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Lucknow: जीवित प्रमाणपत्र बनाने और बेटे-बेटी की गिरफ्तारी का डर दिखाकर 5.66 लाख ठगे, ऐसे फंसे लोग
अमर उजाला नेटवर्क, लखनऊ
Published by: ishwar ashish
Updated Thu, 20 Nov 2025 03:41 PM IST
सार
साइबर जालसाज ने जीवित प्रमाणपत्र के वेरिफिकेशन के लिए बैंक खाते का ब्योरा मांगा और कई बार में चार लाख 67 हजार रुपये पार कर दिए।
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- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
जीवित प्रमाणपत्र बनवाने और बेटे-बेटी की गिरफ्तारी का भय दिखाकर साइबर जालसाजों ने दो लोगों से पांच लाख 66 हजार रुपये हड़प लिए। ठगी के शिकार पीड़ितों ने गाजीपुर थाने में केस दर्ज कराया है। पुलिस का कहना है कि साइबर सेल की मदद से छानबीन की जा रही है।
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इंदिरानगर के सी ब्लॉक निवासी धनीराम नौडियाल के मुताबिक चार नवंबर को वह पंजाब नेशनल बैंक की एचएएल शाखा में ईपीएफओ पेंशन से संबंधित जीवित प्रमाण देने गए थे। वहां मोबाइल एप से उनका फोटो लेकर जीवित प्रमाण की सूचना फोन पर मेसेज के जरिये भेजने की बात कही गई।
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10 नवंबर को पीड़ित के पास अंजान नंबर से वीडियो कॉल आई। फोन करने वाले ने जीवित प्रमाणपत्र के वेरिफिकेशन के लिए बैंक खाते का ब्योरा मांगा। उन्होंने सारी जानकारी दे दी। 12 नवंबर की रात ठग ने उनके खाते से कई बार में चार लाख 67 हजार रुपये पार कर दिए।
उधर, ए ब्लॉक इंदिरानगर निवासी जयराम निषाद के पास पांच नवंबर को कॉल आई। कॉल उनकी पत्नी ने उठाई। आरोप है कि कॉल करने वाले ने खुद को पुलिसकर्मी बताया। आरोपी ने उनके बेटे व बेटी को गिरफ्तार करने की बात कही और छोड़ने के एवज में एक लाख रुपये मांगे। ठग ने फोन पर बेटे से बात कराई।
परेशान होकर जयराम ने कई बार में ठग के बताए गए खाते में 99 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। बाद में उन्होंने बेटे से संपर्क किया तो पता चला कि वह ठीक है। इसके बाद जयराम को ठगी का एहसास हुआ। पुलिस का कहना है कि जिस नंबर से फोन आया था, उसके बारे में जानकारी की जा रही है। साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।