UP: अब जियो टैगिंग के जरिये हो रही आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग वाले बैंक खातों की जांच; ऐसे खाते निशाने पर
आंकड़ों के मुताबिक, 2024 में संदिग्ध खातों के जरिये आतंकी फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और बैंक धोखाधड़ी के 2.92 लाख मामले दर्ज किए गए। यह 2023 में पंजीकृत 75,000 मामलों की तुलना में करीब चार गुना अधिक है। अकेले उत्तर प्रदेश में बैंक खातों के जरिये धोखाधड़ी के 50,000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं।

विस्तार
मनी म्यूल खाता यानी आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े संदिग्ध बैंक खातों की जांच आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के साथ अब जियो टैगिंग से भी की जा रही है। इसकी प्रमुख वजह उत्तर प्रदेश समेत देशभर में ऐसे मामलों की संख्या में तेज बढ़ोतरी है। इस पर रोक लगाने के लिए आरबीआई के विशेष सॉफ्टवेयर ‘मनी म्यूल हंटर’ से प्रतिदिन सैकड़ों मनी म्यूल खातों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।

आंकड़ों के मुताबिक, 2024 में संदिग्ध खातों के जरिये आतंकी फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और बैंक धोखाधड़ी के 2.92 लाख मामले दर्ज किए गए। यह 2023 में पंजीकृत 75,000 मामलों की तुलना में करीब चार गुना अधिक है। अकेले उत्तर प्रदेश में बैंक खातों के जरिये धोखाधड़ी के 50,000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं, जिनमें 2,000 करोड़ से अधिक का संदिग्ध लेनदेन हुआ है।
रैकेट में चीनी कंपनियों व आतंकी संगठनों का हाथ
मनी म्यूल रैकेट में चीन की कंपनियां और पाकिस्तान के आतंकी संगठन भी शामिल हैं, जो मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामलों को अंजाम दे रहे हैं। ऐसी गतिविधियां उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे जिलों में ज्यादा देखी जा रही हैं। साइबर धोखाधड़ी, डिजिटल अरेस्ट और फर्जी कंपनी खोलना भी इस धोखाधड़ी का हिस्सा हैं। प्रदेश में बैंकों ने कालेधन और आतंकी फंडिंग में इस्तेमाल होने वाले मनी म्यूल खातों की धरपकड़ के लिए आक्रामक अभियान चलाया है।
तीन तरह के खाते जांच के दायरे में
- पहला...छोटे-छोटे व्यापारियों और ठेले-खोमचे वालों के बचत खाते हैं, जिनमें रोजाना 200 से 500 यूपीआई भुगतान हो रहे हैं।
- दूसरा...फर्जी खाते, जिनमें केवाईसी तक नकली दस्तावेजों के होते हैं। ऐसे खातों को तत्काल ब्लॉक किया जा रहा है। दूसरे और तीसरे तरह के खातों से आतंकी फंडिंग और कालेधन को घुमाया जा रहा है।
- तीसरा...ग्रामीण इलाकों एवं सीमा से सटे गरीब किसानों और मजदूरों के नाम पर खाते खोले जा रहे हैं, जिनमें रोजाना हजारों छोटे लेनदेन होते हैं। इसके एवज में खाताधारक को हर माह 3,000 से 5,000 रुपये किराया दिया जा रहा है। शाम तक ऐसे खातों से पूरा पैसा निकाल लिया जाता है। एक बैंक अधिकारी ने बताया, ऐसे खातों की रकम 12 से 13 खातों में घुमाने के बाद मास्टरमाइंड के पास पहुंच रही है, जिसे पकड़ना काफी जटिल है।
ऐसे होती है जियो टैगिंग
एआई आधारित मनी म्यूल हंटर सॉफ्टवेयर खाताधारक की हैसियत से ज्यादा लेनदेन पर बैंक को अलर्ट भेजता है। फिर बैंक अधिकारी खाताधारक के पते पर जाकर खाते की जियो टैगिंग करते हैं। इससे खाताधारक के पते की प्रामाणिकता और पहचान दोनों का सत्यापन हो जाता है। खाता खोलने की वजह और सालाना आय की भी जानकारी मिल जाती है।
क्या है मनी म्यूल खाता
मनी म्यूल वह व्यक्ति है, जिसके बैंक खातों का इस्तेमाल किसी अवैध या धोखाधड़ी से कमाए पैसों को एक से दूसरे स्थान पर भेजने के लिए ट्रांसफर किया जाता है। वहीं, मनी म्यूल खाते उन्हें कहते हैं, जिसमें खाताधारक की आर्थिक क्षमता से बहुत ज्यादा लेनदेन होता है।