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Jharkhand: मंत्री के पुत्र का रिम्स निरीक्षण करते फोटो वायरल, भाजपा ने साधा निशाना; सफाई में क्या बोले इरफान
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, रांची
Published by: शबाहत हुसैन
Updated Sat, 19 Jul 2025 06:21 PM IST
सार
Jharkhand: स्वास्थ्य मंत्री ने विपक्ष को घेरते हुए कहा कि मेरा बेटा न किसी किसान को गाड़ी से कुचलता है, न ही किसी के मुंह में पेशाब करता है, और न ही सत्ता के नशे में इंसानियत भूलता है। वह तो बस एक बीमार को देखने और मदद करने गया था।
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मंत्री का बेटा
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी एक बार फिर चर्चा में हैं, इस बार वजह बने हैं उनके बेटे कृष अंसारी। दरअसल, राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में कृष अंसारी के वार्ड निरीक्षण का एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसके बाद सियासी हलकों में इस पर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है। भाजपा समेत विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों ने इस मुद्दे को लेकर सरकार से जवाब मांगा है। आरोप लगे हैं कि मंत्री के पुत्र आधिकारिक पद न होते हुए भी अस्पताल में निरीक्षण कर रहे हैं, जो नियमों का उल्लंघन है।
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मंत्री ने दी सफाई, बताया ‘संवेदनशीलता’
विवाद बढ़ने पर खुद स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी सामने आए और सफाई दी। उन्होंने कहा कि उनके पुत्र कृष अंसारी न तो निरीक्षण करने गए थे, न ही किसी तरह की ‘नेतागिरी’ कर रहे थे। मंत्री ने बताया कि कृष रिम्स में अपने शिक्षक आदित्य कुमार झा के बीमार पिता को देखने गए थे, जो अस्पताल में भर्ती हैं।
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मंत्री ने कहा कि उसी रात कुछ आदिवासी परिवार उनके आवास पर सहायता मांगने आए थे, जो अपने परिजन के इलाज को लेकर परेशान थे। उनके आग्रह पर ही कृष मानवीय आधार पर रिम्स पहुंचे और मरीजों की मदद करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि एक वरिष्ठ पत्रकार के परिजन भी भर्ती थे, जिन्हें सहायता की आवश्यकता थी, ऐसे में कृष ने संवेदनशीलता के नाते मदद की, जिसका राजनीतिक रंग दिया जा रहा है।
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क्या मदद करना गुनाह है? मंत्री
मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि कृष एक पढ़ा-लिखा, संवेदनशील और होनहार छात्र है। वह छुट्टियों में रांची आया हुआ है। सेवा की भावना उसमें सहज रूप से मौजूद है। आखिर वह पूर्व सांसद फुरकान अंसारी का पोता है, जिन्होंने झारखंड आंदोलन में योगदान दिया। उन्होंने कहा कि कृष मुझसे बार-बार सवाल कर रहा है कि पापा, क्या लोगों की मदद करना गुनाह है? क्या किसी की तकलीफ देखकर मदद करना नेतागिरी कहलाता है? स्वास्थ्य मंत्री ने विपक्ष को घेरते हुए कहा कि मेरा बेटा न किसी किसान को गाड़ी से कुचलता है, न ही किसी के मुंह में पेशाब करता है, और न ही सत्ता के नशे में इंसानियत भूलता है। वह तो बस एक बीमार को देखने और मदद करने गया था।
भाजपा ने उठाए सवाल
भाजपा नेताओं ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर हमला बोला है। पार्टी प्रवक्ताओं का कहना है कि मंत्री का बेटा कोई अधिकृत व्यक्ति नहीं है, फिर भी अस्पताल जैसे संवेदनशील संस्थान में कैसे स्वतंत्र रूप से घूमा? क्या यह सिस्टम का मखौल नहीं है? भाजपा नेताओं ने यह भी मांग की है कि रिम्स प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग इस पूरे मामले पर स्पष्ट जवाब दे कि किस अनुमति के तहत कृष अंसारी अस्पताल परिसर में सक्रिय थे।