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Jharkhand: बिरसा मुंडा के पड़पोते के निधन से सियासी गलियारे में शोक, PM मोदी-CM सोरेन समेत कई ने जताया दुख

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, रांची Published by: काव्या मिश्रा Updated Fri, 29 Nov 2024 12:28 PM IST
सार

आदिवासी नेता बिरसा मुंडा के पड़पोते मंगल मुंडा का निधन हो गया। उन्होंने रांची के अस्पताल राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में अंतिम सांस ली। उनके निधन से सियासी गलियारे में शोक की लहर है। मंगल का पैतृक गांव उलिहातु में पारंपरिक आदिवासी तरीके से अंतिम संस्कार किया गया।

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PM Modi, CM Soren and other Politicians condoled the death of Birsa Munda's great-grandson Mangal Munda
मंगल मुंडा के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि देते सीएम सोरेन - फोटो : एक्स
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विस्तार
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आदिवासी नेता बिरसा मुंडा के पड़पोते मंगल मुंडा का निधन हो गया। उन्होंने रांची के अस्पताल राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में रात साढ़े 12 बजे अंतिम सांस ली। उनके निधन से सियासी गलियारे में शोक की लहर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से लेकर कई नेताओं ने दुख जताया। पीएम ने मुंडा के निधन को झारखंड आदिवासी समाज के लिए बड़ा नुकसान बताया। 

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राजधानी रांची से लगभग 65 किलोमीटर दूर खूंटी में मंगल मुंडा के पैतृक गांव उलिहातु में पारंपरिक आदिवासी तरीके से अंतिम संस्कार किया गया। उन्हें गांव के बिरसा मुंडा स्टेडियम के पास दफनाया गया। मंगल के भाई जंगल और कानू समेत परिवार के अन्य सदस्य विशेष एंबुलेंस से पार्थिव शरीर को लेकर गांव पहुंचे। मंगल के पिता सुखराम मुंडा, मां, बहनों और ग्रामीणों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। 
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PM मोदी ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, 'स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा के परपोते मंगल मुंडा के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनका जाना उनके परिवार के साथ ही झारखंड के जनजातीय समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में ईश्वर उनके परिजनों को शक्ति दे।'

25 नवंबर से अस्पताल में चल रहा था इलाज
बता दें, मंगल मुंडा की शुक्रवार को हृदय गति रुकने से मौत हो गई। मंगल मुंडा 45 वर्ष के थे। उन्होंने राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में रात साढ़े 12 बजे अंतिम सांस ली। बताया गया कि झारखंड के खूंटी जिले में 25 नवंबर को एक यात्री वाहन की छत से गिरने के कारण मुंडा के सिर में गंभीर चोट आई थी। तब से अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था।

क्या बोले झारखंड के सीएम?
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्यपाल संतोष गंगवार ने भी मंगल मुंडा के निधन पर शोक व्यक्त किया। सीएम ने कहा, 'मंगल मुंडा के निधन की खबर से काफी दुखी हूं। उनका रिम्स में इलाज चल रहा था। मारंग बुरु (सर्वोच्च आदिवासी देवता) दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और शोक संतप्त परिवार को दुख के इस कठिन समय को सहन करने की शक्ति दें।'

राज्यपाल ने परिवार के लिए प्रार्थना की
राज्यपाल संतोष गंगवार ने एक्स पर कहा, 'धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के वंशज मंगल मुंडा के निधन की खबर बेहद दुखद है। शोक संतप्त परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदना। ईश्वर शोक संतप्त परिवार को यह दुख सहने की शक्ति दे।'


रात करीब साढ़े 12 बजे हृदय गति रुकने से मौत
रिम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिरेन बिरुआ ने बताया कि बिरसा मुंडा के रिश्तेदार मंगल मुंडा की रात करीब साढ़े 12 बजे हृदय गति रुकने से मौत हो गई। गंभीर रूप से घायल मंगल मुंडा को वेंटिलेटर पर रखा गया था। हमने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन असफल रहे। मंगल मुंडा को मंगलवार को खूंटी सदर अस्पताल से रिम्स रेफर किया गया था। 

रिम्स के चिकित्सकों के मुताबिक, मंगल मुंडा के मस्तिष्क में गंभीर चोट आई थी और मस्तिष्क के दोनों तरफ खून के थक्के जम गए थे। मंगलवार को रिम्स के ‘न्यूरोसर्जरी विभाग’ के विभागाध्यक्ष डॉ आनंद प्रकाश के नेतृत्व में उनकी सर्जरी हुई थी।

पीएम मोदी रिम्स के संपर्क में थे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यालय, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा और झारखंड के मुख्यमंत्री का कार्यालय मंगल मुंडा के इलाज के सिलसिले में रिम्स अधिकारियों के संपर्क में थे।



बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश शासन को चुनौती दी थी
वर्तमान झारखंड में 1875 में जन्मे बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश शासन को चुनौती दी थी और उन्हें ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ आदिवासियों को संगठित करने का श्रेय दिया जाता है। ब्रिटिश हिरासत में 25 वर्ष की आयु में उनकी मृत्यु हो गई। झारखंड का निर्माण 15 नवंबर को हुआ था। 15 नवंबर को आदिवासी प्रतीक ‘धरती आबा’ (धरती के पिता) की जयंती मनाई जाती है।

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