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Kathua News: जीएमसी में आईपीडी मरीजों के लिए अलग सेंपल कलेक्शन सेंटर की सुविधा

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GMC to set up separate sample collection centre for IPD patients
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जीएमसी कठुआ में अब आईपीडी (इनडोर पेशेंट डिपार्टमेंट) मरीजों को जांच के लिए होने वाली परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। ऐसे मरीजों की जांच के लिए अलग सेंपल कलेक्शन सेंटर की व्यवस्था की गई है। नई व्यवस्था बुधवार से शुरू हो जाएगी। इस नई व्यवस्था से जीएमसी कठुआ में भर्ती मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। मंगलवार को निरीक्षण के दौरान जीएमसी के प्रधानाचार्य डॉ. सुरिंदर कुमार अत्री ने स्वास्थ्य कर्मियों को यह जानकारी दी।
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गौरतलब हो कि इमरजेंसी ब्लॉक में जांच के लिए सामान्य मरीजों और आईपीडी मरीजों को एक साथ खड़ा होना पड़ता था। इससे अस्पताल में भर्ती मरीजों को भीड़ से काफी दिक्कत होती थी। नई सुविधा से आईपीडी मरीजों को इमरजेंसी ब्लॉक की भीड़ का सामना नहीं करना पड़ेगा और अलग सेंपल कलेक्शन सेंटर में उन्हें गुणवत्तायुक्त जांच सेवाएं मिल सकेंगी।
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मंगलवार को नियमित दौरे के दौरान जीएमसी कठुआ के प्रधानाचार्य डॉ. सुरिंदर कुमार अत्री ने इमरजेंसी ब्लॉक की लैब का निरीक्षण किया और वहां तैनात स्वास्थ्य कर्मियों को नई व्यवस्था की जानकारी दी। उन्होंने निर्देश दिया कि बुधवार से सभी आईपीडी मरीजों को जांच करवाने के लिए नए सेंपल कलेक्शन सेंटर में भेजा जाए।
इमरजेंसी ब्लॉक की लैब मूल रूप से आकस्मिक मरीजों की जांच के लिए बनाई गई थी लेकिन अब तक आईपीडी मरीजों के टेस्ट यहीं पर किए जाते रहे। रोजाना लगभग 300 मरीजों के सैंपल इसी लैब में लिए जाते थे, जिससे न केवल लैब पर अतिरिक्त बोझ पड़ता था बल्कि जांच रिपोर्ट मिलने में भी विलंब होता था। इस समस्या को दूर करने के लिए अस्पताल प्रशासन ने आईसीयू ब्लॉक के साथ नए सेंपल कलेक्शन सेंटर की व्यवस्था की।

अस्पताल सूत्रों के अनुसार यह नई व्यवस्था आगामी वर्ष में शुरू होने वाली एकीकृत पब्लिक हेल्थ लैब की दिशा में एक अभ्यास के रूप में देखा जा रहा है। इससे भविष्य में मरीजों की जांच और रिपोर्ट में आसानी होगी।


नई सुविधा से इमरजेंसी ब्लॉक की लैब पर पड़ने वाला दबाव कम होगा और आकस्मिक मरीजों की जांच में तेजी आएगी। साथ ही रिपोर्ट की गुणवत्ता और प्रामाणिकता भी बेहतर होगी। अस्पताल प्रशासन का प्रयास है कि मरीजों को समय पर और विश्वसनीय जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए ताकि इलाज में किसी प्रकार की देरी न हो। - डॉ. सुरिंदर कुमार अत्री, प्रधानाचार्य जीएमसी कठुआ
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