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KGMU: जंक फूड खाने वाली किशोरियों को खा रहा एनीमिया, क्वीन मेरी के अध्ययन में हुआ खुलासा, पढ़ें- ये रिपोर्ट

अमर उजाला नेटवर्क, लखनऊ Published by: ishwar ashish Updated Thu, 30 Oct 2025 10:18 AM IST
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सार

यह अध्ययन 12-15 वर्ष की 150 ग्रामीण और शहरी किशोरियों पर अध्ययन किया गया। इसमें 25% किशोरियां ऐसी थीं जो हर दिन जंक फूड खाती थीं। वहीं, 71% कभी-कभी भोजन की जगह जंक फूड खाती थीं। यहां पढ़ें पूरी रिपोर्ट: 

KGMU: Junk food eating adolescent girls are suffering from anemia
प्रतीकात्मक तस्वीर। - फोटो : Adobe Stock
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विस्तार
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जंक फूड से मोटापा, हृदय रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, पाचन संबंधी बीमारियों का खतरा तो था ही। अब जंक फूड किशोरियों में एनीमिया के खतरे को भी बढ़ा रहा है। केजीएमयू के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग क्वीन मेरी के एक अध्ययन में इसका खुलासा हुआ है। अध्ययन में शहरी और ग्रामीण, दोनों क्षेत्रों की 150 किशोरियों पर किए गए सर्वे में 89% में एनीमिया के मामले देखने को मिले।



क्वीन मेरी की नोडल ऑफिसर प्रो. (डॉ.) सुजाता देव और काउंसलर सौम्या सिंह की ओर से 12-15 वर्ष की 150 ग्रामीण और शहरी किशोरियों पर अध्ययन किया गया। इसमें 25% किशोरियां ऐसी थीं जो हर दिन जंक फूड खाती थीं। वहीं, 71% कभी-कभी भोजन की जगह जंक फूड खाती थीं। इनमें से 89% किशोरियां एनीमिया ग्रस्त मिलीं। 26.6% में हल्का एनीमिया, 42.6% में मध्यम और 19.3% में गंभीर एनीमिया पाया गया।
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26% ही करती हैं हरी सब्जियों का सेवन
अध्ययन में पाया गया कि एनीमिया ग्रस्त किशोरियों में सिर्फ 26% ही प्रतिदिन हरी सब्जियों का सेवन करती थीं। 16.6% ही विटामिन सी का सेवन करती थीं जबकि 25% हर दिन जंक फूड खाती थीं।

71% ने कभी-कभी भोजन की जगह जंक फूड खाने की बात स्वीकार की। 74% किशोरियों को एनीमिया के बारे में पहले से पता था, फिर भी वह इससे प्रभावित मिलीं। 52.6% किशोरियों ने आयरन-फोलिक एसिड टैबलेट और 43.3% ने अल्बेंडाजोल का सेवन कर रखा था।

जानिए, क्या है एनीमिया
- एनीमिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में पर्याप्त मात्रा में स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाएं नहीं होती हैं, जिससे ऊतकों तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती।
- इसके आम लक्षणों में थकान, पीली त्वचा, चक्कर आना और सांस लेने में तकलीफ शामिल हैं। यह अक्सर आयरन, विटामिन बी 12 या फोलेट की कमी के कारण होता है।

घर के भोजन को दें प्राथमिकता
- प्रो. सुजाता देव बताती हैं कि घर के भोजन को प्राथमिकता देकर जंक फूड खाने की आदत छुड़ाई जा सकती है। इसके लिए खानपान व जीवनशैली में कुछ बदलाव करने चाहिए।
- हर दिन फाइबर और प्रोटीन युक्त फल, हरी सब्जियां और साबुत अनाज को आहार शामिल करना चाहिए।
- क्रैविंग के दौरान भी बाहर के खाने से बचना चाहिए। ऐसे समय में पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए।
- कई बार तनाव की वजह से भी जंक फूड की आदत पड़ जाती है, इसलिए तनाव को नियंत्रित करके भी जंक फूड को ना किया जा सकता है।

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