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Delhi Blast: UP में खुफिया एजेंसियों की बड़ी हलचल, कई छिपे नेटवर्क होंगे बेनकाब; अल फलाह यूनिवर्सिटी पर शिकंजा

अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ Published by: भूपेन्द्र सिंह Updated Sun, 23 Nov 2025 09:14 AM IST
सार

एनआईए के साथ तीन राज्यों की पुलिस हर संदिग्ध गतिविधि वाले कश्मीरी का रिकॉर्ड खंगाल रही है। इनके रडार पर 250 से ज्यादा कश्मीरी डॉक्टर हैं। आधा दर्जन निजी मेडिकल कॉलेज भी जांच के दायरे में हैं। उनके वित्तीय प्रबंधन की भी जांच हो रही है। आगे पढ़ें पूरा अपडेट...

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Intelligence agencies searching for local hideouts of terrorists in UP more than 250 Kashmiri doctors on radar
यूपी में आतंकियों के ठिकानों तलाश रहीं खुफिया एजेंसियां। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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जैश-ए-मोहम्मद के फरीदाबाद माड्यूल द्वारा दिल्ली में बम विस्फोट की घटना को अंजाम देने के बाद यूपी में सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी जांच तेज कर दी है। खासकर आतंकियों के लोकल ठिकानों को तलाशा जा रहा है। प्रदेश में एजेंसियों के राडार पर 250 से अधिक कश्मीरी मूल के डॉक्टर और छात्र हैं, जिनकी हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। वहीं आधा दर्जन से अधिक अल्पसंख्यक शैक्षिणिक संस्थान भी जांच के दायरे में हैं।

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सूत्रों के मुताबिक, फरीदाबाद माड्यूल का खुलासा होने के बाद आतंकियों का प्रदेश के कई जिलों से कनेक्शन सामने आ चुका है। खासतौर पर कश्मीर के निवासी ऐसे डॉक्टर जो प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में कार्यरत है अथवा मेडिकल की शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, उनका ब्योरा जुटाने के साथ गतिविधियां भी परखी जा रही है। 

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दस्तावेज जम्मू-कश्मीर पुलिस को सत्यापन के लिए भेजे

बीते सप्ताह तक इनकी संख्या करीबन 200 थी, जो अब बढ़कर 250 से अधिक हो चुकी है। वहीं निजी अस्पतालों में काम करने वाले कश्मीरी मूल के डॉक्टर भी जांच के दायरे में हैं। एटीएस ने उनके बारे में जानकारी जुटाने के बाद आपराधिक इतिहास खंगालने के लिए दस्तावेज जम्मू-कश्मीर पुलिस को सत्यापन के लिए भेजा है।

संस्थानों की गतिविधियों पर पैनी नजर

वहीं दूसरी ओर फरीदाबाद में अल फलाह यूनिवर्सिटी पर कानूनी शिकंजा कसने के बाद प्रदेश में मेडिकल की शिक्षा देने वाले आधा दर्जन शैक्षणिक संस्थान भी जांच के दायरे में आ चुके हैं। एटीएस, एलआईयू और स्थानीय पुलिस इन संस्थानों में होने वाली गतिविधियों पर पैनी नजर बनाए हुए है। साथ ही उनके वित्तीय प्रबंधन को भी जांच के दायरे में लाते हुए पड़ताल जारी है। इनमें से अधिकतर संस्थान पश्चिमी उप्र के हैं। वहीं राजधानी का एक संस्थान भी जांच के दायरे में आ चुका है।

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