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Lucknow News: मरीज का डायरेक्ट एंटीरियर अप्रोच विधि से कूल्हा प्रत्यारोपण हुआ
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मरीज का डायरेक्ट एंटीरियर अप्रोच विधि से कूल्हा प्रत्यारोपण हुआ
- आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त हुई सर्जरी, अस्पताल प्रशासन का दावा पहली
दफा इस विधि से सर्जरी हुई
माई सिटी रिपोर्टर
लखनऊ। ठाकुरगंज टीबी संयुक्त अस्पताल में महिला का आयुष्मान योजना से
कूल्हा प्रत्यारोपण किया गया है। खास बात है कि प्रत्यारोपण के बाद महिला
मरीज पलथी मारकर जमीन पर बैठ सकेगी। खेती बाड़ी भी कर सकती है। अस्पताल
प्रशासन का दावा है कि पहली बार डायरेक्ट एंटीरियर अप्रोच (डीएए) विधि से
कूल्हे के जोड़ का प्रत्यारोपण किया गया है।
बीकेटी की रहने वाली महिला गुड्डी (58) का सड़क हादसे में जख्मी हो गई थी।
इससे उनका कूल्हे का गोला टूट गया था। दो माह तक परिजन मरीज को निजी
डॉक्टरों को दिखाते रहे, लेकिन राहत नहीं मिली। पांच दिन पहले परिवारीजनों
ने ठाकुरगंज अस्पताल में आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. राजेश प्रजापति को ओपीडी में
दिखाया। डॉ. राजेश ने जांच करवाकर कूल्हा प्रत्यारोपण की सलाह दी।
परिवारीजन ऑपरेशन के लिए राजी हो गए। डॉ. राजेश ने बताया कि अस्पताल में
पहली बार डायरेक्ट एंटीरियर अप्रोच (डीएए) विधि से कूल्हा प्रत्यारोपण किया
गया। इस विधि में कूल्हे के जोड़ के प्रत्यारोपण के लिए एक न्यूनतम इनवेसिव
सर्जिकल विधि का प्रयोग किया जाता है, जिसमें जांघ के सामने से चीरा लगाकर
मांसपेशियों के बीच के प्राकृतिक अंतराल से कूल्हे के जोड़ तक पहुंचा जाता
है। इस विधि में प्रमुख मांसपेशियों को काटने की बजाए उनके बीच से रास्ता
बनाया जाता है, जिससे सर्जरी के बाद दर्द कम होता है। रिकवरी तेजी से होती
है। अस्पताल सीएमएस डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि मरीज का आयुष्मान योजना के
तहत नि:शुल्क ऑपरेशन किया गया है। ऑपरेशन करने वाली टीम में डॉ. राजेश
प्रजापति, डॉ. शाहिद अंसारी, डॉ. एके पांडेय, नर्स नीतू और श्वेता शामिल रहे।
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कूल्हा प्रत्यारोपण किया गया है। खास बात है कि प्रत्यारोपण के बाद महिला
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प्रशासन का दावा है कि पहली बार डायरेक्ट एंटीरियर अप्रोच (डीएए) विधि से
कूल्हे के जोड़ का प्रत्यारोपण किया गया है।
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इससे उनका कूल्हे का गोला टूट गया था। दो माह तक परिजन मरीज को निजी
डॉक्टरों को दिखाते रहे, लेकिन राहत नहीं मिली। पांच दिन पहले परिवारीजनों
ने ठाकुरगंज अस्पताल में आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. राजेश प्रजापति को ओपीडी में
दिखाया। डॉ. राजेश ने जांच करवाकर कूल्हा प्रत्यारोपण की सलाह दी।
परिवारीजन ऑपरेशन के लिए राजी हो गए। डॉ. राजेश ने बताया कि अस्पताल में
पहली बार डायरेक्ट एंटीरियर अप्रोच (डीएए) विधि से कूल्हा प्रत्यारोपण किया
गया। इस विधि में कूल्हे के जोड़ के प्रत्यारोपण के लिए एक न्यूनतम इनवेसिव
सर्जिकल विधि का प्रयोग किया जाता है, जिसमें जांघ के सामने से चीरा लगाकर
मांसपेशियों के बीच के प्राकृतिक अंतराल से कूल्हे के जोड़ तक पहुंचा जाता
है। इस विधि में प्रमुख मांसपेशियों को काटने की बजाए उनके बीच से रास्ता
बनाया जाता है, जिससे सर्जरी के बाद दर्द कम होता है। रिकवरी तेजी से होती
है। अस्पताल सीएमएस डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि मरीज का आयुष्मान योजना के
तहत नि:शुल्क ऑपरेशन किया गया है। ऑपरेशन करने वाली टीम में डॉ. राजेश
प्रजापति, डॉ. शाहिद अंसारी, डॉ. एके पांडेय, नर्स नीतू और श्वेता शामिल रहे।