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जल निकायोंं की सुरक्षा, संरक्षण और प्रबंधन के लिए जियो टैगिंग करें : डुल्लू
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- मुख्य सचिव ने ‘जल शक्ति अभियान: कैच द रेन’ अभियान के कार्यों की समीक्षा की
- प्रदेश के सभी बीस जिलों के लिए 100% डीडब्ल्यूसीपी तैयार कर ली गई हैं : काबरा
अमर उजाला
श्रीनगर। प्रदेश के सभी जल निकायों की सुरक्षा, संरक्षण और वैज्ञानिक प्रबंधन को सुगम बनाने के लिए अनिवार्य रूप से जियो टैगिंग की जाए। यह निर्देश मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने सोमवार को दिए।
उन्होंने कहा कि यह कार्य संरक्षण के लिए भविष्य की रणनीति तैयार करने के लिए महत्वपूर्ण है और इसे शीतकालीन क्षेत्रों में बर्फबारी शुरू होने से पहले पूरा किया जाना चाहिए। हमें जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों को कम करने और यह सुनिश्चित करने के लिए तत्परता से कार्य करना चाहिए कि हमारे जल संसाधन भावी पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रहें।
मुख्य सचिव सोमवार को प्रदेश में लागू किए जा रहे ‘जल शक्ति अभियान: कैच द रेन’ (जेएसए: सीटीआर) अभियान की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। जल शक्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव शालीन काबरा ने कहा कि यह अभियान अब योजना चरण से गहन, समुदाय संचालित कार्यान्वयन की ओर बढ़ रहा है। बताया कि जम्मू-कश्मीर के सभी 20 जिलों के लिए 100 फीसदी जिला जल संरक्षण योजनाएं (डीडब्ल्यूसीपी) तैयार कर ली गई हैं। उन्हें जेएसए पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है।
बैठक में डोडा, गांदरबल, जम्मू, बांदीपोरा और रामबन जिलों में हुई प्रगति की भी समीक्षा की गई। इस दौरान प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन आयुक्त सचिव, समाज कल्याण विभाग के आयुक्त सचिव, कश्मीर के संभागीय आयुक्त, स्कूली शिक्षा सचिव, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव मौजूद रहे। सभी जिलों के डीसी ऑनलाइन जुड़े रहे।
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- प्रदेश के सभी बीस जिलों के लिए 100% डीडब्ल्यूसीपी तैयार कर ली गई हैं : काबरा
अमर उजाला
श्रीनगर। प्रदेश के सभी जल निकायों की सुरक्षा, संरक्षण और वैज्ञानिक प्रबंधन को सुगम बनाने के लिए अनिवार्य रूप से जियो टैगिंग की जाए। यह निर्देश मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने सोमवार को दिए।
उन्होंने कहा कि यह कार्य संरक्षण के लिए भविष्य की रणनीति तैयार करने के लिए महत्वपूर्ण है और इसे शीतकालीन क्षेत्रों में बर्फबारी शुरू होने से पहले पूरा किया जाना चाहिए। हमें जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों को कम करने और यह सुनिश्चित करने के लिए तत्परता से कार्य करना चाहिए कि हमारे जल संसाधन भावी पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रहें।
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मुख्य सचिव सोमवार को प्रदेश में लागू किए जा रहे ‘जल शक्ति अभियान: कैच द रेन’ (जेएसए: सीटीआर) अभियान की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। जल शक्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव शालीन काबरा ने कहा कि यह अभियान अब योजना चरण से गहन, समुदाय संचालित कार्यान्वयन की ओर बढ़ रहा है। बताया कि जम्मू-कश्मीर के सभी 20 जिलों के लिए 100 फीसदी जिला जल संरक्षण योजनाएं (डीडब्ल्यूसीपी) तैयार कर ली गई हैं। उन्हें जेएसए पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है।
बैठक में डोडा, गांदरबल, जम्मू, बांदीपोरा और रामबन जिलों में हुई प्रगति की भी समीक्षा की गई। इस दौरान प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन आयुक्त सचिव, समाज कल्याण विभाग के आयुक्त सचिव, कश्मीर के संभागीय आयुक्त, स्कूली शिक्षा सचिव, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव मौजूद रहे। सभी जिलों के डीसी ऑनलाइन जुड़े रहे।