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Lucknow News: गृहकर कम होने से जलकर में भी होगा फायदा
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गृहकर कम होने से जलकर में भी होगा फायदा
दो लाख भवनस्वामियों को मिलगी राहत
अभी 2022 के पहले से बढ़ा दे रहे हैं गृहकर
माई सिटी रिपोर्टर
लखनऊ। साल 2022 के पहले से गृहकर बढ़ाए जाने पर रोक लगने पर उसका फायदा जलकर में भी भवनस्वामियों को मिलेगा क्योंकि गृहकर बढ़ने पर उसका असर जलकर पर भी पड़ रहा है। इसको लेकर समिति बन गई है। जो अपनी रिपोर्ट 15 दिन में देगी। समिति की रिपोर्ट आने के बाद करीब दो लाख भवनस्वामियाें को फायदा होगा
अभी जो भवनस्वामी समय से गृहकर जमा कर रहे हैं उनका भी गृहकर नगर निगम जीआईएस सर्वे की आड़ में 2022 के पहले से बढ़ा दे रहा है। जिससे समय से गृहकर जमा करने के बाद भी लोगों के पास बकाया गृहकर के बिल पहुंच रहे हैं। इस पर रोक लगाने के लिए महापौर के निर्देश पर नगर निगम प्रशासन ने एक समिति गठित कर दी है। यह 15 दिन में पूरे मामले का परीक्षण कर अपनी रिपोर्ट देगी।
नगर निगम के गृहकर समाधान शिविर के अलावा आम दिनों में ऐसी शिकायतें भवनस्वामी करते हैं कि वह नियमित रूप से गृहकर जमा कर रहे हैं उसके बाद भी उनका गृहकर बिल बकाया आ रहा और कई गुना बढ़ा भी दिया गया। ज्यादातर मामलों में गृहकर जीआईएस सर्वे के बाद 2010 व 2014 से पुनरीक्षित करके बढ़ाया गया। जिसको लेकर भवनस्वामी यह सवाल उठाते रहे हैं कि अगर गृहकर को बढ़ाया जाना था तो पहले बढ़ा दिया जाता। अब गृहकर बढ़ने के साथ ही उनका जलकर भी बढ़ जा रहा है। ऐसे में अब उन पद दोहरी मार पड़ रही है।
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इसलिए पड़ता है जलकर पर असर
जलकल विभाग की ओर से शहर में वाटर मीटर नहीं लगाए गए हैं और न ही वाटर टैक्स वसूली को लेकर खर्च के आधार पर दरें लागू हैं। अभी वाटर टैक्स की गणना नगर निगम की ओर से लगाए जाने वाले गृहकर के आधार की जाती है। हाउस टैक्स के लिए जो एआरवी (एनुअल रेंटल वैल्यू) निकाली जाती है उसी पर जलकल विभाग 15.5 प्रतिशत की दर से जल और सीवर कर लेता है। ऐसे में जब गृहकर कम होता है तो जलकर भी कम होता है और जब गृहकर बढ़ता है तो वह जलकर भी बढ़ता है।
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यह भी तय करेगी समिति
साल 2022 के पहले से गृहकर लगाने पर रोक लगाने के नियम शर्तें बनाने के अलावा समिति यह भी तय कर करेगी कि जीआईएस सर्वे के बाद अब आवासीय और व्यावसायिक भवनों को लेकर अलग-अलग क्या अंतिम तिथि गृहकर निर्धारण को लेकर रखी जाए। बकाया पर ब्याज लगेगा या नहीं। अपार्टमेंट को लेकर क्या नियम रहेगा। विस्तारित इलाके के जो भवन और अपार्टमेंट नगर निगम सीमा में आए हैं उनको लेकर वहां पर गृहकर कब से लागू किया जाएगा। समिति के एक सदस्य ने बताया कि यह सब स्थिति स्पष्ट रहेगी तो भवनस्वामी को कोई परेशान नहीं कर पाएगा।
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अभी 2022 के पहले से बढ़ा दे रहे हैं गृहकर
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लखनऊ। साल 2022 के पहले से गृहकर बढ़ाए जाने पर रोक लगने पर उसका फायदा जलकर में भी भवनस्वामियों को मिलेगा क्योंकि गृहकर बढ़ने पर उसका असर जलकर पर भी पड़ रहा है। इसको लेकर समिति बन गई है। जो अपनी रिपोर्ट 15 दिन में देगी। समिति की रिपोर्ट आने के बाद करीब दो लाख भवनस्वामियाें को फायदा होगा
अभी जो भवनस्वामी समय से गृहकर जमा कर रहे हैं उनका भी गृहकर नगर निगम जीआईएस सर्वे की आड़ में 2022 के पहले से बढ़ा दे रहा है। जिससे समय से गृहकर जमा करने के बाद भी लोगों के पास बकाया गृहकर के बिल पहुंच रहे हैं। इस पर रोक लगाने के लिए महापौर के निर्देश पर नगर निगम प्रशासन ने एक समिति गठित कर दी है। यह 15 दिन में पूरे मामले का परीक्षण कर अपनी रिपोर्ट देगी।
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नगर निगम के गृहकर समाधान शिविर के अलावा आम दिनों में ऐसी शिकायतें भवनस्वामी करते हैं कि वह नियमित रूप से गृहकर जमा कर रहे हैं उसके बाद भी उनका गृहकर बिल बकाया आ रहा और कई गुना बढ़ा भी दिया गया। ज्यादातर मामलों में गृहकर जीआईएस सर्वे के बाद 2010 व 2014 से पुनरीक्षित करके बढ़ाया गया। जिसको लेकर भवनस्वामी यह सवाल उठाते रहे हैं कि अगर गृहकर को बढ़ाया जाना था तो पहले बढ़ा दिया जाता। अब गृहकर बढ़ने के साथ ही उनका जलकर भी बढ़ जा रहा है। ऐसे में अब उन पद दोहरी मार पड़ रही है।
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इसलिए पड़ता है जलकर पर असर
जलकल विभाग की ओर से शहर में वाटर मीटर नहीं लगाए गए हैं और न ही वाटर टैक्स वसूली को लेकर खर्च के आधार पर दरें लागू हैं। अभी वाटर टैक्स की गणना नगर निगम की ओर से लगाए जाने वाले गृहकर के आधार की जाती है। हाउस टैक्स के लिए जो एआरवी (एनुअल रेंटल वैल्यू) निकाली जाती है उसी पर जलकल विभाग 15.5 प्रतिशत की दर से जल और सीवर कर लेता है। ऐसे में जब गृहकर कम होता है तो जलकर भी कम होता है और जब गृहकर बढ़ता है तो वह जलकर भी बढ़ता है।
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यह भी तय करेगी समिति
साल 2022 के पहले से गृहकर लगाने पर रोक लगाने के नियम शर्तें बनाने के अलावा समिति यह भी तय कर करेगी कि जीआईएस सर्वे के बाद अब आवासीय और व्यावसायिक भवनों को लेकर अलग-अलग क्या अंतिम तिथि गृहकर निर्धारण को लेकर रखी जाए। बकाया पर ब्याज लगेगा या नहीं। अपार्टमेंट को लेकर क्या नियम रहेगा। विस्तारित इलाके के जो भवन और अपार्टमेंट नगर निगम सीमा में आए हैं उनको लेकर वहां पर गृहकर कब से लागू किया जाएगा। समिति के एक सदस्य ने बताया कि यह सब स्थिति स्पष्ट रहेगी तो भवनस्वामी को कोई परेशान नहीं कर पाएगा।