यूपी : दो दिनों के लिए बढ़ाया गया लॉकडाउन, अब गुरुवार सुबह सात बजे तक रहेगी बंदी
इसके पहले शुक्रवार शाम आठ बजे से मंगलवार सुबह सात बजे तक लॉकडाउन घोषित किया गया था जो दो दिन के लिए और बढ़ा दिया गया है।
विस्तार
यूपी में कोरोना से भयावह होते हालात और हाईकोर्ट द्वारा कई बार संपूर्ण लॉकडाउन लगाने का आदेश मिलने के बाद यूपी सराकर ने लॉकडाउन दो दिनों के लिए और बढ़ाने का निर्णय लिया है। अब 6 मई मतलब गुरुवार सुबह सात बजे तक बंदी रहेगी।
बता दें कि इसके पहले शुक्रवार शाम आठ बजे से मंगलवार सुबह सात बजे तक लॉकडाउन घोषित किया गया था जो दो दिन के लिए और बढ़ा दिया गया है। ये आदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-9 के साथ बैठक में दिए हैं।
29 अप्रैल को योगी सरकार ने प्रदेश में शुक्रवार शाम आठ बजे से मंगलवार सुबह सात बजे तक लॉकडाउन करने का निर्णय लिया था और आज तीन मई को दो दिनों के लिए और बढ़ा दिया है। जो कि दिखाता है कि यूपी में हालात कितने मुश्किल होते जा रहे हैं।
यूपी में कोरोना: दो दिनों के लिए बढ़ाया गया लॉकडाउन, 10 प्वाइंट में जानें क्या रहेगा बंद और क्या खुला
दरअसल, पिछले दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश में कोरोना की स्थिति पर सुनवाई करते हुए दो दिनों के लॉकडाउन को नाकाफी बताते हुए कहा था कि सरकार ने अपने विवेक के अनुसार संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए दो दिन का लॉकडाउन लगाया है साथ ही अन्य पाबंदियां भी लागू की हैं पर संक्रमण के नए मामलों को देखते हुए यह निरर्थक ही लग रहा है। ये उपाय नाकाफी प्रतीत होते हैं। हाईकोर्ट ने लंबे लॉकडाउन को प्रदेश के लिए जरूरी बताया था। सरकार का यह फैसला हाईकोर्ट के आदेश की निगाह से ही देखा जा रहा है।
16 अप्रैल को 35 घंटे का लॉकडाउन लगाने की घोषणा की थी...
इसके भी पहले प्रदेश सरकार ने 16 अप्रैल को 35 घंटे का लॉकडाउन लगाने की घोषणा की थी जो कि शनिवार रात आठ बजे से शुरू होकर सोमवार सुबह सात बजे तक लागू था। हालांकि, संशोधन करते हुए फिर शुक्रवार रात आठ बजे से सोमवार सात बजे तक लॉकडाउन का निर्णय लिया गया था।
इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने मॉस्क न पहनने वालों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। बिना मास्क के बाहर निकलने वालों पर पहली बार एक हजार रुपये जुर्माना लिया जाएगा। दूसरी बार 10 गुना ज्यादा जुर्माना देना होगा। प्रदेश सरकार ने कोरोना प्रोटोकॉल कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री योगी ने अफसरों संग बैठक में कहा कि कोविड का वर्तमान स्ट्रेन लगातार रूप बदल रहा है। यह पहली लहर की तुलना में 30 से 50 गुना अधिक संक्रामक है। कुछ केस में देखा गया है कि कोविड टेस्ट में भी इसकी पुष्टि नहीं हो रही है, जबकि सी टी स्कैन में पता लग रहा कि लंग्स कोविड से प्रभावित है। ऐसे में हमें और सतर्कता के साथ काम करने की जरूरत है।
राज्य स्तर पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों का एक सलाहकार पैनल तैयार किया जाए
उन्होंने निर्देश दिया कि कोविड पर प्रभावी नियंत्रण और आवश्यक रणनीति के लिए राज्य स्तर पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों का एक सलाहकार पैनल तैयार किया जाए। यह पैनल राज्य स्तरीय टीम-09 को समय-समय पर आवश्यक परामर्श देगी। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का परामर्श रणनीति तैयार करने में उपयोगी होगा।
इसके अलावा उन्होंने अफसरों को ये निर्देश दिए:
