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Lucknow News: लविवि के विद्यार्थियों ने बनाई स्मार्ट खेती की राह, प्रोजेक्ट ग्रांट में चयन
संवाद न्यूज एजेंसी, लखनऊ
Updated Tue, 30 Dec 2025 02:39 AM IST
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लखनऊ विश्वविद्यालय
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लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय के बीटेक छात्रों की नवाचारी परियोजना ‘कृषि सखी एवं डाटा-ड्रिवन स्मार्ट एग्रीकल्चर डिसीजन सपोर्ट सिस्टम’ का चयन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (सीएसटी-यूपी) की प्रोजेक्ट ग्रांट स्कीम के तहत किया गया है। यह परियोजना किसानों को खेती से जुड़े अहम निर्णयों में आधुनिक तकनीक और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के माध्यम से सहायता प्रदान करेगी।
इस परियोजना पर बीटेक अंतिम वर्ष के छात्र रत्नेश त्रिपाठी, कृष्णा यादव, अभिषेक पांडेय और आदित्य मौर्य कार्य कर रहे हैं। छात्र कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. हिमांशु पांडेय के निर्देशन में परियोजना को आगे बढ़ाएंगे।
परियोजना का उद्देश्य ‘कृषि सखी’ परियोजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को फसल चयन, उर्वरक प्रबंधन और सिंचाई योजना जैसे महत्वपूर्ण निर्णयों में डाटा आधारित वैज्ञानिक मार्गदर्शन उपलब्ध कराना है। यह प्रणाली पारंपरिक खेती को आधुनिक तकनीक से जोड़ते हुए एआई आधारित स्मार्ट निर्णय लेने में मदद करेगी, जिससे उत्पादकता में वृद्धि, लागत में कमी और जोखिम प्रबंधन संभव हो सकेगा।
परियोजना के तहत विकसित मोबाइल एप के माध्यम से किसानों को उनकी भूमि, स्थान, मिट्टी की स्थिति और फसल इतिहास के आधार पर रीयल-टाइम कृषि सलाह उपलब्ध कराई जाएगी। इसमें कीट-रोग चेतावनी, सिंचाई एवं उर्वरक सुझाव तथा बाजार से जुड़ी अहम जानकारी भी शामिल होगी। परियोजना के प्रोटोटाइप का प्रदर्शन अप्रैल 2026 में प्रस्तावित है।
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इस परियोजना पर बीटेक अंतिम वर्ष के छात्र रत्नेश त्रिपाठी, कृष्णा यादव, अभिषेक पांडेय और आदित्य मौर्य कार्य कर रहे हैं। छात्र कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. हिमांशु पांडेय के निर्देशन में परियोजना को आगे बढ़ाएंगे।
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परियोजना का उद्देश्य ‘कृषि सखी’ परियोजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को फसल चयन, उर्वरक प्रबंधन और सिंचाई योजना जैसे महत्वपूर्ण निर्णयों में डाटा आधारित वैज्ञानिक मार्गदर्शन उपलब्ध कराना है। यह प्रणाली पारंपरिक खेती को आधुनिक तकनीक से जोड़ते हुए एआई आधारित स्मार्ट निर्णय लेने में मदद करेगी, जिससे उत्पादकता में वृद्धि, लागत में कमी और जोखिम प्रबंधन संभव हो सकेगा।
परियोजना के तहत विकसित मोबाइल एप के माध्यम से किसानों को उनकी भूमि, स्थान, मिट्टी की स्थिति और फसल इतिहास के आधार पर रीयल-टाइम कृषि सलाह उपलब्ध कराई जाएगी। इसमें कीट-रोग चेतावनी, सिंचाई एवं उर्वरक सुझाव तथा बाजार से जुड़ी अहम जानकारी भी शामिल होगी। परियोजना के प्रोटोटाइप का प्रदर्शन अप्रैल 2026 में प्रस्तावित है।
