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Supreme Court: उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई निराशा, एफआईआर रद्द करने का मामला
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Thu, 02 Jun 2022 08:27 PM IST
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सार
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने देश के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण से अनुरोध किया है कि इस मामले को किसी और न्यायाधीश के सामने सूचीबद्ध किया जाए।

Supreme Court
- फोटो : PTI (File)

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विस्तार
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी है जिसमें एक याचिका में एक धोखाधड़ी के मामले में एफआईआर को रद्द कर दिया गया था। कोर्ट ने कहा कि न्यायाधीश ने मामले की योग्यता पर नजर डालने की जहमत नहीं उठाई और आदेश जारी कर दिया।
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न्यायाधीश अजय रस्तोगी व बीवी नागरत्ना की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि ऐसे आदेश की सराहना नहीं की जा सकती। पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से मामले को किसी अन्य न्यायाधीश के समक्ष सूचीबद्ध करने का अनुरोध करते हुए फिर हाईकोर्ट में बहाल किया।
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पीठ ने अपने हालिया आदेश में उत्तराखंड पुलिस को अपीलकर्ता हर्ष आर किलाचंद और अन्य के खिलाफ आठ सप्ताह तक कोई दंडात्मक कार्रवाई न करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही अंतरिम सुरक्षा के लिए अपीलकर्ता को हाईकोर्ट का रुख करने की स्वतंत्रता दी गई है।
हाईकोर्ट के कई फैसलों का किया उल्लेख
अपीलकर्ता की ओर से पेश हुईं वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने हाईकोर्ट की एकल पीठ की ओर से रिट याचिका को निस्तारित करते हुए पारित किए गए विभिन्न आदेशों का उल्लेख किया। पीठ ने कहा कि चार अप्रैल 2022 को हाईकोर्ट की ओर से संविधान की धारा 226 के तहत पारित आदेश की हम सराहना नहीं कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने लगा दी इस आदेश पर रोक
पीठ ने अपील को अनुमति देते हुए कहा कि इस आदेश पर रोक लगाई जाती है और आपराधिक रिट याचिका को उत्तराखंड हाईकोर्ट की फाइल पर फिर से बहाल किया जाता है। हम उम्मीद करते हैं कियाचिका पर कानून के अनुसार इसकी योग्यता के अनुसान सुनवाई होगी।