- कोविड से संबंधित कार्यों में संलग्न सभी स्वास्थ्यकर्मियों, चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ, हाउसकीपिंग स्टाफ, स्वच्छता कर्मी, आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं आदि की सेवाएं सेवाभाव और कर्तव्यपरायणता का उत्कृष्ट उदाहरण है। सरकार ऐसे कार्मिकों को प्रोत्साहन स्वरूप अतिरिक्त मानदेय प्रदान करेगी।अस्पतालों में सेवारत चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ को कोविड सेवा के दिवसों के लिए वर्तमान वेतन/मानदेय का 25 फीसदी अतिरिक्त देय होगा।इसी प्रकार अन्य कोरोना वॉरियर्स के लिए भी अतिरिक्त मानदेय प्रदान किया जाएगा। यह अतिरिक्त मानदेय ड्यूटी के उपरांत इनके आइसोलेशन अवधि के लिए भी दिया जाएगा। मेडिकल/नर्सिंग अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं की सेवाएं भी कोविड सेवा कार्य में ली जाएंगी, सेवानिवृत्त स्वास्थ्य कर्मियों, अनुभवी चिकित्सकों, एक्स सर्विस मैन के अनुभवों का भी लाभ लिया जाए, उन्हें भी कोविड कार्य से जोड़ा जाए। सभी को नियमानुसार मानदेय प्रदान किया जाएगा। इस संबंध में यथाशीघ्र आदेश जारी कर दिया जाए।
- कोविड संक्रमण की स्थिति को देखते हुए प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है। मेडिकल एजुकेशन, स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ निजी अस्पतालों को भी कोविड मरीजों के उपचार के लिए क्रियाशील किया गया है। लखनऊ और वाराणसी में डीआरडीओ के सहयोग से सभी सुविधाओं से युक्त नया कोविड अस्पताल भी तैयार जा रहा है। जल्द ही केजीएमयू में 140 बेड और बढ़ जाएंगे। लखनऊ में ही कैंसर हॉस्पिटल में विशेष कोविड डेडिकेटेड सेंटर जल्द क्रियाशील हो जाएगा। प्रदेश के सभी जिलों में बेड बढ़ोतरी की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। यह कार्य प्राथमिकता के आधार पर होनी चाहिए।
टीम-9 की तर्ज पर जनपदों में भी विशेष टीम गठित करने की आवश्यकता
- कोविड प्रबंधन को और व्यवस्थित करने के लिए जिलों में सेक्टर प्रणाली को और प्रभावी ढंग से लागू की जाए। सेक्टर मैजिस्ट्रेट क्षेत्रों में लगातार भ्रमण करें। हॉस्पिटल के बाहर भी यह लोग भ्रमण करते रहें, लोगों की मदद करते रहें। हर छोटी-बड़ी गतिविधियों पर सीधी नजर रखें। हर जरूरतमंद को सरकारी नीतियों के अनुरुप सभी जरुरी मदद उपलब्ध कराएं। यह व्यवस्था जनहित में उपयोगी होगी।
- कोविड संक्रमण से गांवों को सुरक्षित रखने के लिए 5 मई से विशेष कोविड टेस्टिंग अभियान शुरू हो रहा है। इस अभियान के तहत निगरानी समितियां घर-घर जाकर लोगों का इंफ्रारेड थरमामीटर से जांच करेंगी, पल्स ऑक्सीमीटर से लोगों का ऑक्सीजन लेवल चेक किया जाएगा। इसके उपरांत कोविड लक्षण युक्त अथवा संदिग्ध लोगों की एंटीजन जांच कराई जाएगी। टेस्ट की रिपोर्ट और मरीज की स्थिति के आधार पर उसे होम आइसोलेशन, इंस्टिट्यूशनल क्वारन्टीन अथवा अस्पताल में इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। होम आइसोलेशन में रखे जाने से पूर्व मरीज को मेडिकल किट दी जाए उसे जरूरी सावधानियों के बारे में विधिवत जानकारी दी जाए। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस वृहद अभियान के सम्बंध में टेस्ट किट, आरआरटी की संख्या आदि में बढ़ोतरी सहित सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली जाए।
- होम आइसोलेशन में उपचाराधीन लोगों को जरूरत के अनुसार ऑक्सीजन जरूर उपलब्ध कराया जाए। यह व्यवस्था सभी जिलों में प्रभावी ढंग से लागू की जाए। यदि किसी मरीज का परिजन सिलिंडर रीफिलिंग के लिए प्रयासरत हो तो उसकी मदद की जाए। अपर मुख्य सचिव, गृह इस संबंध में आवश्यकतानुसार कार्यवाही सुनिश्चित कराएं।
बीते 24 घंटों में 38,687 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए हैं
- बीते 24 घंटों में प्रदेश में 29,192 नए कोविड केस की पुष्टि हुई है, जबकि इसी अवधि में 38,687 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए हैं। प्रदेश में अब तक 10,43,134 लोगों ने कोविड को हराकर आरोग्यता प्राप्त की है। यह स्थिति संतोषप्रद है। प्रदेश में नए कोविड केस कम हो रहे हैं, जबकि रिकवरी दर बेहतर हो रही है।
- उत्तर प्रदेश सर्वाधिक टेस्टिंग करने वाला राज्य है। बीते 24 घंटों में 2,29,440 सैम्पल टेस्ट हुए, जिसमें 1,29,000 टेस्ट केवल आरटीपीसीआर माध्यम से हुए। 'टेस्ट, ट्रैक ट्रीट' के मंत्र के अनुरूप कार्यवाही तेजी से की जाए।
