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Kathua News: देसी उत्पादों में बढ़ी ग्राहकों की रुचि, बड़े बाजार को दे रहे टक्कर
संवाद न्यूज एजेंसी, कठुआ
Updated Fri, 19 Dec 2025 01:12 AM IST
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सरिता शर्मा, उत्पादक
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कृषि विज्ञान केंद्र की मदद से उत्पादों को मिली पैकेजिंग, बढ़ रही मांग
कठुआ। कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों के उत्पाद के बीच स्थानीय उत्पाद भी अपनी पहचान बना रहे हैं। ग्राहक वर्ग द्वारा स्थानीय उत्पादों के प्रति रुचि दिखाए जाने के बाद इन उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने का प्रयास करने वालों में भी उत्साह देखा जा सकता है। इसके लिए वह अपने उत्पादों को बेहतर पैकेजिंग और मार्केटिंग का सहारा ले रहे हैं।
स्थानीय स्तर पर तैयार किए जाने वाले कड़ी पत्ता, आंवला कैंडी, जामुन पाउडर, हल्दी पाउडर, दलिया, मल्टी ग्रेन आटा, मोरिंगा आटा, अलग-अलग मौसमी फलों व सब्जियों के आचार के साथ आर्गेनिक उड़द और मक्की जैसे उत्पाद बाजार में आ रहे हैं। यह अपनी शुद्धता और बेहतर पैकेजिंग के दम पर न केवल बाजार में स्थान बना रहे हैं। बल्कि कई नए उत्पादकों को भी इसे अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
स्थानीय उत्पादों में लोगों के रुझान को देखते इस काम में लोगों में भी खासा उत्साह है जो अपने उत्पादों को बेहतर बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए कहीं फार्मर प्रोड्यूसर आर्गनाइजेशन बनाकर तो कहीं सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाकर स्थानीय उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। इस काम में उत्पादकों को कृषि विज्ञान केंद्र कठुआ न केवल प्रोत्साहित कर रहा है बल्कि समय-समय पर मार्गदर्शन कर रहा है।
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कहानी उत्पादकों की जुबानी
बेहतर पैकेजिंग के साथ बाजार में आर्गेनिक उड़द और मक्की का काम अभी एक साल पहले ही शुरू किया है। इसमें काफी सफलता मिली है। अब क्षेत्र के अन्य किसानों को आर्गेनिक रूप से अपनी फसलों को उगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
- तिलक राज, बिलावर
वहीं, स्थानीय स्तर पर पाए जाने वाले फलों के अचार उत्पादन के साथ मोरिंगा आटा व दलिया में ग्राहकों ने काफी रुचि दिखाई है। इससे उन्हें काफी लाभ हुआ है। यह सब कृषि विभाग केंद्र से मिले प्रशिक्षण और मार्गदर्शन से संभव हुआ है।
- सरिता शर्मा, पल्ली गांव
मल्टीग्रेन आटा, दलिया और अचार उत्पादन कर रही है। इसकी पैकेजिंग का पूरा काम कृषि विज्ञान केंद्र में उपलब्ध आधुनिक मशीनरी से किए जाने के बाद उन्हें बाजार में पहचान मिल रही है। अब उनका प्रयास है कि अपने साथ दस और महिलाओं को जोड़कर काम को और बढ़ाएं।
- शालू देवी, पल्ली गांव
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महिलाओं और शिक्षा छोड़ चुके युवाओं को कृषि उद्यमी बनाने के लिए वर्ष 2016 में आर्या योजना के तहत काम किया जा रहा है। इसमें मशरूम उत्पादन, फ्लोरीकल्चर, पोल्ट्री के साथ उत्पादों के वैल्यू एडिशन पर काम किया जा रहा है। कठुआ जिले में मशरूम उत्पादन में सबसे ज्यादा रुझान देखने को मिला है। इसमें कंपोस्ट निर्माण, स्पोलिंग के साथ उत्पादन के बारे में पूरी जानकारी दी जा रही है।
- डॉ. अनामिका जम्वाल, मुख्य वैज्ञानिक
कृषि विज्ञान केंद्र कठुआ
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कृषि विज्ञान केंद्र उत्पादन प्रशिक्षण से लेकर उत्पादों की मार्केटिंग व पैकेजिंग की जानकारी देता है। बल्कि इसमें हर संभव मदद की दी जाती है। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले कृषि उद्यमियों को पैकेजिंग के लिए उनके पास मौजूद आधुनिक मशीनरी की सेवाएं भी निशुल्क दी जा रही हैं। इसमें उत्पादकों को कृषि विज्ञान केंद्र में आकर अपने उत्पादों की पैकेजिंग करनी होती है। इससे उन्हें समय-समय पर मार्गदर्शन भी मिलता है।
