Lucknow: केजीएमयू का रेजिडेंट निलंबित.. मुकदमा दर्ज, धर्मांतरण करने का आरोप; बोला था- मैं कुंवारा हूं
केजीएमयू में धर्मांतरण के आरोप का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। आरोपी रेजिडेंट डॉक्टर को निलंबित कर मुकदमा दर्ज किया गया है। विशाखा कमेटी जांच कर रही है और आरोपी से कुंवारा होने के सबूत मांगे गए हैं।
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केजीएमयू में धर्मांतरण के प्रयास का मामला बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को आरोपी पुरुष रेजिडेंट डॉक्टर को निलंबित कर दिया गया। उसके विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई। उसके खिलाफ मुदकाम भी दर्ज कर लिया गया।
वहीं, सोमवार को कुलपति के निर्देश पर इसे विशाखा कमेटी को सौंप दिया गया। कमेटी ने जांच शुरू कर दी है। प्रारंभ में पीड़ित रेजिडेंट डॉक्टर और आरोपी पुरुष रेजिडेंट डॉक्टर के बयान दर्ज किए गए थे। इस दौरान आरोपी डॉक्टर ने खुद को कुंवारा बताया था, तो कमेटी ने उससे कुंवारे होने के सबूत मांगे थे।
जांच का जिम्मा मिलने के बाद विशाखा कमेटी ने पहले पीड़िता और आरोपी डॉक्टर को कई बार फोन किया, संपर्क नहीं हो सका, जिसके बाद दोनों को व्हाट्सएप के जरिये लिखित सूचना भेजी गई। इसके बाद दोनों से संपर्क हो पाया। इस दौरान आरोपी रेजिडेंट ने बीमारी का हवाला देकर छुट्टी मांगी, लेकिन विभागाध्यक्ष ने छुट्टी देने से इन्कार कर दिया।
पीड़िता और आरोपी दोनों विशाखा कमेटी के समक्ष पेश हुए
वहीं, सोमवार को दोपहर बाद पीड़िता और आरोपी दोनों विशाखा कमेटी के समक्ष पेश हुए थे। दोनों के बयान दर्ज किए गए थे। कमेटी के सामने आरोपी डॉक्टर ने खुद को कुंवारा बताया था और पूर्व में एक अन्य महिला डॉक्टर से शादी की बात से इन्कार किया। केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. केके सिंह ने बताया कि पीड़िता ने लिखित शिकायत में आरोपी की पहली डॉक्टर पत्नी का उल्लेख किया है, इसलिए कमेटी ने आरोपी से कुंवारा होने के सबूत मांगे हैं।
वहीं, केजीएमयू पैथोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. सुरेश बाबू ने बताया कि विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुप में भ्रामक सूचनाएं फैलाई जा रही हैं। मैं पीड़िता के साथ हूं और दोषी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का पक्षधर हूं। कमेटी ने कहा है कि शिकायत में जिन महिला डॉक्टर का जिक्र है, उन्हें भी पेश किया जाए। यदि यह संभव नहीं हुआ तो आरोपी को शपथपत्र देना होगा, जिसमें कुंवारा होने और किसी भी वैवाहिक या निजी संबंध से इन्कार दर्ज हो।
यह है मामला
केजीएमयू पैथोलॉजी विभाग में पश्चिम बंगाल की महिला रेजिडेंट डॉक्टर के पिता ने उत्तराखंड के खटीमा निवासी पुरुष रेजिडेंट डॉक्टर पर बेटी का धर्मांतरण कराने के प्रयास का आरोप लगाया है। शिकायत मुख्यमंत्री और राज्य महिला आयोग को भेजी गई है।
पिता का आरोप है कि आरोपी ने शादी से पहले धर्म बदलने का दबाव बनाया और इन्कार करने पर लगातार परेशान किया। इसी कारण 17 दिसंबर को पीड़िता ने आत्महत्या का प्रयास किया। उसका इलाज ट्रॉमा सेंटर की आईसीयू में चला और शुक्रवार को हालत में सुधार के बाद डिस्चार्ज किया गया।
