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कथावाचक को गार्ड ऑफ ऑनर पर विवाद: यूपी डीजीपी ने एसपी से मांगा जवाब, नगीना सांसद ने जताई कड़ी आपत्ति

अमर उजाला नेटवर्क, बहराइच Published by: ishwar ashish Updated Fri, 19 Dec 2025 02:44 PM IST
सार

बहराइच पुलिस के कथावाचक को गार्ड ऑफ ऑनर देने के मामले में विवाद बढ़ता देख डीजीपी ने बहराइच एसपी से जवाब मांगा है। वहीं, नगीना सांसद ने कड़ी आपत्ति करते हुए प्रशासन की मंशा पर सवाल उठाए हैं।

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Bahraich: Controversy over guard of honor for religious preacher: UP DGP seeks explanation from SP
कथावाचक को गार्ड ऑफ ऑनर देने पर विवाद। - फोटो : amar ujala
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विस्तार
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कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी को पुलिस लाइन में सलामी देने के मामले में बहराइच पुलिस चर्चा में आ गई है। इसे विपक्ष ने अधिकार का गलत उपयोग बता सवाल उठाया। रील और वीडियो भी तेजी से वायरल किया।

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मामला बढ़ता देख डीजीपी ने गंभीरता दिखाई। उन्होंने पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक से स्पष्टीकरण तलब कर लिया। अक्तूबर माह में पुलिस लाइन मैदान में कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी का धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में पुलिस परेड ग्राउंड का उपयोग किया गया।
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कथावाचक के बहराइच आगमन पर पुलिसकर्मियों द्वारा उन्हें परेड सलामी भी दी गई थी। कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक आरएन सिंह स्वयं यजमान के रूप में मौजूद रहे थे। मामला सामने आने के बाद पुलिस महानिदेशक ने पूरे प्रकरण का संज्ञान लेते हुए पुलिस अधीक्षक से जवाब तलब किया है। पुलिस महानिदेशक ने स्पष्टीकरण तलब करते हुए स्पष्ट किया है कि पुलिस परेड ग्राउंड का उपयोग केवल पुलिस प्रशिक्षण, अनुशासन और आधिकारिक समारोहों के लिए निर्धारित मानकों के अनुसार ही किया जा सकता है।

मामले में एसपी की ओर से जारी प्रेस नोट में कहा गया कि 28 पुलिसकर्मी पूर्व में रिजाइन कर चुके हैं। ऐसे में प्रशिक्षण के दौरान कर्मियों पर मानसिक दबाव न पड़े, इसके लिए योग और मोटिवेशनल कार्यक्रम कराए जाते हैं। इसी क्रम में आचार्य पुंडरीक गोस्वामी को आमंत्रित किया गया था।

हालांकि, प्रेस नोट में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि कथावाचक को पुलिस परेड की सलामी क्यों दिलाई गई। जब इस संबंध में पुलिस अधीक्षक से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया, तो कार्यालय से बताया गया कि वह विश्राम कर रहे हैं।

नगीना सांसद बोले- राज्य किसी धर्म-विशेष की जागीर न

मामले पर पर नगीना सांसद ने सवाल उठाए हैं। नगीना से सांसद चंद्रशेखर ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए प्रशासन की मंशा और प्रोटोकॉल पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने एक्स पर की गई पोस्ट में कहा कि भारत संविधान से चलने वाला गणराज्य है, कोई मठ नहीं, जहां किसी धार्मिक व्यक्ति को सरकारी सम्मान के तौर पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाए।

सांसद चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो का हवाला देते हुए कहा कि भारत कोई मठ नहीं, बल्कि एक संवैधानिक गणराज्य है। राज्य किसी धर्म-विशेष की जागीर नहीं। इस स्पष्ट उल्लेख के बावजूद एक कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा परेड और सलामी दी जाती है यह सिर्फ एक प्रशासनिक गलती नहीं, बल्कि संविधान पर खुला हमला है।

सलामी और परेड राज्य की संप्रभु शक्ति का प्रतीक होती है। यह सम्मान संविधान, राष्ट्र और शहीदों के नाम पर दिया जाता है। किसी कथावाचक, बाबा या धर्मगुरु का रुतबा बढ़ाने के लिए नहीं। यह घटना बताती है कि उत्तर प्रदेश का प्रशासन अब संविधान के प्रति जवाबदेह नहीं, बल्कि धार्मिक सत्ता के आगे नतमस्तक है। यह एक खतरनाक परंपरा की ओर इशारा करता है, जहां राज्य धीरे-धीरे अपने संवैधानिक चरित्र को त्याग रहा है। सांसद चंद्रशेखर की यह पोस्ट काफी चर्चाओं में है।

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