Farmers Day 2025: चौधरी चरण सिंह और अन्नदाता की कहानी, जानिए किसान दिवस का इतिहास और महत्व
National Farmers Day 2025: आज राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जा रहा है। ये दिन किसानों को उनके योगदान के लिए सम्मान देने का मौका है। लेकिन सवाल है कि,
- किसान दिवस कब और क्यों मनाने की शुरुआत हुई?
- इस दिन का चौधरी चरण सिंह से क्या नाता है?
विस्तार
Farmers Day 2025: भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां आज भी देश की आधी से ज्यादा आबादी खेती पर निर्भर है। किसान को अन्नदाता कहते हैं,जो केवल खेतों में फसल नहीं उगाता, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था, संस्कृति और सामाजिक संतुलन की नींव भी संभालता है। इसी सम्मान और योगदान को याद करते हुए हर साल 23 दिसंबर को किसान दिवस (National Farmers’ Day) मनाया जाता है। 2025 में भी यह दिन किसानों के संघर्ष, आत्मसम्मान और अधिकारों को याद करने का अवसर है।
सवाल ये है कि किसान दिवस मनाने की जरूरत क्यों महसूस की गई? पहली बार किसान दिवस कब और क्यों मनाया गया है और इसे मनाने का क्या तरीका है। आइए जानते हैं राष्ट्रीय किसान दिवस का इतिहास और महत्व।
23 दिसंबर को ही किसान दिवस क्यों मनाते हैं?
किसान दिवस कृषकों के साथ ही चौधरी चरण सिंह को भी समर्पित है। 23 दिसंबर के दिन भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती होती है। चौधरी चरण सिंह को भारतीय राजनीति में किसानों का सच्चा नेता माना जाता है। उन्होंने अपना पूरा राजनीतिक जीवन किसानों, ग्रामीण भारत और कृषि सुधारों के लिए समर्पित किया।
चौधरी चरण सिंह ने कृषकों के लिए क्या किया?
- वे ज़मींदारी प्रथा के विरोधी थे।
- किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की वकालत की।
- कृषि को राष्ट्रीय नीति के केंद्र में लाने पर जोर दिया।
उनकी जयंती पर चौधरी चरण सिंह के सम्मान में भारत सरकार ने 2001 में 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस मनाने की घोषणा की।
किसान दिवस का महत्व
- यह दिन किसानों की मेहनत, संघर्ष और योगदान को पहचान देता है।
- कृषि से जुड़े मुद्दों जैसे कर्ज, फसल बीमा, जल संकट पर चर्चा को बढ़ावा देता है।
- किसान दिवस युवाओं को खेती और एग्री-टेक से जोड़ने की प्रेरणा देता है।
- नीति निर्माताओं को ग्रामीण भारत की ज़मीनी हकीकत याद दिलाता है।
आज जब जलवायु परिवर्तन, महंगाई और बाजार अस्थिरता किसानों की कमर तोड़ रही है, किसान दिवस का महत्व और बढ़ जाता है।