Bhopal: राहुल के घोड़े वाले बयान पर विवाद, पटवारी ने सिंधिया को बताया बारात का घोड़ा, भाजपा ने किया पलटवार
राहुल गांधी द्वारा 3 जून को भोपाल में नेताओं को अलग-अलग प्रकार के घोड़े बताए जाने पर विवाद छिड़ गया है। आज पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को बारात का घोड़ा बताए जाने पर बीजेपी ने पलटवार किया है।
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लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा भोपाल में नेताओं को अलग-अलग प्रकार के घोड़े बताए जाने पर विवाद छिड़ गया है। आज पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को बारात का घोड़ा बताए जाने पर बीजेपी ने पलटवार किया है। दरअसल राहुल गांधी ने कहा था कि नेता तीन प्रकार को होते हैं लंगड़े घोड़े, बारात के घोड़े और रेस के घोड़े, पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने उनके बयान पर सफाई देते हुए सिंधिया को बारात में नाचने वाला घोड़ा बता दिया। पटवारी के बयान पर सिंधिया समर्थक और बीजेपी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने एक्स पर पलटवार करते हुए पूर्व सीएम कमलनाथ को घेरा। चतुर्वेदी ने कमलनाथ सरकार पर करप्शन के आरोप लगाए तो पूर्व सीएम कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने भी ट्विटर पर ही जवाब दिया।
आप लोग तो ऐतिहासिक रूप से घोटालेबाज
पंकज चतुर्वेदी ने लिखा कि पटवारी जी, जिनकी सरकार में मुख्यमंत्री मंत्रालय में बैठकर मंत्रालय को दलाली का अड्डा का बना दें। मुख्यमंत्री के नजदीकी लोगों पर छापे पड़े और करोड़ों की नकदी बरामद हो। आज भी उसका केस चल रहा है। कांग्रेस का मुख्यमंत्री कांग्रेस के मालिकों के लिए हफ्ता वसूली करके दिल्ली माल पहुंचाए, ये सब आप भूल गए। मैं तुगलक रोड हवाला कांड की बात कर रहा हूं। आप लोग तो ऐतिहासिक रूप से घोटालेबाज हैं, जरा गिरेबान में झांकिए।
इतिहास उठाकर देखें नेहरू जी के जमाने से घोटाले
पंकज चतुर्वेदी ने आगे लिखा कि कुछ और चीजें आप को याद दिला रहा हूं, पटवारी जी। इतिहास उठाकर देखें, नेहरू जी के जमाने के जीप घोटाले से लेकर टू जी, थ्री जी, फोर जी और जीजा जी सारे घोटाले हों। सरकार बनने के बाद गरीब कन्याओं के विवाह की योजना बंद कर दी गई। इसके अलावा किसानों को 0% राशि पर मिलने वाला कर्ज भी बंद कर दिया गया। इतना ही नहीं गरीबों के लिए चलाई जाने वाली दीनदयाल अंत्योदय रसोई योजना को भी बंद किया। कांग्रेस घोटालों और गरीबों की योजनाएं बंद करने वाले का मॉडल है। प्रदेश में कमलनाथ सरकार के दौरान 6 सिंचाई परियोजना पर 870 करोड़ रुपय का भुगतान घोटाला। कमलनाथ की सरकार में पूर्व मंत्री इमरती देवी के मना करने के बावजूद सरकार के गिरने से 15 दिन पहले 63 करोड़ का मोबाइल घोटाला किया गया। उन्होंने लिखा कि डिंडौरी में साल 2019 में दो करोड़ का छात्रवृत्ति घोटाले हुआ, कोरोना काल में जब प्रदेश पर संकट छाया हुआ था, उस समय तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने आइफा अवॉर्ड घोटाला किया। उद्योगपतियों पर दबाव डालकर 44 करोड़ रुपये की राशि ब्रिजक्रॉफ्ट कंपनी को जबरन दिलवाई।
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कमलनाथ जी ने ऐतिहासिक काम किए
कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने जवाब देते हुए एक्स पर लिखा कि प्रिय पंकज जी, जिस समय के झूठे आरोप आप लगा रहे हैं। उस समय आप कांग्रेस प्रवक्ता थे और तब आप कमलनाथ सरकार की तारीफ करते नहीं थकते थे। 18 महीने के छोटे से कार्यकाल में कमलनाथ जी ने जितने ऐतिहासिक काम किए, वह अपने आप में रिकॉर्ड है और भाजपा 20 साल में उतने काम नहीं कर पाई। घोटाले करना बीजेपी का काम है। व्यापमं, डंपर, आरक्षक भर्ती, पटवारी भर्ती, कोरम डैम, महाकाल लोक, नर्सिंग कितने घोटालों का नाम लें। इसलिए झूठ से तौबा कीजिए। बबेले ने आगे लिखा कि कमलनाथ ने 27 लाख किसानों का कर्ज माफ किए, 100 रुपये में 100 यूनिट बिजली दी, 10,000 गोशालाओं का निर्माण करवाया, महाकाल मंदिर के लिए 355 करोड़ मंजूर किए, ओबीसी को 27 % आरक्षण, जिस मेट्रो ट्रेन का उद्घाटन पिछले दिनों नरेंद्र मोदी ने किया। वह भी कमलनाथ की देन है।
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मैं आपको बुद्धिमान समझता था
कांग्रेस आईटी सेल और सोशल मीडिया विभाग के प्रभारी अभय तिवारी ने लिखा कि पंकज चतुर्वेदी जी, मैं आपको बुद्धिमान समझता था, लेकिन आप भी बीजेपी के दूसरे प्रवक्ताओं की तरह ही निकले। जिस सिंचाई परियोजना के घोटाले की आप बात कर रहे हैं, यदि ऐसा कुछ हुआ है तो विभाग के तत्कालीन मंत्री तुलसी सिलावट तो आज भी आपकी ही सरकार में मंत्री हैं। उनसे पूछताछ करके जेल में डाल दीजिए। कांग्रेस आपका सार्वजनिक सम्मान करेगी। दूसरे जिस घोटाले का आप आरोप लगा रहे हैं, यदि उसमें भी जरा सी भी सच्चाई है, तो तत्कालीन विभागीय मंत्री इमरती देवी आपकी ही पार्टी बीजेपी में हैं, क्यों नहीं उनसे पूछताछ करते?
सच्चाई है तो उस पर कार्रवाई करिए
बबेले ने लिखा कि आपने घोटालों की जो लंबी चौड़ी सूची जारी की है, यदि जरा सी भी सच्चाई है तो उस पर कार्रवाई करिए, जनता ने आपको ट्वीट कर भ्रम फैलाने के लिए नहीं, बल्कि कार्रवाई करने के लिए चुना है।