते हुए विद्यार्थियों ने पाठ्यपुस्तकों से आगे बढ़कर स्वदेशी की भावना का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त किया। कार्यकारी प्रधानाचार्य राजन शर्मा ने कहा कि पुनर्जीवित चरखे का उपयोग साप्ताहिक कताई सत्रों में किया जाएगा, ताकि महात्मा गांधी का शांति, आत्मनिर्भरता और सजग जीवन का संदेश विद्यालय परिसर में एक जीवंत अभ्यास के रूप में बना रहे। इस कार्यक्रम में स्कूल के सभी स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।
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संवाद न्यूज एजेंसी
दौलतपुर चौक (ऊना)। भंजाल के स्कूल में स्टाफ और विद्यार्थियों ने वर्षों से अनुपयोगी पड़े पुराने चरखे को सफलतापूर्वक पुनर्जीवित कर एक सराहनीय पहल की है। इस प्रयास का उद्देश्य गांधीवादी दर्शन को व्यावहारिक रूप में समझाना है। स्कूल के कार्यकारी प्रधानाचार्य राजन शर्मा के नेतृत्व में स्टाफ सदस्यों ने इस सांस्कृतिक धरोहर को विद्यालय को समर्पित किया।
इस व्यावहारिक परियोजना का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को धैर्य, आत्मनिर्भरता और श्रम की गरिमा जैसे मूल्यों से परिचित कराना है। चरखों की मरम्मत करते हुए विद्यार्थियों ने पाठ्यपुस्तकों से आगे बढ़कर स्वदेशी की भावना का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त किया। कार्यकारी प्रधानाचार्य राजन शर्मा ने कहा कि पुनर्जीवित चरखे का उपयोग साप्ताहिक कताई सत्रों में किया जाएगा, ताकि महात्मा गांधी का शांति, आत्मनिर्भरता और सजग जीवन का संदेश विद्यालय परिसर में एक जीवंत अभ्यास के रूप में बना रहे। इस कार्यक्रम में स्कूल के सभी स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।
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