IndiGo Crisis: इंडिगो उड़ान रद्दीकरण मामले में 'सुप्रीम' इनकार, याचिकाकर्ता को दिल्ली हाईकोर्ट जाने की दी सलाह
इंडिगो की सैकड़ों उड़ानें रद्द होने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता नरेंद्र मिश्रा को दिल्ली हाईकोर्ट जाने की सलाह दी, जहां ऐसा ही मामला पहले से लंबित है। बेंच ने कहा कि यदि हाईकोर्ट में समाधान नहीं हुआ, तो याचिकाकर्ता दोबारा सुप्रीम कोर्ट आ सकते हैं।
इंडिगो की सैकड़ों उड़ानें रद्द होने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता नरेंद्र मिश्रा को दिल्ली हाईकोर्ट जाने की सलाह दी, जहां ऐसा ही मामला पहले से लंबित है। बेंच ने कहा कि यदि हाईकोर्ट में समाधान नहीं हुआ, तो याचिकाकर्ता दोबारा सुप्रीम कोर्ट आ सकते हैं।
विस्तार
इंडिगो एयरलाइंस द्वारा सैकड़ों उड़ानें रद्द किए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता नरेंद्र मिश्रा से कहा कि वह अपनी शिकायतें लेकर दिल्ली हाईकोर्ट जाएं, क्योंकि वहां पहले से ही इसी तरह का मामला चल रहा है। मामले में मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत, जस्टिस जॉयमाल्या बागची और विपुल एम. पंचोली के बेंच ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट पहले से ही इंडिगो की उड़ानें रद्द होने से जुड़े मामले की सुनवाई कर रहा है। इसलिए याचिकाकर्ता वहीं अपनी बात रखें।
हालांकि कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर हाईकोर्ट में शिकायतों का समाधान नहीं होता है, तो याचिकाकर्ता दोबारा सुप्रीम कोर्ट आ सकते हैं। इस दौरान कोर्ट को यह भी बताया गया कि नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने इंडिगो की उड़ानों के रद्द होने और यात्रियों को हो रही परेशानियों की जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति बनाई है। यह समिति उड़ानें रद्द होने के कारणों और उससे यात्रियों पर पड़ रहे असर की समीक्षा करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि जब मामला पहले से ही दिल्ली हाईकोर्ट और DGCA के संज्ञान में है, तो फिलहाल वह इस पर सीधे सुनवाई नहीं करेगा।
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दिल्ली हाईकोर्ट पहले ही जता चुका है नाराजगी
बता दें कि इससे पहले 10 दिसंबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से सवाल किया था कि इंडिगो की उड़ानें रद्द होने से पैदा हुए संकट पर समय रहते कार्रवाई क्यों नहीं की गई। हाईकोर्ट ने कहा था कि इस वजह से लाखों यात्री फंस गए और दूसरी एयरलाइंस ने मनमाने दाम वसूले। दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका में मांग की गई है कि केंद्र सरकार यात्रियों को मदद और रिफंड दिलाने के निर्देश दे।
डीजीसीए ने बनाई विशेषज्ञ समिति
दूसरी ओर सुनवाई के दौरान इंडिगो की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने बताया कि नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने 5 दिसंबर को एक विशेषज्ञ समिति बनाई है। यह समिति उड़ानें रद्द होने के कारणों और यात्रियों को हो रही परेशानियों की जांच करेगी। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता दिल्ली हाईकोर्ट की कार्यवाही में शामिल होकर अपनी सभी दलीलें रख सकते हैं।
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यात्रियों की परेशानी बनी बड़ी चिंता
याचिकाकर्ता नरेंद्र मिश्रा ने कोर्ट में कहा कि उड़ानें रद्द होने से यात्री बुरी तरह परेशान हैं। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यह गंभीर मुद्दा है, लेकिन जब दिल्ली हाईकोर्ट मामले को देख रहा है, तो वहीं समाधान तलाशा जाना चाहिए। गौरतलब है कि इंडिगो ने पायलटों की ड्यूटी और उड़ान नियमों में बदलाव का हवाला देकर सैकड़ों उड़ानें रद्द की हैं, जिससे देशभर के हवाई अड्डों पर लाखों यात्रियों को बड़ी दिक्कतों का सामाना करना पड़ा।
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