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UP: खुद को मुख्यमंत्री का सुरक्षाकर्मी भी बताता था पकड़ा गया फर्जी NSG कमांडो, अब इसके फेक IAS साथी की तलाश

शुभम अवस्थी, अमर उजाला नेटवर्क, लखनऊ Published by: भूपेन्द्र सिंह Updated Tue, 08 Jul 2025 03:13 PM IST
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सार

लखनऊ में पकड़ा गया फर्जी NSG कमांडो खुद को मुख्यमंत्री का सुरक्षाकर्मी भी बताता था। पुलिस जांच में कई हैरान करने वाले तथ्य सामने आए हैं। अब पुलिस इसके फेक IAS साथी की तलाश में जुटी है। उसके पकड़े जाने के बाद ही यह साफ हो सकेगा कि दोनों गुरू-चेला मिलकर कौन कौन से कांड किए हैं।

fake NSG commando caught who used to call himself security guard of CM now police search his fake IAS partner
फर्जी एनसजी कमांडो रंजन कुमार - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

विस्तार
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राजधानी लखनऊ में सोमवार को आलमबाग के शालीमार गेटवे के पास पकड़ा गया फर्जी एनसजी कमांडो मूलरूप से कुशीनगर के सुजान का रहने वाला रंजन कुमार है। वह लोगों पर रौब गांठने के लिए खुद को मुख्यमंत्री का सुरक्षाकर्मी भी बताता था। इतना ही नहीं बीते तीन मार्च को आरोपी ने अपने पड़ोसी पर मारपीट का मुकदमा भी पीजीआई थाने में दर्ज कराया था। उस समय पीजीआई पुलिस को आरोपी ने अपना परिचय सीएम के सुरक्षाकर्मी के रूप में दिया था। 

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आरोपी शनिवार देर रात आलमबाग बस स्टैंड पर फर्जी एनएसजी कमांडो बनकर परिचालकों पर मुफ्त में यात्रा का दबाव बना रहा था। विरोध पर उसने हंगामा शुरू कर दिया था। इस बीच आलमबाग थाने में तैनात गश्त पर निकले दरोगा संदीप कुमार ने उसे पकड़ा। पुलिस ने आरोपी और शहीद पथ स्थित ओमेक्स अपार्टमेंट के 9वें तल पर रहने वाले फर्जी आईएएस विकास राय के खिलाफ केस दर्ज किया। पकड़ा गया आरोपी वर्तमान में पीजीआई के सरथुवा में रह रहा था। 

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बड़े नेताओं और प्रसिद्ध कथा वाचकों की सुरक्षा में रह चुका तैनात

आरोपी रंजन कुमार कई बड़े नेताओं और प्रसिद्ध कथा वाचक धीरेंद्र शास्त्री और अनिरुद्धाचार्य की सुरक्षा में तैनात रह चुका है। सोशल मीडिया पर आरोपी की कई रील भी वायरल हुई हैं। वह किसी रील में सिपाही की वर्दी में तो किसी में एनएसजी कमांडो की वेशभूषा में दिखा रहा है। रंजन इस कदर वेष बदलने में माहिर है कि अभी तक वह किसी की पकड़ में न आ सका।

मुख्य आरोपी की तलाश में लगी पुलिस

बीते तीन मार्च को जालसाज ने पीजीआई थाने में अपने ही पड़ोसी मयंक लोधी पर उससे मारपीट करने का मुकदमा पीजीआई थाने में दर्ज कराया था। रंजन ने बताया पुलिस से कहा था कि वह सीएम की सुरक्षा ड्यूटी से लौट कर घर जा रहा था। तभी रास्ते में मयंक ने उसे पीट दिया था। 


मारपीट में सुरक्षा में काम आने वाला उपकरण व वॉकी टॉकी टूट गया था। पुलिस ने मामले में मयंक को जेल भेज दिया था। इंस्पेक्टर आलमबाग सुभाष सरोज के मुताबिक, मामले में मुख्य आरोपी फर्जी आईएएस विकास राय की तलाश में पुलिस टीमें लगी हैं। जल्द उसे भी गिरफ्तार किया जाएगा। 

आरोपी ने एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को मिलाया था फोन

पुलिस ने बताया कि जब आरोपी की तलाशी ली गई तो उसमें मिले मोबाइल लॉग में अंतिम नंबर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का था। पूछने पर बताया कि एक संत की पैरवी के लिए कॉल की थी। पीआरओ ने फोन रिसीव किया तो उनसे बात हुई थी। पुलिस का दावा है कि आरोपी के मोबाइल नंबर की सीडीआर खंगाली जा रही है। उसके बाद ही यह साफ होगा कि गुरु-चेला आईएएस व एनएसजी कमांडो बनकर अभी तक कितने की ठगी कर चुके हैं।

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