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चुनौती: अस्थाना को दिल्ली पुलिस आयुक्त नियुक्त करने के लिए पीएम व गृह मंत्री के खिलाफ अवमानना याचिका दायर, जुर्माना लगाने की भी मांग
राजीव सिन्हा, अमर उजाला, नई दिल्ली।
Published by: प्रतिभा ज्योति
Updated Fri, 30 Jul 2021 05:44 PM IST
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सार
वकील मनोहर लाल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और गृह मंत्रालय के खिलाफ अवमानना याचिका दायर कर गुजरात कैडर के अधिकारी राकेश अस्थाना को दिल्ली पुलिस आयुक्त बनाए जाने को चुनौती दी है।

राकेश अस्थाना
विस्तार
याचिका दायर करने वाले वकील ने कहा है कि राकेश अस्थाना को दिल्ली पुलिस आयुक्त बनाया जाना वर्ष प्रकाश सिंह मामले में सुप्रीम कोर्ट के 2018 में दिए गए फैसले का जानबूझकर उल्लंघन है। ऐसे में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के खिलाफ आपराधिक अवमानना का मामला चलाया जा सकता है।
याचिकाकर्ता ने प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार मामले में दिए गए फैसले का हवाला देते हुए कहा कि पुलिस प्रमुख की नियुक्ति के लिए आवश्यक है कि उनकी सेवानिवृति में कम से कम तीन महीने का समय बचा हो। जबकि इस मामले में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने संवैधानिक व्यवस्था के उलट काम किया है। याचिका में यह भी कहा गया है कि संवैधानिक कोर्ट को यह निर्धारित करना चाहिए कि क्या इन दोनों व्यक्तियों को नैतिक व कानूनी रूप से संवैधानिक पदों पर बने रहने का अधिकार है?
प्रधानमंत्री-गृहमंत्री पर जुर्माना लगाने की भी अपील
याचिका में यह भी कहा गया है कि प्रधानमंत्री, केबिनेट के चयन समिति के प्रमुख हैं और उन्होंने गृहमंत्री के साथ मिलकर राकेश अस्थाना को दिल्ली पुलिस आयुक्त बनाने का निर्णय लिया है, ऐसे में यह अवमानना का मामला है। याचिका में अपील की गई है कि राकेश अस्थाना की नियुक्ति रद्द की जाए और साथ ही साथ प्रतिवादियों पर कोर्ट समुचित जुर्माना भी लगाए जाए।
गौरतलब है कि गुरुवार को दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पद पर राकेश अस्थाना की नियुक्ति के खिलाफ दिल्ली विधानसभा में भी एक प्रस्ताव पारित किया गया है। आप विधायक संजीव झा के इस प्रस्ताव में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना को दिल्ली का पुलिस आयुक्त नियुक्त किए जाने के केन्द्र सरकार के फैसले को नियम विरुद्ध बताया गया। बीते मंगलवार को राकेश अस्थाना को दिल्ली पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया है। अस्थाना की नियुक्ति 31 जुलाई को उनकी सेवानिवृत्ति से कुछ दिन पहले हुई है। उनका कार्यकाल एक साल का होगा।
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याचिकाकर्ता ने प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार मामले में दिए गए फैसले का हवाला देते हुए कहा कि पुलिस प्रमुख की नियुक्ति के लिए आवश्यक है कि उनकी सेवानिवृति में कम से कम तीन महीने का समय बचा हो। जबकि इस मामले में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने संवैधानिक व्यवस्था के उलट काम किया है। याचिका में यह भी कहा गया है कि संवैधानिक कोर्ट को यह निर्धारित करना चाहिए कि क्या इन दोनों व्यक्तियों को नैतिक व कानूनी रूप से संवैधानिक पदों पर बने रहने का अधिकार है?
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प्रधानमंत्री-गृहमंत्री पर जुर्माना लगाने की भी अपील
याचिका में यह भी कहा गया है कि प्रधानमंत्री, केबिनेट के चयन समिति के प्रमुख हैं और उन्होंने गृहमंत्री के साथ मिलकर राकेश अस्थाना को दिल्ली पुलिस आयुक्त बनाने का निर्णय लिया है, ऐसे में यह अवमानना का मामला है। याचिका में अपील की गई है कि राकेश अस्थाना की नियुक्ति रद्द की जाए और साथ ही साथ प्रतिवादियों पर कोर्ट समुचित जुर्माना भी लगाए जाए।
गौरतलब है कि गुरुवार को दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पद पर राकेश अस्थाना की नियुक्ति के खिलाफ दिल्ली विधानसभा में भी एक प्रस्ताव पारित किया गया है। आप विधायक संजीव झा के इस प्रस्ताव में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना को दिल्ली का पुलिस आयुक्त नियुक्त किए जाने के केन्द्र सरकार के फैसले को नियम विरुद्ध बताया गया। बीते मंगलवार को राकेश अस्थाना को दिल्ली पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया है। अस्थाना की नियुक्ति 31 जुलाई को उनकी सेवानिवृत्ति से कुछ दिन पहले हुई है। उनका कार्यकाल एक साल का होगा।