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Jharkhand: पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने की प्रक्रिया पूरी, हजारीबाग में सरकारी कर्मियों को मिला फायदा; जानें
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हजारीबाग
Published by: शबाहत हुसैन
Updated Sun, 02 Mar 2025 02:55 PM IST
सार
Jharkhand: पुरानी पेंशन योजना की बहाली से सरकारी कर्मियों को आर्थिक रूप से संबल मिला है। प्रशासन की इस पहल से हजारों कर्मियों और उनके परिवारों को राहत मिली है, जो सेवानिवृत्ति के बाद अपनी भविष्य की आर्थिक स्थिति को लेकर चिंतित थे।
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उपायुक्त नैंसी सहाय
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
हजारीबाग में सरकारी कर्मियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर उपायुक्त नैंसी सहाय के नेतृत्व में जिला प्रशासन ने तेजी से काम करते हुए मात्र दो महीने में नई पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत नियुक्त लगभग छह हजार कर्मियों को भविष्य निधि लेखा संख्या आवंटित कर दिया है।
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राज्य सरकार ने लंबे समय तक सेवा देने वाले कर्मियों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को फिर से लागू किया था। मुख्यमंत्री ने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे कि कोई भी सरकारी कर्मी इससे वंचित न रहे। हजारीबाग प्रशासन ने इस फैसले को अमल में लाने के लिए तेजी से कदम उठाए, जिससे बड़ी संख्या में कर्मियों को लाभ मिला।
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इसके अलावा, 1 सितंबर 2022 के पहले सेवानिवृत्त उन कर्मियों को भी पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया गया है, जिन्हें एनपीएस के तहत भुगतान नहीं मिला था। वित्त विभाग के संकल्प संख्या 141 (1 सितंबर 2023) के तहत सरकार ने उनके एनपीएस खातों में जमा राशि में से सरकारी अंशदान और लाभांश की राशि सरकारी खजाने में जमा कराकर उन्हें पुरानी पेंशन योजना के तहत पेंशन देना शुरू कर दिया है।
इस प्रक्रिया में वे कर्मी भी शामिल हैं, जो पहले दैनिक वेतनभोगी या संविदा पर कार्यरत थे और बाद में सरकार द्वारा नियमित किए गए थे। वहीं, जिन कर्मियों को पहले ही एनपीएस के तहत राशि मिल चुकी थी, उन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए उस राशि को सरकार के खजाने में जमा करना पड़ा। उपायुक्त नैंसी सहाय के प्रयासों से उन सेवानिवृत्त कर्मियों से भी संपर्क किया गया, जो अपने घर लौट चुके थे और जिनकी जानकारी कार्यालय में उपलब्ध नहीं थी।
ऐसे कर्मियों को कार्यालय बुलाकर उनकी एनपीएस में जमा राशि को सरकारी खजाने में जमा कराया गया और उनके पेंशन दस्तावेज तैयार कर महालेखाकार कार्यालय, रांची को भेज दिए गए। इसके अलावा, दिव्यांग पेंशनभोगियों की सुविधा के लिए प्रशासन ने विशेष कदम उठाए हैं। महालेखाकार कार्यालय से मिले प्राधिकार पत्र के आधार पर दिव्यांग सेवानिवृत्त कर्मियों के घर जाकर पेंशन सुविधा प्रदान की जा रही है।