बसपा: मुश्किल भरे ढाई महीने बाद मायावती ने आनंद पर जताया भरोसा, वापस हुई पर उत्तराधिकार पर संशय बरकरार
Return of Akash Anand: आकाश आनंद एक बार फिर से पार्टी में लौट आए हैं। अब बसपा के राजनीतिक हलकों में सवाल इस बात का है कि आनंद क्या उत्तराधिकारी बनकर आए हैं।

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बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के उत्तराधिकारी एवं नेशनल कोआर्डिनेटर रहे उनके भतीजे आकाश आनंद की दमदार वापसी से साफ हो गया है कि पार्टी अब पुराने ढर्रे पर वापस आने लगी है। आकाश को इस बार ज्यादा अधिकारों के साथ वापस लाया गया है, जो उनके राजनीतिक भविष्य को नया मुकाम दे सकता है। हालांकि बसपा में बीते ढाई महीने से जारी उठापटक से हुए नुकसान की भरपाई कर पाना आसान नहीं है।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार को दिल्ली में आकाश को चीफ नेशनल कोआर्डिनेटर बनाकर साफ कर दिया कि पार्टी में युवा नेतृत्व की जरूरत को नकारा नहीं जा सकता है। आकाश के निष्कासन वापसी के बाद उनके समर्थक लगातार उन्हें कोई अहम पद देने की मांग कर रहे थे। बसपा सुप्रीमो ने उनकी उम्मीदों से बढ़कर आकाश को जिम्मेदारी सौंपी है। इससे पहले आकाश को नेशनल कोआर्डिनेटर और उत्तराधिकारी बनाने के दौरान यूपी और उत्तराखंड से दूर रखा गया था, जबकि इस बार उन्हें पूरे देश में संगठन को मजबूत करने का जिम्मा सौंपा गया है। आकाश की वापसी में उनके पिता आनंद कुमार की भूमिका अहम बताई जा रही है, जिन्होंने बीते दिनों नेशनल कोआर्डिनेटर का पद ठुकरा दिया था। हालांकि उन्होंने मायावती के निर्णयों का सम्मान करते हुए आकाश की वापसी की राह बनाई। साथ ही आकाश के उन करीबियों और समर्थकों को भी चुप कराया गया, जो पार्टी नेतृत्व के फैसलों पर सवाल उठा रहे थे।
मुश्किलों भरे रहे ढाई माह
इससे पहले बीते वर्ष अप्रैल माह में लोकसभा चुनाव के दौरान सीतापुर की जनसभा में दिए भड़काऊ भाषण की वजह से उनसे नेशनल कोआर्डिनेटर और उत्तराधिकारी के पद की जिम्मेदारी वापस ले ली गई थी। उन्होंने भाजपा नेताओं की तुलना आतंकवादियों से की थी, जिसके बाद आकाश समेत कई प्रत्याशियों और पार्टी पदाधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया था। हालांकि बीते ढाई माह आकाश के लिए ज्यादा मुश्किल भरे रहे। मायावती ने आकाश को बीती 2 मार्च को पार्टी से निष्कासित किया था। बीती 13 मार्च को मायावती ने आकाश द्वारा सार्वजनिक रूप से माफी मांगने पर उनका निष्कासन तो वापस लिया, लेकिन उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दी। बसपा में अंदरखाने इसे लेकर तमाम अटकलें लगने लगीं, जिसके बाद मायावती ने 29 अप्रैल को पार्टी पदाधिकारियों से आकाश की तारीफ करते हुए उसका हौसला बढ़ाने को कहा। रविवार को हुई बैठक में आकाश की दमदार वापसी से साफ हो गया कि पार्टी ने अपना नया नेतृत्व तय करने की ओर कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है।