यूपी विधानसभा चुनाव 2022: सपा के वरिष्ठ नेता गांवों को लेंगे गोद, मोहल्ले में जाकर करेंगे विकास योजनाओं का प्रचार
समाजवादी पार्टी यूपी चुनाव में जीत के लिए गांव व मोहल्लों में प्रचार करेगी। इसके लिए सपा ने पूरी योजना बनाई है। सपा नेता गांव और मोहल्लों में योजनाओं का प्रचार करेंगे।


विस्तार
समाजवादी पार्टी ने हर व्यक्ति तक पहुंचने की नई रणनीति अपनाई है। इसके तहत पार्टी के वरिष्ठ नेता गांवों को गोद लेंगे। वे माह में एक दिन संबंधित गांव में चौपाल लगाएंगे। अन्य दिन अलग-अलग पुरवा (मोहल्ला) में जाकर लोगों से मिलेंगे। इस दौरान समाजवादी सरकार के कार्यकाल में हुए विकास कार्यों के बारे में लोगों को बताएंगे।
इन दिनों सपा के विभिन्न फ्रंटल संगठनों, मोर्चा और समर्थित पार्टियों की ओर से यात्रा निकाली जा रही है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल की किसान पटेल यात्रा, सपा पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजपाल कश्यप की पिछड़ा वर्ग स्वाभिमान यात्रा, लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय महासचिव के नेतृत्व में बेरोजगार, किसान व मजदूर संवाद यात्रा, पूर्व मंत्री राम किशोर बिंद की समाजवादी जन चौहान, बिंद, निषाद केवट मल्लाह यात्रा, महिला सभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष जूही सिंह की जनसंवाद यात्रा, जनवादी पार्टी अध्यक्ष डॉ. संजय चौहान की जनवादी क्रांति रथ यात्रा सहित करीब दो दर्जन यात्राएं चल रही हैं। इनके लिए अलग-अलग क्षेत्र तय किए गए हैं।
अगले चरण में सपा गांव-गांव डेरा डालने की रणनीति पर कार्य करेगी। यह कार्यक्रम अक्तूबर के पहले सप्ताह से शुरू करने की तैयारी है। इसके तहत पार्टी के जिला कार्यकारिणी अथवा चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी करने वाले वरिष्ठ नेता अपने विधानसभा क्षेत्र के गांवों को गोद लेंगे। एक नेता को अधिकतम पांच गांव की जिम्मेदारी दी जाएगी। ताकि वे संबंधित गांवों में लोगों के बीच पहुंच सकें। नेताओं को विधानसभा क्षेत्रवार गांवों का निर्धारण जिला अध्यक्ष और विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष आपसी मशविरा से करेंगे।
हर व्यक्ति तक सपा अध्यक्ष की बात पहुंचाने की रणनीति
पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि गांवों में नेताओं की मौजूदगी होने से हर व्यक्ति तक पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव का संदेश पहुंचाया जा सकेगा। इसके अलावा गांव में होने वाली चौपाल में किसानों की समस्या पर विशेष रूप से फोकस किया जाएगा। संबंधित गांव में लघु व सीमांत किसानों की संख्या, स्थानीय स्तर पर उनकी समस्या और किसानों की मांगों का पत्र भी तैयार किया जाएगा। फिर जिला स्तर पर इसका आकलन करके प्रदेश कार्यालय भेजा जाएगा।
ग्राम प्रधान और बीसीडी को भी जोड़ेंगे
पार्टी का मानना है कि जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लॉक प्रमुख भले उसके नहीं है, लेकिन बीडीसी और ग्राम प्रधानों में पार्टी की पकड़ बेहतर है। ऐसे में गांवों में होने वाली चौपाल की तैयारी की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान और बीडीसी सदस्य को दी जाएगी।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि चौपाल के दौरान ग्राम प्रधान और दूसरे व तीसरे नंबर पर रहने वाले उम्मीदवारों, ग्राम पंचायत सदस्यों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों को भी अपने खेमे में रखने की रणनीति अपनाई जाएगी। एक तरह से गांव के जनप्रतिनिधि को पूरी तरह से अपने साथ रखने की कवायद की जाएगी। इस संबंध में प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने सभी जिलाध्यक्षों को संदेश भेज दिया है।