उदयपुर के चिंतन शिविर में राहुल गांधी ने भरे मंच से जब यह कहना शुरू किया कि उनको भी एक बात से बड़ी शिकायत है, तो हाल में बैठे कांग्रेस के बड़े-बड़े नेताओं के हाव-भाव बदल गए। राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें शिकायत यह है कि हमारे नेताओं का ध्यान पार्टी के अंदरूनी व्यवस्था में ज्यादा रहता है। कौन पद किसे मिलेगा, ज्यादातर लोग इसी में अपना वक्त गुजार देते हैं। जबकि हमें जनता के बीच में जाना चाहिए। कांग्रेस पार्टी का जनता के बीच से कनेक्शन टूटा हुआ है और हमें इस बात को स्वीकार करते हुए इस को दोबारा से जोड़ना होगा। राहुल गांधी के इस बयान के बाद पार्टी में चर्चाएं होने लगी हैं कि बहुत जल्द ही कांग्रेस के मठाधीश नेताओं को तमाम जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया जाएगा। पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेताओं के मुताबिक जल्द ही पार्टी आलाकमान सालों से एक ही पद पर जमे बड़े-बड़े नेताओं की छुट्टी करने वाली है। इसके लिए अलग-अलग कमेटियों का बकायदा गठन कर पार्टी को नए सिरे से खड़ा किया जाएगा।
चिंतन शिविर के समापन के दौरान राहुल गांधी ने पार्टी के मठाधीश नेताओं को खुलकर निशाने पर लिया। चिंतन शिविर में शामिल पार्टी के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि राहुल गांधी शुरुआत से वकालत करते आए हैं कि बहुत लंबे वक्त तक एक पद पर एक व्यक्ति को नहीं रहना चाहिए और जब उन्होंने अपने भाषण में इस बात का जिक्र किया तो पार्टी में कई बड़े-बड़े नेताओं के चेहरे देखने लायक थे। यूथ कांग्रेस से जुड़े पार्टी के एक नेता कहते हैं कि यह बात बिल्कुल सच है कि पार्टी के कई नेताओं की दिलचस्पी पार्टी में मिलने वाले पदों को लेकर ज्यादा बनी रहती है। इसे लेकर अंदरूनी तौर पर कई बार उठापटक भी हो चुकी है और मामला आलाकमान तक भी जा चुका है। पार्टी से जुड़े नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी इस बात से कई बार नाराज भी हुए हैं। लेकिन चिंतन शिविर के दौरान भरी बैठक में राहुल गांधी का यह कहना साफ इशारा करता है कि पार्टी में गुटबाजी और खास तौर से पदों पर नजर रखने वाले नेताओं को अब कांग्रेस पार्टी में जगह नहीं मिलने वाली।
कांग्रेस पार्टी से जुड़े नेताओं का कहना है कि पार्टी में ऐसे कई पद है जिन पर बहुत लंबे समय से कई नेता काबिज हैं। अब नई व्यवस्था के मुताबिक कोई भी पदाधिकारी पांच साल से ज्यादा एक पद पर नहीं रहेगा और इसके बाद अगर उसे दूसरी जिम्मेदारी मिलनी भी है तो तीन साल का कूलिंग पीरियड रहेगा। ऐसे में निश्चित तौर पर पार्टी के भीतर नए लोगों को मौका मिलेगा और उन्हें पद देकर नेतृत्व क्षमता का विकास भी किया जाएगा। पार्टी के जिम्मेदार पद पर बैठे हुए एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि जिस तरीके से राहुल गांधी पार्टी में रिस्ट्रक्चरिंग कर रहे हैं, उससे आप तुरंत बहुत बेहतर परिणाम भले न देख सकें। लेकिन आने वाले कुछ सालों के चुनावों में उसके परिणाम दिखने शुरू हो जाएंगे।
