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Khadi Mahotsav: खादी महोत्सव में 3.20 करोड़ की रिकॉर्ड बिक्री, पिछले वर्ष से 42% की वृद्धि

अमर उजाला नेटवर्क, लखनऊ Published by: ishwar ashish Updated Mon, 01 Dec 2025 05:39 PM IST
सार

‘धागे से धरोहर तक’ थीम पर आयोजित खादी महोत्सव में बीते वर्ष की तुलना में इस बार 42 प्रतिशत की अधिक बिक्री हुई। खास बात है कि ब्रांड खादी युवाओं को भी खूब भाया।

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Khadi Mahotsav: Record sales of Rs 3.20 crore at Khadi Mahotsav, a 42% increase from last year
खादी महोत्सव में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना जी ने भी खरीदारी की। - फोटो : amar ujala
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विस्तार
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लखनऊ के गोमतीनगर स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित 10 दिवसीय खादी महोत्सव-2025 में इस बार बिक्री ने नया रिकॉर्ड बनाया। 'धागे से धरोहर तक' थीम पर हुए आयोजन में कुल कारोबार ₹3.20 करोड़ तक पहुंचा, जो पिछले वर्ष की ₹2.25 करोड़ की तुलना में लगभग 42% अधिक है। अंतिम दिन खरीदारी का दबाव सबसे अधिक रहा और देर शाम तक स्टॉलों पर भीड़ बनी रही। खादी वस्त्र, हर्बल उत्पाद, जूट हस्तशिल्प और माटी कला इस बार ग्राहकों की पहली पसंद रहे।

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महोत्सव में खादी संस्थाओं के 32, ग्रामोद्योग के 120 और माटी कला के 08 स्टॉल सहित कुल 160 उद्यमियों ने भाग लिया। लखनऊ, मुजफ्फरनगर, बाराबंकी, गोरखपुर सहित विभिन्न जिलों से आए कारीगरों ने बताया कि इस वर्ष न केवल भीड़ बढ़ी, बल्कि खरीदारी को लेकर उत्साह भी पहले की तुलना में ज्यादा देखा गया।
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स्वराज्य आश्रम के प्रेम कुमार, ग्राम सेवा संस्थान के सतेन्द्र कुमार, मुजफ्फरनगर के अब्बास अंसारी, जूट आर्टिज़न्स की अंजलि सिंह, बाराबंकी के प्रेमचन्द्र और रॉयल हनी के प्रो. नितिन सिंह के अनुसार इस बार 'युवा ग्राहकों की उपस्थिति' विशेष रूप से उल्लेखनीय रही, जिसने बिक्री को नया आयाम दिया।

पूरे आयोजन में युवाओं, छात्रों और महिलाओं की लगातार उपस्थिति रही। आगंतुकों ने बताया कि एक ही जगह पर खादी, स्थानीय शिल्प और प्राकृतिक उत्पादों की इतनी व्यापक रेंज मिलना एक दिलचस्प और भरोसेमंद अनुभव रहा। समापन अवसर पर बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी शिशिर ने उद्यमियों और आयोजन टीम को धन्यवाद देते हुए कहा कि खादी अब केवल परिधान का विकल्प नहीं, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर और आधुनिक उपभोक्ता दोनों की साझा पहचान बन चुकी है।

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