Hypertension: दिल की तरह दिमाग को भी फेल कर देता है हाई ब्लड प्रेशर, आप भी हैं शिकार तो तुरंत हो जाएं सावधान
- नई प्रीक्लिनिकल अध्ययन के अनुसार, हाइपरटेंशन दिमाग को पहले से कहीं ज्यादा नुकसान पहुंचा रहा है। लिहाजा अब मस्तिष्क से संबंधित समस्याओं का जोखिम भी पहले की तुलना में काफी अधिक हो सकता है।
विस्तार
गड़बड़ दिनचर्या और खराब खान-पान के कारण कई प्रकार की बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ता जा रहा है। यही कारण है कि 90 के दशक की तुलना में अब कम उम्र के लोगों में भी तरह-तरह की क्रॉनिक बीमारियां बढ़ती जा रही हैं। हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर की दिक्कत भी उनमें से एक है, जिसका अब बच्चे भी शिकार देखे जा रहे हैं।
ब्लड प्रेशर की समस्या भले ही सुनने में काफी आम लगती हो, पर असलियत में ये बहुत गंभीर और समस्याकारक होती है। इससे दिल की बीमारियों के साथ-साथ किडनी, नसों और शरीर के अन्य अंगों पर भी असर हो सकता है।
आमतौर पर हाई ब्लड प्रेशर को हार्ट अटैक का सबसे प्रमुख कारण माना जाता है। उच्च रक्तचाप के कारण हृदय को सामान्य से ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इससे हार्ट की मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं और हार्ट फेलियर या अचानक हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। हाई ब्लड प्रेशर का दिमाग की कार्यक्षमता पर भी नकारात्मक होता है। यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ कम उम्र से ही सभी लोगों को ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखने वाले उपाय करते रहने की सलाह देते हैं।
ब्लड प्रेशर के कारण ब्रेन की समस्याएं
अब इससे संबंधित एक हालिया रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने ब्लड प्रेशर के कारण दिमाग पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को लेकर भी सावधान किया है। वेल कॉर्नेल मेडिसिन की एक नई प्रीक्लिनिकल अध्ययन के अनुसार, हाइपरटेंशन दिमाग को पहले से कहीं ज्यादा नुकसान पहुंचा रहा है। लिहाजा अब मस्तिष्क से संबंधित समस्याओं का जोखिम भी पहले की तुलना में काफी अधिक हो सकता है।
विशेषज्ञों ने बताया कि ब्लड प्रेशर में मापने लायक बढ़ोतरी होने से पहले भी दिमाग पर इसका नकारात्मक असर होने की आशंका हो सकती है। ये बदलाव स्ट्रोक, अल्जाइमर जैसी बीमारियों के खतरे को और भी बढ़ाने वाले हो सकते हैं।
दिमाग से संबंधित समस्याओं का बढ़ जाता है खतरा
इस अध्ययन से पता चलता है कि हाई ब्लड प्रेशर अलग-अलग ब्रेन सेल्स में जीन में बदलाव लाने लगता है, जो सोचने और याददाश्त जैसे कॉग्निटिव क्षमताओं में रुकावट डाल सकती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया कि हाइपरटेंशन वाले मरीजों में बिना हाइपरटेंशन वाले लोगों की तुलना में कॉग्निटिव डिसऑर्डर (दिमाग से संबंधित समस्या) होने का खतरा 1.2 से 1.5 गुना ज्यादा होता है। आजकल की कई ब्लड प्रेशर की दवाएं हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद जरूर करती हैं, लेकिन वे अक्सर दिमाग के काम पर बहुत कम या कोई असर नहीं दिखाती हैं। इससे पता चलता है ब्लड प्रेशर की समस्या असल में बहुत गंभीर दुष्प्रभावों वाली हो सकती है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
न्यूयॉर्क स्थित ब्रेन एंड माइंड रिसर्च इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर और अध्ययन के प्रमुख लेखक डॉ. कोस्टेंटिनो इयाडेकोला कहते हैं, हमने पाया कि चूहों में हाइपरटेंशन की समस्या होने के बाद, पहले की तुलना में मस्तिष्क को स्वस्थ रखने वाली कोशिकाओं पर नकारात्मक असर पड़ा। समय के साथ ये दिमाग की कार्यक्षमता को नुकसान पहुंचाने लगती है।
हाई ब्लड प्रेशर दिल और किडनी को नुकसान पहुंचाने का एक मुख्य कारण है, जिसे एंटीहाइपरटेंसिव दवाओं से रोका जा सकता है। इसलिए समय रहते ब्लड प्रेशर का इलाज और नियमित रूप से इसे कंट्रोल करने वाले तरीकों पर ध्यान देने बहुत जरूरी हो जाता है।
ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने वाले उपाय जरूरी
गौरतलब है कि मौजूदा समय में 20 वर्ष से कम उम्र के लोग भी इसका शिकार हो रहे हैं। तनाव, गलत खानपान, नींद की कमी और मोबाइल-लैपटॉप पर लंबा समय बिताने जैसी आदतें इस समस्या को और बढ़ा रही हैं। यह बीमारी धीरे-धीरे शरीर को अंदर से नुकसान पहुंचाती है, इसलिए इसे ‘साइलेंट किलर’ भी कहा जाता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, ब्लड प्रेशर की समस्या किसी को भी हो सकती है इसलिए कम उम्र से ही इसे कंट्रोल करने वाले तरीकों पर ध्यान देने के उपाय जरूरी है। जिन लोगों के परिवार में पहले से किसी को हाई बीपी की समस्या रही हो उन्हें और भी अलर्ट हो जाना चाहिए।
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स्रोत
Hypertension Affects the Brain Much Earlier than Expected
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