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Kathua News: विदेश से डिग्री लेकर आए जिले के डॉक्टरों की निगरानी तेज
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जिले के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान में विदेशी संस्थानों से डॉक्टरी डिग्री हासिल कर सेवाएं दे रहे डॉक्टरों पर निगरानी रखी जा रही है। यही नहीं राजकीय मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) कठुआ और सहायक अस्पताल में भवनों और अस्पताल कॉरिडोर में रखे अज्ञात/अनलेबल्ड लॉकर्स की पहचान के लिए प्रशासन ने सख्त निर्देश जारी किए हैं।
सभी विभागाध्यक्ष, अस्पताल अधीक्षक, फैकल्टी सदस्य, सीनियर रेजिडेंट, डीएनबी रेजिडेंट, जूनियर रेजिडेंट, इंटर्न (सभी यूजी कोर्स), हेल्थ एवं एलाइड स्टाफ और छात्र (एमबीबीएस, बीएससी नर्सिंग, बीएससी पैरामेडिकल) को अपने अलॉटेड लॉकर्स को व्यक्तिगत रूप से पहचान कर नाम, पदनाम और कोड के साथ लेबल करने को कहा गया है। बाकायदा इस अभ्यास को दो दिन पहले ही पूरा करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। इसके उपरांत जीएमसी प्रशासन ने मेडिकल सुपरिंटेंडेंट (एसोसिएटेड हॉस्पिटल), एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर और डिप्टी डायरेक्टर (प्लानिंग) को संयुक्त निरीक्षण की हिदायत दी है। कॉलेज व अस्पताल के विभिन्न कॉरिडोर में अनावश्यक रूप से जगह घेर रहे अतिरिक्त/बेकार लॉकर्स को छांटकर हटाया जाएगा।
स्पष्ट किया गया है कि तय अवधि के बाद जिन लॉकर्स की पहचान नहीं होगी, उन पर किसी भी कर्मचारी, अधिकारी या छात्र का दावा मान्य नहीं माना जाएगा। साथ ही मेडिकल सुपरिंटेंडेंट और एकाउंट्स सेक्शन को निर्देश दिए गए हैं कि किसी कर्मचारी के ट्रांसफर पर एलपीसी, एनओसी या सर्विस बुक तब तक जारी न की जाए, जब तक संबंधित कर्मचारी अपना व्यक्तिगत लॉकर विधिवत हैंडओवर न कर दे।
जीएमसी कठुआ के प्रधानाचार्य डॉ सुरेंद्र कुमार अत्री ने बताया कि सुरक्षा के लिहाज से दिल्ली धमाकों के बाद स्टाफ की स्थिति और अन्य जानकारियां पुलिस के साथ सांझा की जा रही हैं। जीएमसी में सुरक्षा और अनुशासन के लिहाज से लॉकरों की जांच के साथ ही पुराने लाॅकरों को हटाने की प्रक्रिया अंजाम दी जा रही है। फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट, जेआर और एसआर का ब्यौरा भी सांझा करने के लिए सूचीबद्ध कर लिया गया है। जीएमसी कठुआ में बांग्लादेश, कजाकिस्तान और चीन के एमबीबीएस डिग्री हासिल कर सेवाएं दे रहे डॉक्टर हैं।
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सभी विभागाध्यक्ष, अस्पताल अधीक्षक, फैकल्टी सदस्य, सीनियर रेजिडेंट, डीएनबी रेजिडेंट, जूनियर रेजिडेंट, इंटर्न (सभी यूजी कोर्स), हेल्थ एवं एलाइड स्टाफ और छात्र (एमबीबीएस, बीएससी नर्सिंग, बीएससी पैरामेडिकल) को अपने अलॉटेड लॉकर्स को व्यक्तिगत रूप से पहचान कर नाम, पदनाम और कोड के साथ लेबल करने को कहा गया है। बाकायदा इस अभ्यास को दो दिन पहले ही पूरा करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। इसके उपरांत जीएमसी प्रशासन ने मेडिकल सुपरिंटेंडेंट (एसोसिएटेड हॉस्पिटल), एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर और डिप्टी डायरेक्टर (प्लानिंग) को संयुक्त निरीक्षण की हिदायत दी है। कॉलेज व अस्पताल के विभिन्न कॉरिडोर में अनावश्यक रूप से जगह घेर रहे अतिरिक्त/बेकार लॉकर्स को छांटकर हटाया जाएगा।
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स्पष्ट किया गया है कि तय अवधि के बाद जिन लॉकर्स की पहचान नहीं होगी, उन पर किसी भी कर्मचारी, अधिकारी या छात्र का दावा मान्य नहीं माना जाएगा। साथ ही मेडिकल सुपरिंटेंडेंट और एकाउंट्स सेक्शन को निर्देश दिए गए हैं कि किसी कर्मचारी के ट्रांसफर पर एलपीसी, एनओसी या सर्विस बुक तब तक जारी न की जाए, जब तक संबंधित कर्मचारी अपना व्यक्तिगत लॉकर विधिवत हैंडओवर न कर दे।
जीएमसी कठुआ के प्रधानाचार्य डॉ सुरेंद्र कुमार अत्री ने बताया कि सुरक्षा के लिहाज से दिल्ली धमाकों के बाद स्टाफ की स्थिति और अन्य जानकारियां पुलिस के साथ सांझा की जा रही हैं। जीएमसी में सुरक्षा और अनुशासन के लिहाज से लॉकरों की जांच के साथ ही पुराने लाॅकरों को हटाने की प्रक्रिया अंजाम दी जा रही है। फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट, जेआर और एसआर का ब्यौरा भी सांझा करने के लिए सूचीबद्ध कर लिया गया है। जीएमसी कठुआ में बांग्लादेश, कजाकिस्तान और चीन के एमबीबीएस डिग्री हासिल कर सेवाएं दे रहे डॉक्टर हैं।