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Bhopal: लाडली बहनों को दी जा रही राशि पर दिग्विजय ने खड़े किए सवाल,बोले-क्या ये पैसा इनके मामा के घर से आता है
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: संदीप तिवारी
Updated Sat, 13 Sep 2025 04:31 PM IST
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सार
प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश की लाडली बहनों को हर महीने दिए जा रहे 1250 रुपए की राशि को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा लाडली बहनों को 1250 रुपए देकर मचाया जाने वाला शोर कई प्रश्न खड़े करता है।

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश की लाडली बहनों को हर महीने दिए जा रहे 1250 रुपए की राशि को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने शनिवार को सोशल मीडिया साइट एक्स पर ट्वीट कर लिखा कि 1250 रुपए की राशि से महिलाएं अपने परिजनों का प्राइवेट अस्पतालों में इलाज नहीं करवा सकतीं, न ही अच्छे सरकारी स्कूलों के अभाव में बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ा सकती हैं और न ही बिजली के बिल का भुगतान कर सकती हैं। उन्होंने लिखा कि क्या ये पैसा इनके मामा के घर से आता है?उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा लाडली बहनों को 1250 रुपए देकर मचाया जाने वाला शोर कई प्रश्न खड़े करता है। बतादें कि एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा 1.26 करोड़ लाडली बहनों के खाते में 1250 रुपए भेजा गया है।
स्थायी रोजगार और अच्छा वेतनमान दें
पूर्व सीएम ने सवाल उठाया कि जब महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की बात होती है तो सरकार क्यों उन्हें स्थायी रोजगार और अच्छा वेतनमान देने के बजाय सिर्फ सहायता राशि तक सीमित रख रही है। उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान का भी जिक्र किया जिसमें तीन संतानों को जन्म देने की बात कही गई थी और सवाल किया कि सरकार इसे क्यों अनदेखा कर रही है। अपने ट्वीट के अंत में दिग्विजय सिंह ने हैशटैग के पहले "सुशील सिंह, अंजना सिंह जबलपुर" भी लिखा है, जिससे राजनीतिक हलकों में अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं।
यह भी पढ़ें-वन विहार में इसी महीने बंद होगा निजी वाहनों का प्रवेश, 40 गोल्फ कार्ट का होगा संचालन,इतना रहेगा किराया
लाडली बहना योजना पर दिग्विजय के सवाल
- क्या ये पैसा इनके मामा के घर से आता है?
- क्या महंगी शिक्षा, महंगी स्वास्थ सेवाओं, महंगे दूध और पौष्टिक आहार के वर्तमान दौर में 1250 रुपए महीना ऊंट के मुंह में जीरा नहीं है?
- क्या भागवत साहब ने लाडली बहनों को तीन संतानों को जन्म देने का आह्वान नहीं किया है?
- क्या 1250 रुपए महीना में लाडली बहनें सरकारी अंग्रेजी स्कूलों के अभाव में महंगे प्राइवेट स्कूलों में तीन संतानों को पढ़ाकर इंजीनियर और डॉक्टर बना सकती हैं?
- क्या बीमार पड़ने पर 1250 रुपए महीना में सरकारी अस्पताल के अभाव में महंगे प्राइवेट अस्पताल में इलाज करा सकती हैं?
- क्या 1250 रुपए महीना में तीन संतानों को दूध और पौष्टिक आहार देकर कुपोषण का शिकार होने से बचा सकती हैं?
- क्या बिजली बिल का मासिक भुगतान कर सकती हैं?
- क्या तीज-त्योहार और संतानों का जन्मदिन मना सकती हैं?
- पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी की तरह लाडली बहनों की वयस्क संतानों, भाइयों, पति और पिता को सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्रों के संस्थानों में अच्छे वेतनमान और सुरक्षित भविष्य की नौकरियां देकर आत्मनिर्भर बनाएं।
यह भी पढ़ें-भोपाल में बुलडोजर कार्रवाई, लव जिहाद केस के आरोपियों के अवैध मकान ढहाए गए

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स्थायी रोजगार और अच्छा वेतनमान दें
पूर्व सीएम ने सवाल उठाया कि जब महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की बात होती है तो सरकार क्यों उन्हें स्थायी रोजगार और अच्छा वेतनमान देने के बजाय सिर्फ सहायता राशि तक सीमित रख रही है। उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान का भी जिक्र किया जिसमें तीन संतानों को जन्म देने की बात कही गई थी और सवाल किया कि सरकार इसे क्यों अनदेखा कर रही है। अपने ट्वीट के अंत में दिग्विजय सिंह ने हैशटैग के पहले "सुशील सिंह, अंजना सिंह जबलपुर" भी लिखा है, जिससे राजनीतिक हलकों में अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं।
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लाडली बहना योजना पर दिग्विजय के सवाल
- क्या ये पैसा इनके मामा के घर से आता है?
- क्या महंगी शिक्षा, महंगी स्वास्थ सेवाओं, महंगे दूध और पौष्टिक आहार के वर्तमान दौर में 1250 रुपए महीना ऊंट के मुंह में जीरा नहीं है?
- क्या भागवत साहब ने लाडली बहनों को तीन संतानों को जन्म देने का आह्वान नहीं किया है?
- क्या 1250 रुपए महीना में लाडली बहनें सरकारी अंग्रेजी स्कूलों के अभाव में महंगे प्राइवेट स्कूलों में तीन संतानों को पढ़ाकर इंजीनियर और डॉक्टर बना सकती हैं?
- क्या बीमार पड़ने पर 1250 रुपए महीना में सरकारी अस्पताल के अभाव में महंगे प्राइवेट अस्पताल में इलाज करा सकती हैं?
- क्या 1250 रुपए महीना में तीन संतानों को दूध और पौष्टिक आहार देकर कुपोषण का शिकार होने से बचा सकती हैं?
- क्या बिजली बिल का मासिक भुगतान कर सकती हैं?
- क्या तीज-त्योहार और संतानों का जन्मदिन मना सकती हैं?
- पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी की तरह लाडली बहनों की वयस्क संतानों, भाइयों, पति और पिता को सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्रों के संस्थानों में अच्छे वेतनमान और सुरक्षित भविष्य की नौकरियां देकर आत्मनिर्भर बनाएं।
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