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Cyber Crime :जिसकी मौत हो गई उसके खाते से करोड़ों का ट्रांजेक्शन, मास्टरमाइंड समेत तीन गिरफ्तार
न्यूज डेस्क अमर उजाला बैतूल
Published by: बैतूल ब्यूरो
Updated Fri, 21 Nov 2025 02:57 PM IST
सार
जनधन खाते से लगभग दो करोड़ रुपये की ट्रांजेक्शन की गई है। जांच आगे बढ़ने पर पुलिस को पता चला कि एक खाता से ये नहीं हुआ है। गांव के कई खातों से रकम का लेन-देन हुआ है। जांच आगे बढ़ने पर मामला 10 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े का निकला। पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
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बैतूल पुलिस ने धोखाधड़ी करने वाले बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मध्य प्रदेश के बैतूल जिले की पुलिस ने एक बड़े साइबर फ्रॉड नेटवर्क का पर्दाफाश किया है, जिसमें जनधन और मजदूर वर्ग के लोगों के बैंक खातों का इस्तेमाल किया जा रहा था। इनमें से एक खाता ऐसे व्यक्ति का था जिसकी मौत हो चुकी थी। इन खातों से करोड़ों रुपये का लेनदेन किया जा रहा था। पुलिस ने इस गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है और कुल लगभग 10 करोड़ रुपये की ठगी का खुलासा किया है।
बैतूल एसपी वीरेंद्र जैन का कहना है कि खेड़ी गांव के रहने वाले विश्राम इवने ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके जनधन खाते से लगभग दो करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है। जांच आगे बढ़ने पर पुलिस को पता चला कि सिर्फ उन्हीं का नहीं, बल्कि गांव के अन्य छह खातों से भी बड़े पैमाने पर रकम का लेनदेन हो रहा था।
ये भी पढ़ें:लिफ्ट के बहाने कार में नाबालिग से हैवानियत, दो आरोपी गिरफ्तार; चालक फरार
एसपी वीरेंद्र जैन के अनुसार, इस धोखाधड़ी का मुख्य संचालक इंदौर निवासी अंकित राजपूत था। उसके साथ बैतूल के खेड़ी गांव के दो बैंक कर्मचारी राजा और आयुष चौहान भी शामिल थे। इनके साथ इंदौर निवासी नरेंद्र राजपूत का नाम भी सामने आया है। पुलिस ने इन लोगों को गिरफ्तार करके इनके पास से 15 मोबाइल फोन, 26 सिम कार्ड, 11 बैंक पासबुक, अन्य दस्तावेज और 28,000 रुपये नकद जब्त किए हैं।
गिरोह गरीब और अनजान लोगों के बैंक खाते लेकर उनमें साइबर ठगी से आई राशि ट्रांसफर करवाता था। फिर रकम निकाल लेता था। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि जिन सात खातों से लेनदेन हुआ है, उनमें से एक खाता राजेश बर्डे नामक मृत व्यक्ति का था जिसे अवैध रूप से सक्रिय कर ट्रांजेक्शन किए जा रहे थे।
मुंबई, बैंगलोर और अन्य शहरों से जब ठगी के पैसे इन खातों में ट्रांसफर हुए और कुछ पीड़ितों ने शिकायत की, तब खातों को ब्लॉक किया गया। जांच में फिलहाल लगभग 10 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी सामने आई है, जबकि पुलिस को आशंका है कि यह आंकड़ा 30–40 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
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बैतूल एसपी वीरेंद्र जैन का कहना है कि खेड़ी गांव के रहने वाले विश्राम इवने ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके जनधन खाते से लगभग दो करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है। जांच आगे बढ़ने पर पुलिस को पता चला कि सिर्फ उन्हीं का नहीं, बल्कि गांव के अन्य छह खातों से भी बड़े पैमाने पर रकम का लेनदेन हो रहा था।
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एसपी वीरेंद्र जैन के अनुसार, इस धोखाधड़ी का मुख्य संचालक इंदौर निवासी अंकित राजपूत था। उसके साथ बैतूल के खेड़ी गांव के दो बैंक कर्मचारी राजा और आयुष चौहान भी शामिल थे। इनके साथ इंदौर निवासी नरेंद्र राजपूत का नाम भी सामने आया है। पुलिस ने इन लोगों को गिरफ्तार करके इनके पास से 15 मोबाइल फोन, 26 सिम कार्ड, 11 बैंक पासबुक, अन्य दस्तावेज और 28,000 रुपये नकद जब्त किए हैं।
गिरोह गरीब और अनजान लोगों के बैंक खाते लेकर उनमें साइबर ठगी से आई राशि ट्रांसफर करवाता था। फिर रकम निकाल लेता था। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि जिन सात खातों से लेनदेन हुआ है, उनमें से एक खाता राजेश बर्डे नामक मृत व्यक्ति का था जिसे अवैध रूप से सक्रिय कर ट्रांजेक्शन किए जा रहे थे।
मुंबई, बैंगलोर और अन्य शहरों से जब ठगी के पैसे इन खातों में ट्रांसफर हुए और कुछ पीड़ितों ने शिकायत की, तब खातों को ब्लॉक किया गया। जांच में फिलहाल लगभग 10 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी सामने आई है, जबकि पुलिस को आशंका है कि यह आंकड़ा 30–40 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।