- प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति बेहतर करने के लिए सभी जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं। कल सवा सात सौ मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई है। ऑक्सीजन ऑडिट की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर अनावश्यक खपत में कमी आई है। नाइट्रोजन प्लांट में तकनीकी परिवर्तन करके उस से ऑक्सीजन गैस बनाने कीकी भी कार्यवाही की जा रही है। गन्ना विकास विभाग एवं आबकारी विभाग द्वारा चीनी मिलों और डिस्टिलरीज में ऑक्सीजन जेनेरेशन की दिशा में विशेष प्रयास किये जा रहे हैं।एमएसएमई इकाइयों से भी सीधे अस्पतालों को जोड़कर आपूर्ति कराई जा रही है। नए ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की कार्यवाही तेजी से पूरी की जाए। इसकी हर दिन समीक्षा की जाए।
जामनगर से 40 टन ऑक्सीजन के साथ ऑक्सीजन एक्सप्रेस आएगी
- बरेली और मुरादाबाद व आसपास के क्षेत्रों में सुचारु आपूर्ति के लिए कल ट्रेन संचालित की गई। आगरा में वायु सेवा से ऑक्सीजन पहुंचाया गया है। अगले एक-दो दिवस के भीतर जामनगर (गुजरात) से 40 टन ऑक्सीजन के साथ ऑक्सीजन एक्सप्रेस आएगी। इसी प्रकार, जमशेदपुर से 10 टैंकरों वाली एक ट्रेन आज चलेगी। पश्चिम बंगाल से भी टैंकर से ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही है। सभी जिलों में आक्सीजन की जरूरत पर नजर रखी जाए।
- कोविड इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर मरीज के परिजनों के साथ संवेदनशील व्यवहार किया जाना अपेक्षित है। हमारा सहयोगपूर्ण रवैया परिजन के लिए इस आपदाकाल में बड़ा सम्बल होगा। हेल्पलाइन में सेवाएं दे रहे कार्मिकों समुचित जानकारी दें। यदि कोई व्यक्ति किसी मरीज़ के लिए ऑक्सीजन सिलिंडर की रीफिलिंग के लिए जा रहा है तो उसे यथासंभव सहयोग करे उसे रोका न जाए। अस्पताल में भरती मरीज़ों के परिजनों को दिन में कम से कम एक बार उनके मरीज के स्वास्थ्य की जानकारी जरूर दी जाए। स्वास्थ्य मंत्री इस व्यवस्था को सुनिश्चित कराएं।
- कोविड प्रबंधन में इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर की भूमिका रीढ़ की तरह है। सभी जिलों में इसे और प्रभावी बनाने की जरूरत है। होम आइसोलेशन में उपचाराधीन लोगों से हर दिन संवाद बनाया जाना चाहिए। सीएम हेल्पलाइन,आइसीसीसी सहित सभी हेल्पलाइन पर कार्यरत कार्मिक मरीजों/परिजनों को सही और समुचित जानकारी देना सुनिश्चित करें। उनके साथ संवेदनशील व्यवहार किया जाए।स्वास्थ्य राज्य मंत्री लखनऊ के आइसीसीसी का औचक निरीक्षण कर व्यवस्था की पड़ताल करें।
फील्ड में तैनात सभी अधिकारी एक्टिव मोड में रहें
- होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे लोगों को मेडिकल किट जरूर उपलब्ध कराएं। प्रदेश में आवश्यक दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। जितनी जल्दी इलाज शुरू होगा, स्वास्थ्य लाभ भी उतना ही शीघ्र होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में निगरानी समितियों को इस कार्य में सक्रिय किया जाए।
- सभी डीएम/सीएमओ अपने जनपद के जनप्रतिनिधियों एवं क्षेत्रीय जनता के सतत संपर्क में रहें। जनप्रतिनिधियों का अनुभव और मार्गदर्शन कोविड प्रबंधन में सहायक होगा। फील्ड में तैनात सभी अधिकारी एक्टिव मोड में रहें।
- स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फाॅगिंग कार्य युद्ध स्तर पर किया जाए। इसके लिए फायर विभाग के वाहनों का भी उपयोग किया जाए। मास्क के अनिवार्य उपयोग के सम्बन्ध में प्रवर्तन की कार्यवाही प्रभावी ढंग से जारी रखी जाए। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में निगरानी समिति पूरी सक्रियता से कार्य करें। औद्योगिक इकाइयों में कोविड प्रोटोकाॅल का पालन कराते हुए गतिविधियां संचालित की जाएं।