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Lucknow News: जांच के दौरान मंडलायुक्त के ठोकर मारते ही उखड़ गई सड़क
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जांच के दौरान मंडलायुक्त के ठोकर मारते ही उखड़ गई सड़क
चार दिन पहले सामने आया था घटिया निर्माण का मामला,
ठेकेदार एक साल के लिए ब्लैक लिस्ट, एफआईआर भी दर्ज होगी
माई सिटी रिपोर्टर
लखनऊ। गोमती नगर के विकल्प खंड में घटिया सड़क बनाए जाने का मामला सामने आने के बाद बुधवार को मंउलायुक्त विजय विश्वास पंत ने मौके पर जाकर जांच की तो सड़क घटिया मिली। उन्होंने जैसे ही हल्का सी ठोकर पैर से मारी तो सड़क उखड़ गई। पैर और रगड़ा तो पूरी बजरी निकलकर बाहर आ गई। इसको लेकर अब ठेकेदार को एक साल के लिए काली सूची में डाला गया और एफआईआर भी नगर निगम की ओर से दर्ज कराई जा रही है। इसी मामले में 50 हजार रुपये का जुर्माना पहले ही लगाया जा चुका है। बीती 16 नवंबर को अमर उजाला ने इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित की किया था। जिसके बाद शासन स्तर तक हलचल हुई और घटिया निर्माण पर सख्त कार्रवाई हुई।
चिनहट द्वितीय वार्ड के विकल्प खंड तीन में करीब 30 लाख रुपये की लागत से बन रही सड़क में घटिया निर्माण का मामला सामने आने के बाद शासन ने भी जांच के निर्देश दिए। जिसके बाद मंडलायुक्त ने बुधवार को मौके पर आकर जांच। इस दौरान नगर आयुक्त गौरव कुमार भी उनके साथ रहे। दोपहर करीब पौने दो बजे मंडलायुक्त मौके पर पहुंचे। सड़क की गुणवत्ता जांचने को उन्होंने जैसे ही पैर से हल्की सी ठोकर मारी तो बजरी उखड़ गई। यह देख और पैर रगड़ा तो पूरी बजरी बाहर आ गई। उन्होंने कहा इसमें तो तारकोल ही नहीं है। यह बहुत घटिया काम किया गया है। इसको लेकर उन्होंने संबंधित ठेकेदार पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। नगर निगम के इंजीनियरों ने बताया कि सड़क निर्माण का ठेकेदार फार्म धामी कांस्ट्रक्शन कर रही है।
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अधिकारियों ने बताया यह की ठेकेदार पर कार्रवाई
अधिकारियों ने मंडलायुक्त को बताया कि सड़क पर अभी केवल पैचवर्क के रूप में मोटी गिट्टी की परत डाली गई थी। महीन गिट्टी वाली परत अभी डाली जानी थी। बीच कुछ स्थानों पर उपयोग की गई सामग्री की गुणवत्ता घटिया पाई गई। जिसे नगर निगम ने अपने विभागीय गैंग के माध्यम से हटवा दिया है। निर्माण में लापरवाही पाए जाने पर ठेकेदार पर 15 नवंबर को 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।ठेकेदार को एक वर्ष के लिए डिबार (प्रतिबंधित) करने की कार्रवाई भी की गई है। जिससे वह आगामी किसी भी निगम कार्य में भाग नहीं ले सकेगा। इसके साथ ही संबंधित ठेकेदार के खिलाफ स्थानीय थाने में विभिन्न धाराओं में एफआईआर भी दर्ज कराई जा रही है।
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अधिकारियों को दी मंडलायुक्त ने चेतावनी
मंडलायुक्त ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को कड़े शब्दों में निर्देश दिए कि निर्माण कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही या निम्न गुणवत्ता बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि नागरिकों की सुविधाओं से जुड़े हर कार्य की निरंतर निगरानी आवश्यक है। उन्होंने आदेश भी दिया कि भविष्य के लिए एक मजबूत और स्पष्ट मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाई जाए तथा सभी निर्माण कार्यों का समय-समय पर निरीक्षण किया जाए। जनता के धन का उपयोग पारदर्शिता और जिम्मेदारी के साथ होना चाहिए। जिन कार्यों में लापरवाही मिलेगी उन पर कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।
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यह है मामला
घटिया निर्माण का मुद्दा सामने लाने वाले पार्षद शैलेंद्र वर्मा ने बताया कि शुक्रवार की रात ठेकेदार ने सड़क को बनाया। सुबह स्थानीय लोगों ने उनको बताया कि सड़क का निर्माण बहुत घटिया किया गया है। सड़क अभी से उखड़ने लगी है। लोगों की शिकायत पर जब वह शनिवार सुबह मौके पर गए और सड़क पर हाथ लगाया तो वह उखड़ने लगी। पूरी बजरी ऐसे उखड़ गई जैसे वह बिना तारकोल मिलाए ही डाल दी गई हो। इसको लेकर नगर आयुक्त गौरव कुमार और जोनल अभियंता अतुल मिश्रा से शिकायत की थी। पार्षद ने बताया कि यह सड़क एलडीए से मिले बजट से बन रही थी। बीते साल एलडीए ने कालोनी हैंडओवर के एवज में जो पैसा दिया था उसमें से कुछ पैसा टेंडर में प्रतिस्पर्धा होने से बच गया था। अब उसी पैसे से विकल्प खंड तीन में अंदर की सड़कों को बनाए जाने के लिए टेंडर हुआ था।
