सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   After Beacons banned, VIPs go to town with sirens and hooters

निकल आया लाल बत्ती को तोड़, कुछ इस तरह नेता मचा रहे हैं शोर

amarujala.com- Presented by: पवन नाहर Updated Tue, 02 May 2017 11:28 AM IST
विज्ञापन
After Beacons banned, VIPs go to town with sirens and hooters
लाल बत्ती - फोटो : Getty Images
देश में वीआईपी कल्चर खत्म करने की कवायद में जुटी भाजपा सरकार ने 1 मई से गाड़ियों पर लाल बत्ती पर रोक लगा दी है। अपने रुतबे में इसे सेंध मानने वाले नेता लाल बत्ती का मोह और अपनी ठाठ छोड़ने को राजी नहीं। इस तरह नेताओं ने इसका विकल्प भी ढूंढ ही निकाला। कई राज्यों में नेताओं ने इसके काट के रूप में अपनी गाड़ी पर लाल बत्ती की जगह सायरन का इस्तेमाल करने शुरु कर दिया है।
विज्ञापन
loader
Trending Videos


मध्यप्रदेश और तेलंगाना से शुरू हुई यह नई 'परंपरा' अब धीरे-धीरे दूसरे राज्यों के नेता भी अपनाने वाले हैं। खास बात यह है कि सायरन पहले से ही नियनों के खिलाफ हैं और आम लोगों को इसका ध्वनि प्रदुषण ज्यादा परेशान कर रहा है। मगर नेता फिर भी तमाम नियमों की अनदेखी कर रहे हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन


मध्यप्रेदश के कुछ नेताओं में बेमन से ही सही, मगर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नक्शे कदम पर चलते हुए लाल बत्ती तो हटा ली, मगर इसके बाद अपनी गाड़ी में हूटर लगा लिए। सेंट्रल मोटर व्हीकल्स रूल्स के किसी भी वाहन को इसकी इजाजत नहीं देते। सेक्शन 119 के तहत सिर्फ ऐम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, पुसिल वाहन और कंस्ट्रक्शन व्हीकल्स को इसकी अनुमति है। आरटीओ ने जवाब दिया कि नेताओं को इसका अधिकार नहीं है। जो लोग ऐसा करेंगे उन पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

आम लोगों से अलग दिखना चाहते हैं मंत्री

After Beacons banned, VIPs go to town with sirens and hooters
लाल बत्ती - फोटो : Getty Images
लाल बत्ती पर रोक लगने से खुश आम लोगों को अब हूटर की आवाज से खासी परेशानी हो रही है। स्थानीय लोगों का तर्क है कि जब लाल बत्ती ही गई तो हूटर और सायरन का कोई मतलब नहीं है। उनका कहना है कि जब तेज आवाज में आसपास से सायरन-हूटर बजते है तो बड़ी चिढ़ होती है। इमर्जेंसी वाहनों के अलावा साइरन किसी गाड़ी पर नहीं होना चाहिए। इससे सिर्फ ध्वनि प्रदूषण बढ़ता है।

हैदराबाद का हाल भी कुछ ऐसा ही है। यहां भी लोग साइरन की आवाज से परेशान हो रहे हैं। व्यस्त रास्तों पर कई लोग हूटर की आवाज से परेशान हैं। लोगों परेशान है कि पुलिस, फायर ब्रिगेड और ऐम्बुलेंस की आवाज करके नेतागण आम जानता को साइड कर रहे हैं।
 
महाराष्ट्र की बात की जाए तो वहां के नेता भी कोई ऐसा रास्ता खोजने में जुटे हैं जिससे नए नियम का उल्लंघन भी न हो और उनके वीआईपी वाले ठाठ भी बने रहें। प्रदेश के गृह राज्य मंत्री दीपक केसरकर ने डीजीपी को पत्र लिखकर इसके विकल्प की मांग की है। केसरकर का तर्क है कि जब कोई मंत्री अपनी कार से निकलता है तो कुछ ऐसा जरूर होना चाहिए जिससे मंत्री की कार बाकी वाहनों से अलग दिखे। ऐसा सुरक्षा के लिए जरूरी है।
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed