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UP: रियाजुद्दीन को पूछताछ के बाद छोड़ा, खाते में पाकिस्तान से 1 महीने में 70 लाख की रकम हुई थी ट्रांसफर
अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ
Published by: ishwar ashish
Updated Tue, 14 Nov 2023 05:54 PM IST
सार
गाजियाबाद के रियाजुद्दीन को पाकिस्तान से संदिग्ध लेनदेन में पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। यूपी एसटीएस मामले की पड़ताल में जुटी है।
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प्रतीकात्मक तस्वीर।
- फोटो : प्रयागराज
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विस्तार
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से टेरर फंडिंग के लिए बिहार के एक बैंक खाते में 70 लाख रुपये आने के बाद शक के आधार पर पकड़े गये गाजियाबाद निवासी रियाजुद्दीन को खुफिया एजेंसियों ने पूछताछ के बाद छोड़ दिया है। सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में रियाजुद्दीन की टेरर फंडिंग में संलिप्तता के प्रमाण नहीं मिलने पर उसे जाने दिया गया। हालांकि यूपी एटीएस और आईबी इस मामले की पड़ताल में जुटी हैं।
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बता दें कि गाजियाबाद के थाना भोजपुर के फरीदनगर निवासी रियाजुद्दीन का केनरा बैंक में खाता है। फरीदनगर स्थित बैंक शाखा के उसके खाते में मार्च 2022 से अप्रैल 2022 के बीच 75 लाख रुपये अलग-अलग बैंक खातों से भेजे गए थे। इस संदिग्ध लेन-देन का पता लगने पर इसकी सूचना खुफिया एजेंसियों को दी गयी थी।
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जांच में सामने आया कि रियाजुद्दीन और बिहार के पश्चिमी चंपारण निवासी इजहारुल हक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर टेरर फंडिंग के लिए पैसा मंगा रहे हैं। रियाजुद्दीन के बैंक खाते में इजहारुल का मोबाइल नंबर भी लिंक किया गया था और उसका संचालन भी वही कर रहा था। खाते में आने वाली धनराशि को अलग-अलग लोगों के बैंक खातों में ट्रांसफर भी किया जा रहा था।
जांच में सामने आया कि इजहारुल विभिन्न मोबाइल एप के जरिए आईएसआई के एजेंटों के संपर्क में है। आईबी की इस सूचना पर यूपी एटीएस ने 10 नवंबर को रियाजुद्दीन और इजहारुल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। सोमवार को एटीएस की टीम ने रियाजुद्दीन को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ की।
इस दौरान आईबी और एनआईए के अधिकारी भी मौजूद थे। हालांकि पूछताछ के दौरान आईएसआई के साथ उसकी संलिप्तता का कोई ठोस प्रमाण नहीं मिल सका, जिसके बाद उसे जाने दिया गया। एटीएस की टीम अब इजहारुल को तलाश रही है।