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सीएम योगी बोले: पहले की सरकारों में नौकरी के नाम पर लिया जाता था पैसा, वोटबैंक ध्यान रखकर होती थी नियुक्ति

अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ Published by: रोहित मिश्र Updated Sun, 07 Sep 2025 07:38 PM IST
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सार

yogi adityanath: अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्तिपत्र सौंपने के दौरान सीएम योगी ने पिछली सरकारों के दौरान होने वाली नियुक्ति प्रक्रिया पर प्रश्न उठाया। 

CM Yogi said: In earlier governments, money was taken in the name of jobs, appointments were made keeping vote
कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी। - फोटो : अमर उजाला।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछड़ी सरकारों में नौकरी के नाम पर युवाओं से रुपये लिए जाते थे। तभी वे चेहरा उठाकर बात नहीं कर पाते थे और इस तरह के आयोजन भी नहीं होता था। लेकिन 8 वर्ष में यूपी में सरकारी व निजी क्षेत्र में नौकरियों की बौछार है। वह रविवार को लोकभवन में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा चयनित 1510 अनुदेशकों के नियुक्ति पत्र वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे।

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मुख्यमंत्री ने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुएकहा कि 8 वर्ष पहले वे नियुक्ति पत्र वितरण के ऐसे इवेंट नहीं कर पाते थे। पहले भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं होती थी, क्योंकि हर प्रक्रिया में कोई न कोई ऐसा व्यवधान होता था, जिस पर न्यायालय द्वारा रोक लगा दी जाती थी। शिक्षक, पुलिस, अनुदेशक की भर्ती हो या किसी अन्य विभाग की इतने रुपये लिए जाते थे कि वे किसी अभ्यर्थी से आंख मिलाकर बात नहीं कर पाते थे। क्योंकि जब व्यक्ति बेईमानी और भ्रष्टाचार का सहारा लेता है तो उसका नैतिक पतन हो जाता है। 
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2017 के पहले सरकार में बैठे लोगों की वजह से यूपी का नौजवान हताश और निराश था। जब नौजवान हताश और निराश होगा तो अर्थव्यवस्था नीचे गिरेगी ही। यूपी में पिछले साढ़े 8 वर्ष के दौरान साढ़े 8 लाख नौजवानों को सरकारी नौकरी उपलब्ध कराई गई। हर महीने किसी न किसी आयोग-बोर्ड के माध्यम से नियुक्ति हो रही है। जो सख्ती की गई, उसका परिणाम है कि निष्पक्ष भर्ती के तहत चयनित युवाओं ने भी ईमानदारी के साथ सरकार का हिस्सा बनकर अपनी प्रतिभा व ऊर्जा का लाभ यूपी को दिया। अब यूपी बीमारू राज्य के लेवल को उखाड़कर भारत के विकास के ग्रोथ इंजन के रूप में सफलता प्राप्त की है। पहले युवाओं को पहचान का संकट था। कहीं कमरा नहीं मिलता था। अब स्थिति यह है कि राज्य 8 वर्ष के अंदर नंबर-2 की अर्थव्यवस्था बनने में सफलता हासिल की है। 

यूपी में अब नौकरियों की बौछार

मुख्यमंत्री ने कहा कि चयनित अनुदेशकों को सिफारिश की नौबत नहीं आई होगी, जिसने तैयारी की, उसका चयन हुआ। दंगामुक्त, गुंडागर्दी, माफिया मुक्त की अवधारणा ने यूपी में बड़े-बडे निवेश को आमंत्रित किया है। 8 वर्ष में 60 लाख से अधिक ऐसे लोगों को नौकरी मिली। इसमें 14 लाख ऐसे नौजवान हैं, जिन्होंने यूपी कौशल विकास के माध्यम से प्रशिक्षण लिया। उन्होंने कहा कि चयनित अनुदेशकों से यह अपेक्षा है कि वे आईटीआई में जाएं तो ईमानदारी के साथ छात्रों को गाइड करें। टाइमपास करने से तत्काल अपने मन को संतुष्ट कर लेंगे, लेकिन समय कभी माफ नहीं करता है। ईमानदारी से किया गया प्रयास परिणाम अवश्य लेकर आता है।

सीएम ने सरकार के प्रयासों से कराया अवगत
सीएम ने कहा कि लखनऊ में व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास के कार्यक्रम के साथ जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ था। चयन करने वाली कंपनी उन्हें एक लाख, 75 हजार, 50 हजार दे रही थी। किसी भी नौजवान का चयन 35 हजार से कम में नहीं हुआ। अब सरकार 300 से अधिक आईटीआई चला रही है। 8 वर्ष में सरकार के स्तर पर 60 नए आईटीआई बनाए गए, निजी क्षेत्र में भी 3000 से अधिक आईटीआई बने हैं। वर्तमान में 100 ऐसे ट्रेड चल रहे हैं, जो ग्लोबल मार्केट की आवश्यक्ताओं की पूर्ति करने के लिए स्किल मैन पॉवर की आपूर्ति कर सकें। 

यदि इलेक्ट्रिशियन व प्लंबरिंग का ट्रेड है तो ऑर्टिफिशियल, रोबोटिक व ड्रोन टेक्नोलॉजी का भी है। उन्होंने कहा कि आज पूर्णिमा है। रात्रि में चंद्रग्रहण लगेगा। अभी गणपति महोत्सव, बारावफात आया, लेकिन कहीं दंगा-गुंडागर्दी नहीं हुई। अयोध्या, काशी, प्रयागराज, गढ़मुक्तेश्वर में लाखों लोग स्नान कर रहे हैं। यूपी में देश में छाए ओडीओपी का जिक्र करते हुए कहा कि हस्तशिल्पी व कारीगर हर व्यवस्था की जान होते हैं। पीईटी की परीक्षा चल रही है। उसमें 25 लाख युवा बैठे हैं। इन युवाओं के लिए अलग-अलग सेक्टर में नौकरी की व्यवस्था करनी है।

हर आईटीआई में करियर काउंसिलिंग सेल खोले व्यावसायिक शिक्षा विभाग

सीएम ने व्यावसायिक शिक्षा विभाग से कहा कि हर आईटीआई में करियर काउंसिलिंग सेल खोले। वहां बच्चों को शुरू से ही प्रशिक्षण दिलाया जा सकता है। प्रदेश में अलग-अलग इंडस्ट्री, मार्केट की डिमांड को देखते रहें। विभिन्न एंबेसी से संवाद बनाएं। अलग-अलग राज्यों, देश व दुनिया में कैसा मैनपॉवर चाहिए, उसी के अनुरूप लैग्वेंज का अभ्यास, ट्रेड विकसित करके, स्किल मैनपॉवर उपलब्ध करा पाएंगे तो यूपी 2047 के पहले-पहले खुद को विकसित करने के उद्देश्य में सफल हो पाएगा।

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