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चार दिन पहले सामने आया था घटिया निर्माण का मामला,
ठेकेदार एक साल के लिए ब्लैक लिस्ट, एफआईआर भी दर्ज होगी
माई सिटी रिपोर्टर
लखनऊ। गोमती नगर के विकल्प खंड में घटिया सड़क बनाए जाने का मामला सामने आने के बाद बुधवार को मंउलायुक्त विजय विश्वास पंत ने मौके पर जाकर जांच की तो सड़क घटिया मिली। उन्होंने जैसे ही हल्का सी ठोकर पैर से मारी तो सड़क उखड़ गई। पैर और रगड़ा तो पूरी बजरी निकलकर बाहर आ गई। इसको लेकर अब ठेकेदार को एक साल के लिए काली सूची में डाला गया और एफआईआर भी नगर निगम की ओर से दर्ज कराई जा रही है। इसी मामले में 50 हजार रुपये का जुर्माना पहले ही लगाया जा चुका है। बीती 16 नवंबर को अमर उजाला ने इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित की किया था। जिसके बाद शासन स्तर तक हलचल हुई और घटिया निर्माण पर सख्त कार्रवाई हुई।
चिनहट द्वितीय वार्ड के विकल्प खंड तीन में करीब 30 लाख रुपये की लागत से बन रही सड़क में घटिया निर्माण का मामला सामने आने के बाद शासन ने भी जांच के निर्देश दिए। जिसके बाद मंडलायुक्त ने बुधवार को मौके पर आकर जांच। इस दौरान नगर आयुक्त गौरव कुमार भी उनके साथ रहे। दोपहर करीब पौने दो बजे मंडलायुक्त मौके पर पहुंचे। सड़क की गुणवत्ता जांचने को उन्होंने जैसे ही पैर से हल्की सी ठोकर मारी तो बजरी उखड़ गई। यह देख और पैर रगड़ा तो पूरी बजरी बाहर आ गई। उन्होंने कहा इसमें तो तारकोल ही नहीं है। यह बहुत घटिया काम किया गया है। इसको लेकर उन्होंने संबंधित ठेकेदार पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। नगर निगम के इंजीनियरों ने बताया कि सड़क निर्माण का ठेकेदार फार्म धामी कांस्ट्रक्शन कर रही है।
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अधिकारियों ने बताया यह की ठेकेदार पर कार्रवाई
अधिकारियों ने मंडलायुक्त को बताया कि सड़क पर अभी केवल पैचवर्क के रूप में मोटी गिट्टी की परत डाली गई थी। महीन गिट्टी वाली परत अभी डाली जानी थी। बीच कुछ स्थानों पर उपयोग की गई सामग्री की गुणवत्ता घटिया पाई गई। जिसे नगर निगम ने अपने विभागीय गैंग के माध्यम से हटवा दिया है। निर्माण में लापरवाही पाए जाने पर ठेकेदार पर 15 नवंबर को 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।ठेकेदार को एक वर्ष के लिए डिबार (प्रतिबंधित) करने की कार्रवाई भी की गई है। जिससे वह आगामी किसी भी निगम कार्य में भाग नहीं ले सकेगा। इसके साथ ही संबंधित ठेकेदार के खिलाफ स्थानीय थाने में विभिन्न धाराओं में एफआईआर भी दर्ज कराई जा रही है।
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अधिकारियों को दी मंडलायुक्त ने चेतावनी
मंडलायुक्त ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को कड़े शब्दों में निर्देश दिए कि निर्माण कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही या निम्न गुणवत्ता बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि नागरिकों की सुविधाओं से जुड़े हर कार्य की निरंतर निगरानी आवश्यक है। उन्होंने आदेश भी दिया कि भविष्य के लिए एक मजबूत और स्पष्ट मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाई जाए तथा सभी निर्माण कार्यों का समय-समय पर निरीक्षण किया जाए। जनता के धन का उपयोग पारदर्शिता और जिम्मेदारी के साथ होना चाहिए। जिन कार्यों में लापरवाही मिलेगी उन पर कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।
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यह है मामला
घटिया निर्माण का मुद्दा सामने लाने वाले पार्षद शैलेंद्र वर्मा ने बताया कि शुक्रवार की रात ठेकेदार ने सड़क को बनाया। सुबह स्थानीय लोगों ने उनको बताया कि सड़क का निर्माण बहुत घटिया किया गया है। सड़क अभी से उखड़ने लगी है। लोगों की शिकायत पर जब वह शनिवार सुबह मौके पर गए और सड़क पर हाथ लगाया तो वह उखड़ने लगी। पूरी बजरी ऐसे उखड़ गई जैसे वह बिना तारकोल मिलाए ही डाल दी गई हो। इसको लेकर नगर आयुक्त गौरव कुमार और जोनल अभियंता अतुल मिश्रा से शिकायत की थी। पार्षद ने बताया कि यह सड़क एलडीए से मिले बजट से बन रही थी। बीते साल एलडीए ने कालोनी हैंडओवर के एवज में जो पैसा दिया था उसमें से कुछ पैसा टेंडर में प्रतिस्पर्धा होने से बच गया था। अब उसी पैसे से विकल्प खंड तीन में अंदर की सड़कों को बनाए जाने के लिए टेंडर हुआ था।
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