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Elephant Vatsala: एशिया की सबसे बुजुर्ग हथिनी वत्सला ने MP पन्ना टाइगर रिजर्व में ली अंतिम सांस, 100+ थी उम्र

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: शुभम कुमार Updated Wed, 09 Jul 2025 01:11 AM IST
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सार

एशिया की सबसे बुजुर्ग हथिनी वत्सला का 100 से अधिक की उम्र में पन्ना टाइगर रिजर्व में निधन हो गया। केरल से लाई गई वत्सला को मध्य प्रदेश की भावना और जंगलों की मूक रक्षक कहा गया। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उनके निधन पर शोक जताया और श्रद्धांजलि दी।

Asia's oldest elephant Vatsala died in Panna Tiger Reserve, Chief Minister paid tribute
बुजुर्ग हथिनी वत्सला - फोटो : एक्स@DrMohanYadav51
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विस्तार
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एशिया की सबसे बुजुर्ग हथिनी वत्सला की 100 साल से अधिक की उम्र में मंगलवार को मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में मौत हो गई। हथिनी को केरल से नर्मदापुरम लाया गया था और बाद में पन्ना टाइगर रिजर्व में स्थानांतरित किया गया। उसका अंतिम संस्कार पन्ना टाइगर रिजर्व के अधिकारियों और कर्मचारियों ने किया।
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मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, वत्सला का सौ साल पुराना साथ आज खत्म हो गया। आज दोपहर वत्सला ने पन्ना टाइगर रिजर्व में अपनी अंतिम सांस ली। हथिनी अपने बच्चों को प्यार से पालती थी और मध्य प्रदेश की भावनाओं का प्रतीक थी। वह केवल एक हथिनी नहीं थी, वह हमारे जंगलों की मूक संरक्षक, पीढ़ियों की मित्र और मध्य प्रदेश की भावनाओं का प्रतीक थी।
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पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र थी वत्सल
वत्सला वर्षों से पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र थी। वह सबसे बुजुर्ग होने के कारण रिजर्व में हाथियों के पूरे समूह का नेतृत्व करती थी। एक बयान में कहा गया कि अन्य हथिनियां बच्चों को जन्म देती थीं तो वह दादी की भूमिका निभाती थी। वत्सला अपने अगले पैरों के नाखूनों में चोट लगने के कारण रिजर्व के हिनौता क्षेत्र में खैरैयां नाले के पास बैठ गई थी। वन विभाग के कर्मियों ने उसे उठाने का काफी प्रयास किया, लेकिन दोपहर में हथिनी की मौत हो गई।

स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण गई जान
कुछ समय से वत्सला के आगे के पैरों के नाखूनों में चोट थी, जिससे वह चल नहीं पा रही थी। वह हिनौता क्षेत्र के खैरैयान नाले के पास बैठ गई थी। वन विभाग की टीम ने उसे उठाने की बहुत कोशिश की, लेकिन दोपहर में उसने दम तोड़ दिया। उसकी आंखों की रोशनी भी जा चुकी थी और वह लंबी दूरी चलने में असमर्थ थी।

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विशेष देखभाल के कारण लंबी उम्र
वत्सला को हिनौता एलीफेंट कैंप में रखा गया था और प्रतिदिन खैरैयान नाले में नहलाया जाता था। उसे विशेष भोजन, जैसे कि खिचड़ी, दी जाती थी। डॉक्टरों और वन्यजीव विशेषज्ञों की नियमित निगरानी और देखभाल के चलते उसने इतने लंबे समय तक जीवन जिया।

केंद्रीय मंत्री ने जताया शोक
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हथिनी वत्सला के निधन पर शोक संवेदना जाहिर की हैं। उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि आज एक दु:खद समाचार ने हृदय को व्यथित कर दिया। पन्ना टाइगर रिजर्व की गौरवशाली धरोहर, हम सबकी अत्यंत प्रिय वत्सला अब हमारे बीच नहीं रहीं।वे दुनिया की सबसे उम्रदराज हथिनियों में शुमार थीं। दशकों तक उन्होंने दादी की तरह नन्हे हाथियों की देखभाल की। पन्ना टाइगर रिजर्व में उन्हें देखना और पुकारना, एक आत्मीय संवाद जैसा अनुभव होता था। वत्सला, तुम सदा हमारी स्मृतियों में जीवंत रहोगी। अलविदा!

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