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जम्मू कश्मीर: घर में घुसकर तीन संदिग्धों ने मचाया आतंक, परिवार को बंधक बनाकर बनवाया खाना... खाकर हुए फरार

अमर उजाला नेटवर्क, उधमपुर Published by: निकिता गुप्ता Updated Sat, 29 Nov 2025 11:17 AM IST
सार

उधमपुर के चिगला बलोता गांव में तीन संदिग्ध देर रात एक घर में घुसकर परिवार को बंधक बनाकर खाना खाकर सामान सहित जंगल में फरार हो गए। घटना के बाद सुरक्षाबलों ने ड्रोन और स्निफर डॉग की मदद से इलाके में व्यापक तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।

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Suspects flee home forcibly with food, search operation launched
सुरक्षाबल - फोटो : बसित जरगर
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बसंतगढ़ तहसील के गांव चिगला बलोता में 3 संदिग्ध की सूचना पर शुक्रवार सुबह तलाशी अभियान चलाया गया। मौके पर पुलिस ने पीड़ित परिवार से बात कर पूरी जानकारी हासिल की और फिर सेना, एसओजी और सीआरपीएफ की टीम के साथ इलाके की घेराबंदी की।

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सूत्रों के अनुसार वीरवार देर रात घर में तीन संदिग्ध घुस आए। परिवार को बंधक बनाकर खाना बनवाया और खाया। कुछ खाना व सामान लेकर वे जंगल की ओर फरार हो गए। घटना के बाद गांव में डर का माहौल है। वहीं सुरक्षा बलों की ओर से ड्रोन और स्निफर डॉग की मदद ली जा रही है। पहाड़ी क्षेत्र के साथ ही जंगल घना होने के कारण ऑपरेशन में परेशानी आ रही है। क्षेत्र में अतिरिक्त जवान तैनात किए गए हैं। स्थानीय लोगों से अपील की जा रही है कि सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।

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कभी पनाहगाह था इलाका
बसंतगढ़ 1996 से आतंकियों की पनाहगाह रहा है। आतंकियों ने इस इलाके को डोडा, किश्तवाड़ व अन्य जगह जाने के लिए इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था। 2000 में आतंकी गतिविधियां चरम पर थीं और उनकी मूवमेंट ज्यादा बढ़ गई थी। दिसंबर 2023 में खंडारा टॉप में इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) मिली, जो छोटे गैस सिलिंडर में लगाई गई थी। सुरक्षाबलों को खंडारा टॉप से तिरपाल और कुछ खाने-पीने का सामान मिला था।

घुसपैठ का गढ़ बन रहा बसंतगढ़
बसंतगढ़ जैसा दुर्गम इलाका आतंकियों के जहन्नुम तक के सफर का तीन दशक से गवाह है। यह पारंपरिक घुसपैठ का रास्ता है। सबसे पहले आतंकी कठुआ में अंतरराष्ट्रीय सीमा से घुसपैठ करते हैं और बिलावार, बसंतगढ़, डुडू जैसे ऊंचाई वाले इलाकों से होते डोडा और किश्तवाड़ से घने जंगलों की आड़ में घाटी तक पहुंचते हैं। यहां पहले भी मुठभेड़ और आतंकी घटनाएं हो चुकी हैं। 15 अक्तूबर को चिनैनी की किरची पंचायत में चार संदिग्ध लोगों ने परिवार को बंधक बनाकर न सिर्फ खाना खाया बल्कि सामान भी ले गए थे। इसी तरह 9 अप्रैल की देर रात बसंतगढ़ में संदिग्ध घुसे थे।

इस साल हुई तीन मुठभेड़
9 अप्रैल : जोफर-मारता में मुठभेड़
25 अप्रैल : सेना के हवलदार शहीद।
26 जून : जैश का आतंकी मारा।
11 सितंबर 2024 : बसंतगढ़ के ऊपरी इलाके में जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े दो आतंकवादी मारे गए।
19 अगस्त 2024 : डुडू में मुठभेड़ में सीआरपीएफ के इंस्पेक्टर शहीद।
11 जुलाई 2024 : बसंतगढ़ में सांग चेक पोस्ट पर हमला नाकाम।
28 अप्रैल 2024 : बसंतगढ़ में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में ग्राम रक्षा रक्षक मोहम्मद शरीफ शहीद हो गए।
2006 : बसंतगढ़ के लोलान गला में आतंकवादियों ने 13 लोगों (समुदाय विशेष) की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
2004 : बसंतगढ़ के सोनीटॉप खनेड़ में आतंकवादी चार वीडीजी सदस्यों के हथियार ले गए थे।

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