पार्टी के वरिष्ठ नेता कहते हैं कि राहुल गांधी ने इस बात को बड़े नेताओं और खुले मंच से स्वीकार किया है कि कांग्रेस पार्टी का जनता से कनेक्शन टूटा है। वह यह बताता है कि राहुल गांधी अपनी कमियों को न सिर्फ स्वीकार कर रहे हैं बल्कि उसे जोड़ने के लिए नई व्यवस्था भी कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी और सोनिया गांधी के सोमवार को दिल्ली वापस आने के बाद में जल्द ही पार्टी के उन सभी नेताओं को पद से हटाने की व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी, जो पांच सालों से ज्यादा वक्त से एक ही पद पर बैठे हुए हैं। इसके लिए बाकायदा स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया जाएगा और कमेटियों की सिफारिशों के आधार पर नई व्यवस्थाओं को लागू किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक इसे जल्द से जल्द लागू कर दिया जाएगा।
पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इसी हफ्ते कांग्रेस पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व उदयपुर में हुए मंथन शिविर के पास हुए एजेंडे को लागू करना शुरू कर देगा। इसमें सबसे पहले पार्टी की रिस्ट्रक्चरिंग की जाएगी। इसके मुताबिक बूथ और ब्लॉक लेवल के साथ-साथ मंडल स्तर की जो व्यवस्था तैयार की गई है, उसे भी अमल में लाया जाएगा। पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि माइक्रो लेवल पर कांग्रेस पार्टी ने पहले ही अपने नेटवर्क को मजबूत करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। चिंतन शिविर में इस पर आधिकारिक तौर पर मुहर लगनी बाकी थी। अब जब इस पर मुहर लग चुकी है तो इसे सिर्फ अमलीजामा पहनाना ही बाकी है। अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नेताओं को इसकी जिम्मेदारी दी जा चुकी है।
उदयपुर के चिंतन शिविर में शामिल पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी ने जिस तरीके से मंच से नेताओं को नसीहत दी, वह स्पष्ट इशारा करती है कि पार्टी में लापरवाह लोगों की अब जगह नहीं होगी। पार्टी के वरिष्ठ नेता कहते हैं कि राहुल गांधी ने उन नेताओं की ओर इशारा करते हुए कहा जो शॉर्टकट से आगे बढ़ने की सोचते हैं उन्हें अब पार्टी में पसीना बहाना ही पड़ेगा। क्योंकि शॉर्टकट से अब कांग्रेस पार्टी में कुछ नहीं मिलने वाला। दरअसल राहुल गांधी ने चिंतन शिविर के समापन के दौरान उल्लेख किया था कि कांग्रेस पार्टी का जनता से कनेक्शन टूट रहा है और हमको इस बात को स्वीकार करना होगा। हमें वही पुराना कनेक्शन सबसे मजबूत करने के लिए जनता के पास जाना होगा। इसके अलावा उन्होंने "शॉर्टकट" पर भी निशाना साधा था।
राहुल गांधी ने स्पष्ट रूप से भरी सभा में कहा था इस शॉर्टकट से कुछ नहीं होने वाला अब पसीना बहा करके ही काम किया जाएगा। इसके लिए पार्टी को न सिर्फ गांव-गांव शहर-शहर जाना होगा, बल्कि यह प्रक्रिया एक दिन की नहीं महीनों की है। इसके लिए हर उम्र के नेताओं को सड़क पर उतरना होग। पार्टी से जुड़े नेताओं के मुताबिक कांग्रेस पार्टी ने जो प्लान बनाया है उसमें युवाओं को सबसे ज्यादा जगह देने की न सिर्फ व्यवस्था की है बल्कि उसी के हिसाब से अपनी पूरी योजनाएं भी जमीन पर उतारने की तैयारी की है। सूत्रों के मुताबिक इन तैयारियों के बीच सालों से संगठन एक ही पद पर जमे बड़े-बड़े नेताओं की छुट्टी करने की भी पूरी व्यवस्था कर दी गई है।
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