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भाषा विवि : किसान व फैशन डिजाइनर के बच्चों को मिले तीन-तीन स्वर्ण पदक, छात्राओं को 146 में से 99 मेडल

अमर उजाला नेटवर्क, लखनऊ Published by: ishwar ashish Updated Tue, 14 Oct 2025 12:06 PM IST
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सार

ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय का 10वां दीक्षांत समारोह आज मंगलवार को आयोजित किया गया। दीक्षांत की शुरुआत राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की।

Bhasha University's 10th convocation Day
दीक्षांत समारोह में मौजूद छात्र-छात्राएं। - फोटो : amar ujala
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ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय का 10वां दीक्षांत समारोह आज मंगलवार को आयोजित किया गया। दीक्षांत की शुरुआत राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की। इस मौके पर उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी और मुख्य अतिथि के रूप में फ़िल्म निर्देशक मुजफ्फर अली ने मेधावियों का उत्साह बढ़ाया। इस बार कुल 146 पदकों में 99 छात्राओं और 47 पदक छात्रों मिले।



इससे पहले कुलपति ने विश्वविद्यालय की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की जिसमें लैब से लेकर फैकल्टी और एमओयू के बारे में जानकारी दी। इस बार के दीक्षांत के मौके पर सबसे अधिक मेडल पाने वाले  रहमाना के पिता फैशन व डिजाइनर हैं। जबकि धर्मेश यादव के पिता किसान हैं। जबकि अर्पूव द्विवेदी के पिता इंजिनियर हैं। इनको तीन-तीन स्वर्ण पदक मिले हैं। इसके अलावा तनु प्रिया को दो स्वर्ण पदक दिए गए। इसके साथ ही इस बार दो नए मेडल डोरी लाल सागर मेमोरियल स्वर्ण पदक और इतिहास में रामपति देवी स्वर्ण पदक भी छात्रों को दिए गए। इसके आलावा समारोह में कुल 1424 डिग्रियां दी गई।

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सबसे अधिक मेडल पाने वाले बोले मेधावी

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छात्राओं को पदक वितरित करतीं राज्यपाल आनंदी बेन पटेल। - फोटो : amar ujala

मेरा सपना  प्रोफेसर बनना है- रहमाना
दीक्षांत के मौके पर रहमाना ने बताया की उन्हें उर्दू, अरबी फारसी, कला एवं मानविकी संकाय और बीए उर्दू में प्रथम आने पर मुझे तीन स्वर्ण पद मिलें हैं। पिता इजहार सिद्दीकी फैशन डिजाइनर और मां सुमैया गृहिणी हैं। रहमाना ने कहा मेरा सपना है जिस विश्वविद्यालय में पढ़ रही हूं, वहीं प्रोफेसर बनूं।

मुझे इंजीनियर बनना है- अपूर्व
दीक्षांत के मौके पर अपूर्व द्विवेदी ने बताया उन्होंने अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय और बीटेक में प्रथम आने पर तीन स्वर्ण पदक मिलें हैं। वह आईआईटी से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहें हैं। अपूर्व ने कहा मुझे इंजीनियर बनना है। पिता हरिकेश द्विवेदी शिक्षक और मां सरोज द्विवेदी गृहिणी हैं।

असिस्टेंट प्रोफेसर बनना है- धर्मेश
दीक्षांत में धर्मेश यादव ने बताया स्नातक स्तर पर सभी संकाय में प्रथम, विज्ञान संकाय में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने व बीएससी-रसायन में प्रथम आने पर तीन स्वर्ण पदक उन्हें मिलें हैं । पिता बृजकिशोर यादव किसान और मां मनोरमा देवी गृहिणी हैं। उनका सपना असिस्टेंट प्रोफेसर बनना है।

मेरा लक्ष्य प्रोफेसर बनना है- तनु 
दीक्षांत में तनु प्रिया ने बताया कि स्नातक में सामाजिक विज्ञान, बीएड में पहला स्थान मिलने पर दो स्वर्ण पदक मिलें हैं। पिता बज्रनाथ इलेक्टिकल इंजीनियर और मां सुभाषिनी गृहिणी हैं। मेरा लक्ष्य प्रोफेसर बनना है।

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