Jharkhand: 'अस्पतालों द्वारा आयुष्मान कार्ड का दुरुपयोग कतई बर्दाश्त नहीं'...स्वास्थ्य मंत्री अंसारी की दो टूक
Jharkhand: डॉ. अंसारी ने अस्पताल प्रबंधकों की समस्याएं गंभीरता से सुनीं और विभाग को निर्देश दिया कि सभी लंबित बकाया बिलों का भुगतान जल्द से जल्द किया जाए। उन्होंने बताया कि नेशनल एंटी फ्रॉड यूनिट द्वारा चिन्हित 212 अस्पतालों की जांच की जा रही है, जिससे कुछ देरी हुई है।
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स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने साफ कहा है कि झारखंड में आयुष्मान भारत योजना के तहत होने वाले किसी भी तरह के दुरुपयोग को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ अस्पताल योजना का गलत इस्तेमाल कर मरीजों को लाभ से वंचित कर रहे हैं, जो पूरी तरह से अस्वीकार्य है।
मंत्री ने यह बात मंगलवार को रांची के रेडिसन ब्लू होटल में आयोजित AHPI कॉन्क्लेव में कही। यह सम्मेलन आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) के अंतर्गत अस्पतालों के बकाया भुगतान से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए बुलाया गया था। इसमें राज्य भर के निजी अस्पतालों के प्रतिनिधि, प्रबंधक और डॉक्टर शामिल हुए।
रिम्स-2 का निर्माण जल्द शुरू होगा
डॉ. अंसारी ने बताया कि राज्य में रिम्स-2 का निर्माण कार्य जल्द शुरू किया जाएगा। अगले दो वर्षों में यह आधुनिक अस्पताल बनकर तैयार हो जाएगा। यह झारखंड के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। स्वास्थ्य मंत्री ने दो टूक कहा कि “स्वास्थ्य सेवा है, व्यापार नहीं। कुछ अस्पताल आयुष्मान कार्ड से पैसा तो निकाल लेते हैं लेकिन मरीजों को इलाज दिए बिना रिम्स रेफर कर देते हैं। यह गलत है और इसे सहन नहीं किया जाएगा।” उन्होंने कहा कि योजना का लाभ सही मरीजों तक पहुँचना चाहिए।
लंबित बिलों का भुगतान जल्द
डॉ. अंसारी ने अस्पताल प्रबंधकों की समस्याएं गंभीरता से सुनीं और विभाग को निर्देश दिया कि सभी लंबित बकाया बिलों का भुगतान जल्द से जल्द किया जाए। उन्होंने बताया कि नेशनल एंटी फ्रॉड यूनिट द्वारा चिन्हित 212 अस्पतालों की जांच की जा रही है, जिससे कुछ देरी हुई है। इसके अलावा 350 अस्पतालों के बिल नई पोर्टल प्रणाली में तकनीकी दिक्कतों के कारण अटके हैं, जिन्हें जल्दी ही सुलझा लिया जाएगा।
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राज्य की स्वास्थ्य स्थिति में हो रहा लगातार सुधार
अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि झारखंड की नवजात और मातृ मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से कम है। उन्होंने बताया कि राज्य में फिलहाल सरकारी और निजी मिलाकर लगभग 15,500 बेड उपलब्ध हैं और हर साल 2,000 से 3,000 नए बेड जोड़े जा रहे हैं। सरकार का लक्ष्य एक लाख बेड की व्यवस्था करना है। एनएचएम के अभियान निदेशक अबू इमरान ने कहा कि राज्य में 85% लोगों को हेल्थ इंश्योरेंस कवर मिल चुका है। झारखंड पहला राज्य है जहां सरकारी कर्मचारियों को असीमित बीमा कवर दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्यकर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना, मुख्यमंत्री अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना और आयुष्मान भारत योजना मिलकर झारखंड के लोगों को मजबूत स्वास्थ्य सुरक्षा दे रही हैं।