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एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के पंजीकृत मामलों की जांच में लाएं तेजी : डीसी

संवाद न्यूज एजेंसी, ऊना Updated Wed, 31 Dec 2025 01:27 AM IST
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Expedite investigation of cases registered under SC-ST Prevention of Atrocities Act: DC
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ऊना। उपायुक्त जतिन लाल की अध्यक्षता में मंगलवार को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम और दिव्यांग संरक्षण पर गठित दो समितियों की बैठकें आयोजित की गईं। उन्होंने एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम और राष्ट्रीय न्यास अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए संबंधित विभागों को त्वरित कार्रवाई और परस्पर समन्वय के निर्देश दिए। पहली बैठक अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत गठित जिला सतर्कता एवं प्रबोधन समिति की आयोजित की गई। उन्होंने बताया कि इस बैठक का मुख्य उद्देश्य जातिगत भेदभाव को रोकना और पीड़ितों को न्याय व राहत उपलब्ध करवाना है। उन्होंने इस अधिनियम के तहत पंजीकृत सभी मामलों की जांच में तेजी लाने के निर्देश दिए।
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उपायुक्त ने बताया कि इस अधिनियम के अंतर्गत सजा दिलाने के साथ-साथ पीड़ित लोगों को कानूनी संरक्षण और पुनर्वास राहत राशि विभिन्न धाराओं के तहत एक लाख रुपये से 8 लाख 25 हजार रुपये तक की धनराशि देने का प्रावधान है। इस राशि की प्रथम किस्त एफआईआर दर्ज होने पर, दूसरी किस्त मामला न्यायालय में प्रस्तुत होने पर और शेष राशि का भुगतान फैसला आने पर किया जाता है।
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उन्होंने विभागीय अधिकारियों से कहा कि वे मामलों की प्रगति पर सतत निगरानी रखें ताकि पीड़ितों को समय पर राहत और न्याय मिल सके। दूसरी बैठक, राष्ट्रीय न्यास अधिनियम, 1999 के अंतर्गत गठित जिला स्तरीय स्थानीय समिति की थी, जिसमें ऑटिज्म, सेरेब्रल पाल्सी, मानसिक मंदता और बहु-दिव्यांगता से पीड़ित व्यक्तियों के विधिक संरक्षण पर विस्तार से चर्चा हुई।
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