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Lucknow : सिरप कांड के बाद लाइसेंस प्रणाली सख्त करने का प्रस्ताव, दवा खरीद-बिक्री का देना होगा वीडियो रिकॉर्ड

अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ Published by: Digvijay Singh Updated Tue, 30 Dec 2025 07:09 AM IST
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सार

मुख्यमंत्री के निर्देश पर भेजे गए प्रस्ताव में बताया गया है कि थोक औषधि विक्रय लाइसेंस प्रणाली को पारदर्शी व सख्त करने की जरूरत है। प्रतिष्ठानों की भंडारण क्षमता से लेकर खरीद-फरोख्त का पूरा विवरण फोटो-वीडियो के साथ होना चाहिए।

Following the syrup scandal a proposal has been made to tighten the licensing system in Lucknow
कफ सिरप कांड। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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कोडीन युक्त कफ सिरप कांड के बाद एफएसडीए ने शासन को प्रस्ताव भेजा है। इसमें दवा के थोक प्रतिष्ठानों की जीओ टैगिंग और लाइसेंस प्रणाली को सख्त करने को कहा गया है। वहीं केंद्र सरकार कोडीन युक्त कफ सिरप की बल्क सप्लाई और बिक्री की निगरानी के लिए दिशा निर्देश जारी करे इसको भी प्रस्ताव में प्रमुखता से बताया गया है।

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मुख्यमंत्री के निर्देश पर भेजे गए प्रस्ताव में बताया गया है कि थोक औषधि विक्रय लाइसेंस प्रणाली को पारदर्शी व सख्त करने की जरूरत है। प्रतिष्ठानों की भंडारण क्षमता से लेकर खरीद-फरोख्त का पूरा विवरण फोटो-वीडियो के साथ होना चाहिए। प्रतिष्ठान के टेक्निकल पर्सन का अनुभव प्रमाण ड्रग इंस्पेक्टर सत्यापन करे, इसका प्रावधान बेहद जरूरी बताया गया है।
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इसलिए जरूरी है सख्ती
कोडीन युक्त कफ सिरप मामले की जांच में खुलासा हुआ था कि फर्में विक्रय बिल पेश नहीं कर सकीं। फर्जीवाड़ा करने वाली फर्में केवल कागजों में ही क्रय-विक्रय दर्शाती रहीं। किसी भी फुटकर औषधि प्रतिष्ठान को कोडीनयुक्त कफ सिरप की सप्लाई का कोई साक्ष्य नहीं मिला। 2024-25 प्रदेश में सिरप की सप्लाई वास्तविक चिकित्सीय जरूरत से कई गुना अधिक की गई। इसलिए लाइसेंस प्रणाली से लेकर इस सिरप की बिक्री व निगरानी के लिए सख्त नियम-कानून बनाने की जरूरत है।

बड़े पैमाने पर कार्रवाई, जारी है जांच
कोडीन युक्त कफ सिरप की अवैध बिक्री व फर्जीवाड़े मामले में बड़े पैमाने पर कार्रवाई हो चुकी है। प्रदेश के 36 जिलों में सिरप को अवैध तरीके से बेचे जाने की पुष्टि हुई। 161 फर्मों पर केस दर्ज हुए। जांच में सामने आया है कि 700 करोड़ से अधिक संदिग्ध आपूर्ति की गई। जांच समिति तफ्तीश कर रही है। सिंडीकेट का दायरा बढ़ता जा रहा है। 79 केस दर्ज हो चुके हैं और 85 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

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