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Anuppur News: न्यायाधीश के घर पत्थरबाजी मामला, तीनों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, अनूपपुर
Published by: अनूपपुर ब्यूरो
Updated Wed, 19 Nov 2025 10:33 PM IST
सार
आरोपियों के खिलाफ पहले से कई अपराध दर्ज हैं। न्यायालय ने घटना को न्यायपालिका की सुरक्षा पर बड़ा संकट माना। घटना के बाद पुलिस लापरवाही के चलते थाना प्रभारी और दो गश्ती पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया था।
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कोतमा न्यायालय।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
कोतमा न्यायालय में पदस्थ न्यायाधीश अमनदीप सिंह छाबड़ा के निवास पर बदमाशों ने पत्थरबाजी कर जान से मारने की धमकी, गेट लैंप एवं एंगल को तोड़फोड़ सहित न्यायालय की गरिमा के विपरीत टिप्पणी के मामले की सुनवाई करते हुए जमानत को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने खारिज कर दिया है।
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अपर लोक अभियोजक संतोष सोनी ने बताया कि 25 अक्टूबर को रात को न्यायाधीश अमनदीप सिंह के आवास पर तोड़फोड़ गाली गलौज और धमकी के गंभीर मामले में आरोपी प्रियांशु सिंह पिता मनोज सिंह 25 वर्ष, संतोष रजक पिता दिलराज रजक 32 वर्ष एवं संदीप चौरसिया पिता पुतानी चौरसिया 31 वर्ष सभी निवासी भालूमाडा के खिलाफ थाने में अपराध पंजीबद्ध कर गिरफ्तार किया गया था। आरोपी प्रियांशु सिंह के खिलाफ आधे दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हैं। न्यायालय ने आरोपियों के न्यायधीश आवास पर आधी रात किए गए पत्थरबाजी, जान से मारने की धमकी देने की घटना को अत्यंत गंभीर एवं न्यायपालिका की सुरक्षा पर संकट माना है।
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आरोपियों का पूर्व का अपराधिक इतिहास भी है। पेश किए गए तथ्य एवं लोक अभियोजक के किए गए विरोध पर न्यायालय ने सभी की जमानत निरस्त कर दी। घटना ने पूरे जिले में कानून व्यस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए थे। पुलिस की लापरवाही मानते हुए थाना प्रभारी सहित रात्रि गस्त में रहे 2 पुलिस कर्मचारियों को सस्पेंड किया जा चुका है।
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आरोपियों का पूर्व का अपराधिक इतिहास भी है। पेश किए गए तथ्य एवं लोक अभियोजक के किए गए विरोध पर न्यायालय ने सभी की जमानत निरस्त कर दी। घटना ने पूरे जिले में कानून व्यस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए थे। पुलिस की लापरवाही मानते हुए थाना प्रभारी सहित रात्रि गस्त में रहे 2 पुलिस कर्मचारियों को सस्पेंड किया जा चुका है।