- डॉ. विशाल महाजन, प्रमुख वैज्ञानिक
कृषि विज्ञान केंद्र कठुआ
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कठुआ। कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों के उत्पाद के बीच स्थानीय उत्पाद भी अपनी पहचान बना रहे हैं। ग्राहक वर्ग द्वारा स्थानीय उत्पादों के प्रति रुचि दिखाए जाने के बाद इन उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने का प्रयास करने वालों में भी उत्साह देखा जा सकता है। इसके लिए वह अपने उत्पादों को बेहतर पैकेजिंग और मार्केटिंग का सहारा ले रहे हैं।
स्थानीय स्तर पर तैयार किए जाने वाले कड़ी पत्ता, आंवला कैंडी, जामुन पाउडर, हल्दी पाउडर, दलिया, मल्टी ग्रेन आटा, मोरिंगा आटा, अलग-अलग मौसमी फलों व सब्जियों के आचार के साथ आर्गेनिक उड़द और मक्की जैसे उत्पाद बाजार में आ रहे हैं। यह अपनी शुद्धता और बेहतर पैकेजिंग के दम पर न केवल बाजार में स्थान बना रहे हैं। बल्कि कई नए उत्पादकों को भी इसे अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
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स्थानीय उत्पादों में लोगों के रुझान को देखते इस काम में लोगों में भी खासा उत्साह है जो अपने उत्पादों को बेहतर बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए कहीं फार्मर प्रोड्यूसर आर्गनाइजेशन बनाकर तो कहीं सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाकर स्थानीय उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। इस काम में उत्पादकों को कृषि विज्ञान केंद्र कठुआ न केवल प्रोत्साहित कर रहा है बल्कि समय-समय पर मार्गदर्शन कर रहा है।
कहानी उत्पादकों की जुबानी
बेहतर पैकेजिंग के साथ बाजार में आर्गेनिक उड़द और मक्की का काम अभी एक साल पहले ही शुरू किया है। इसमें काफी सफलता मिली है। अब क्षेत्र के अन्य किसानों को आर्गेनिक रूप से अपनी फसलों को उगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
- तिलक राज, बिलावर
वहीं, स्थानीय स्तर पर पाए जाने वाले फलों के अचार उत्पादन के साथ मोरिंगा आटा व दलिया में ग्राहकों ने काफी रुचि दिखाई है। इससे उन्हें काफी लाभ हुआ है। यह सब कृषि विभाग केंद्र से मिले प्रशिक्षण और मार्गदर्शन से संभव हुआ है।
- सरिता शर्मा, पल्ली गांव
मल्टीग्रेन आटा, दलिया और अचार उत्पादन कर रही है। इसकी पैकेजिंग का पूरा काम कृषि विज्ञान केंद्र में उपलब्ध आधुनिक मशीनरी से किए जाने के बाद उन्हें बाजार में पहचान मिल रही है। अब उनका प्रयास है कि अपने साथ दस और महिलाओं को जोड़कर काम को और बढ़ाएं।
- शालू देवी, पल्ली गांव
महिलाओं और शिक्षा छोड़ चुके युवाओं को कृषि उद्यमी बनाने के लिए वर्ष 2016 में आर्या योजना के तहत काम किया जा रहा है। इसमें मशरूम उत्पादन, फ्लोरीकल्चर, पोल्ट्री के साथ उत्पादों के वैल्यू एडिशन पर काम किया जा रहा है। कठुआ जिले में मशरूम उत्पादन में सबसे ज्यादा रुझान देखने को मिला है। इसमें कंपोस्ट निर्माण, स्पोलिंग के साथ उत्पादन के बारे में पूरी जानकारी दी जा रही है।
- डॉ. अनामिका जम्वाल, मुख्य वैज्ञानिक
कृषि विज्ञान केंद्र कठुआ
कृषि विज्ञान केंद्र उत्पादन प्रशिक्षण से लेकर उत्पादों की मार्केटिंग व पैकेजिंग की जानकारी देता है। बल्कि इसमें हर संभव मदद की दी जाती है। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले कृषि उद्यमियों को पैकेजिंग के लिए उनके पास मौजूद आधुनिक मशीनरी की सेवाएं भी निशुल्क दी जा रही हैं। इसमें उत्पादकों को कृषि विज्ञान केंद्र में आकर अपने उत्पादों की पैकेजिंग करनी होती है। इससे उन्हें समय-समय पर मार्गदर्शन भी मिलता है।
- डॉ. विशाल महाजन, प्रमुख वैज्ञानिक
कृषि विज्ञान केंद्र कठुआ

सरिता शर्मा, उत्पादक

सरिता शर्मा, उत्पादक

सरिता शर्मा, उत्पादक

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