बसपा: मायावती ने किया स्पष्ट, आकाश मेरे उत्तराधिकारी नहीं, सिर्फ पार्टी में वापसी हुई; अशोक को माफी नहीं
Mayawati: बसपा सुप्रीमो मायावती ने स्पष्ट किया है कि भले ही आकाश आनंद की पार्टी में वापसी हो रही हो लेकिन पार्टी में उत्तराधिकारी नहीं हैं।

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बहुजन समाज पार्टी के पूर्व नेशनल कोआर्डिनेटर आकाश आनंद ने पार्टी अध्यक्ष मायावती से माफी मांगी। साथ ही पार्टी से वापस लेने की गुहार भी लगाई। जिसके बाद बसपा सुप्रीमो ने उन्हें दोबारा मौका देने का निर्णय लिया है। हालांकि उन्होंने अपने जीते-जी किसी को भी उत्तराधिकारी नहीं बनाने की बात भी की। उन्होंने कहा कि आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ की गलतियां अक्षम्य हैं। उन्होंने गुटबाजी आदि जैसी घोर पार्टी विरोधी गतिविधियों के साथ-साथ आकाश के कैरियर को भी बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। इसलिए उनको माफ करने व पार्टी में वापस लेने का सवाल ही नहीं पैदा होता है।

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि आकाश आनंद द्वारा आज सार्वजनिक तौर पर अपनी गलतियों को मानने, वरिष्ठों को पूरा आदर-सम्मान देने, भविष्य में अपने ससुर की बातों में नहीं आने तथा पार्टी व मूवमेंट के लिए जीवन समर्पित करने के मद्देनजर इन्हें एक और मौका दिए जाने का निर्णय लिया गया है। पार्टी से निष्कासन के बाद आकाश अपनी तमाम गलतियों के लिए माफी मांगने व आगे ऐसी गलती नहीं करने को लेकर लोगों से लगातार संपर्क करता रहा है। आज उसने सार्वजनिक तौर पर अपनी गलतियों को मानते हुए अपने ससुर की बातों में अब आगे नहीं आने का संकल्प किया है। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि वैसे अभी मैं स्वस्थ हूं। जब तक पूरी तरह से स्वस्थ रहूंगी, कांशीराम की तरह पार्टी व मूवमेंट के लिए पूरे जी-जान व तन्मयता से समर्पित रहकर कार्य करती रहूंगी। ऐसे में मेरे उत्तराधिकारी बनाने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है। मैं अपने निर्णय पर अटल रहूंगी।
आकाश का माफीनामा

आकाश आनंद ने रविवार को सोशल मीडिया पर जारी अपने माफीनामे में कहा कि मैं बसपा अध्यक्ष मायावती को दिल से अपना एकमात्र राजनीतिक गुरु व आदर्श मानता हूं। आज मैं यह प्रण लेता हूं कि पार्टी के हित के लिए मैं अपने रिश्ते-नातों को, खासकर अपने ससुराल वालों को कतई भी बाधा नहीं बनने दूंगा। यही नहीं, बल्कि कुछ दिनों पहले किए गए अपने ट्वीट के लिए भी माफी मांगता हूं, जिसकी वजह से मुझे पार्टी से निकाला गया था। मैं आगे से इस बात को सुनिश्चित करूंगा कि अपने किसी भी राजनीतिक फैसले के लिए किसी भी नाते रिश्तेदार और सलाहकार की कोई सलाह मशविरा नहीं लूंगा। सिर्फ बसपा अध्यक्ष के दिशा-निर्देशों का ही पालन करूंगा। पार्टी में अपने से बड़ों और पुराने लोगों की भी पूरी इज्जत करूंगा और उनके अनुभवों से भी सीखूंगा। उन्होंने मायावती से सभी गलतियों को माफ करके दोबारा पार्टी में कार्य करने का मौका देने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि पार्टी में वापसी के लिए मैं सदैव उनका आभारी रहूंगा। साथ ही, अब मैं आगे ऐसी कोई भी गलती नहीं करूंगा, जिससे पार्टी व मायावती के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान को ठेस पहुंचे।
मैच्योर नहीं आकाश
बता दें कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने आकाश आनंद को पार्टी से बाहर करने पर कहा था कि अभी तक वह राजनीतिक रूप से परिपक्व नहीं हुए हैं। अब मेरे जिंदा रहने तक कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा। पार्टी और मूवमेंट के हित में रिश्ते नातों का कोई महत्व नहीं है। मेरे लिए पार्टी व मूवमेंट पहले है, भाई-बहन व उनके बच्चे तथा अन्य रिश्ते नाते आदि सभी बाद में हैं। वहीं अशोक सिद्धार्थ को लेकर कहा था कि उन्होंने यूपी सहित पूरे देश में पार्टी को दो गुटों में बांटकर कमजोर करने का घिनौना कार्य किया है, जो बर्दाश्त करने लायक नहीं है। उन्होंने आकाश को हटाने के फैसले के लिए उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ को ही जिम्मेदार ठहराते हुए कहा था कि उन्होंने अपने दामाद का राजनीतिक कैरियर खराब कर दिया है।