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MP NEWS: ओबीसी आरक्षण पर सर्वदलीय बैठक, कांग्रेस बोली-खोदा पहाड़ निकली चुहिया,गुमराह करने वालों पर हो कार्रवाई
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: संदीप तिवारी
Updated Thu, 28 Aug 2025 04:42 PM IST
सार
ओबीसी आरक्षण पर सर्वदलीय बैठक के बाद नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि खोदा पहाड़ निकली चुहिया। सरकार कांग्रेस के बनाए घर में नारियल फोड़कर श्रेय लेना चाहती है। जीतू पटवारी ने कहा कि 6 साल तक सरकार को गुमराह करने वाले अधिकारी और वकीलों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
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सर्वदलीय बैठक के बाद कांग्रेस की प्रेसवार्ता
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण को लेकर गुरुवार मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में भोपाल में सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज यादव समेत अन्य दलों के नेता शामिल हुए। बैठक के बाद कांग्रेस नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस सरकार को घेरा। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने ओबीसी आरक्षण को कांग्रेस की लड़ाई का नतीजा बताया। उन्होंने कहा देर आये, दुरुस्त आये। सरकार ने अपनी गलती मानी और अब सुधारने का प्रयास कर रही है। यह लड़ाई कांग्रेस पार्टी ने लड़ी है, और यह हमारी जीत है। सिंघार ने कहा, की खोदा पहाड़ निकली चुहिया। सरकार कांग्रेस के बनाए घर में नारियल फोड़कर श्रेय लेना चाहती है। वहीं पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा कि हम इसका स्वागत करते हैं लेकिन 6 साल तक सरकार को गुमराह करने वाले अधिकारी और वकीलों पर कार्रवाई होनी चाहिए। ओबीसी आरक्षण का केस लड़ने के लिए सरकार ने करोड़ों रुपए वकील को दिए है।
आरक्षण का रास्ता जल्द से जल्द साफ हो
सिंघार ने जोर देकर कहा कि किसी के हित की बात हो, तो राजनीति नहीं करनी चाहिए। सिंघार ने मांग की कि 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण का रास्ता जल्द से जल्द साफ होना चाहिए। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने पहले से ही 27 फीसदी आरक्षण देने का मन बना लिया था, लेकिन कई पेचीदगियां सामने रखीं। इसके जवाब में कांग्रेस नेताओं ने सुझाव दिया कि इस मामले को विधानसभा में लाकर लोकसभा में प्रस्ताव भेजा जाए, ताकि आरक्षण का लाभ ओबीसी वर्ग को शीघ्र मिल सके। सिंघार ने यह भी कहा कि पिछले छह साल से यह मामला कोर्ट में अटका हुआ है, और अब समय आ गया है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर इस मुद्दे को तुरंत हल करे।
ओबीसी आरक्षण से जुड़ी कानूनी अड़चनों पर चर्चा
जीतू पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने ओबीसी आरक्षण को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई। इसमें ओबीसी आरक्षण से जुड़ी कानूनी अड़चनों पर चर्चा हुई। अगर ओबीसी आरक्षण को शीघ्र लागू करने का रास्ता निकलता है तो यह सकारात्मक कदम होगा। सर्वदलीय बैठक में यही नीति बनी कि कानून को लागू किया जाए और जिन लोगों ने 6 वर्ष तक इसे रोके रखा, उनके खिलाफ कार्रवाई भी हो। यह सर्वसम्मति से सोचा गया कि आरक्षण लागू होना चाहिए, जो स्वागतयोग्य है।
यह भी पढें-मध्य प्रदेश में ओबीसी को 27% आरक्षण देने के लिए सभी दल एकजुट, सीएम बोले- सर्वदलीय संकल्प पारित किया
कांग्रेस पार्टी ने बैठक में इन बिंदुओं पर दिया जोर
1. कानूनी अड़चनों का शीघ्र निराकरण- ताकि ओबीसी वर्ग के छात्रों और युवाओं को उनका संवैधानिक अधिकार तुरंत मिल सके।
2. जिम्मेदार व्यक्तियों पर कार्रवाई- जिन्होंने पिछले 6 वर्ष तक ओबीसी आरक्षण को रोके रखा, उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाए।
3. राजनीतिक सहमति से आगे बढ़ना- यह मुद्दा किसी दल विशेष का नहीं बल्कि पूरे समाज और लाखों युवाओं के भविष्य से जुड़ा है।
4. युवाओं के भविष्य की सुरक्षा- ओबीसी आरक्षण लागू होने से लाखों युवाओं को शिक्षा और रोजगार में अवसर मिलेंगे, जो प्रदेश के विकास के लिए आवश्यक है।
यह भी पढ़ें-नर्सिंग कॉलेजों पर फिर उठे सवाल, कांग्रेस का आरोप 13 सरकारी नर्सिंग कॉलेज में नियम अनुसार फैकल्टी नहीं
आरक्षण दिलाने की जिम्मेदारी सरकार की
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने कहा कि 27 प्रतिशत आरक्षण कई साल से पेंडिंग था। 2019 में हम सरकार में आए और उसे लागू किया। 2003 से 2025 के बीच भाजपा के 4 मुख्यमंत्री बने। किसी ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया क्योंकि नीयत में खोट था। बैठक में फैसला हुआ है कि पिछड़ों का हक 27 प्रतिशत आरक्षण उन्हें दिलाएं। हम सरकार से कहना चाहते हैं कि नीयत ठीक है तो पिछड़ों का आरक्षण दिलाने की जिम्मेदारी आपकी है।
आप पार्टी बोली- यह ओबीसी का हक है और उसे मिलना ही चाहिए
आम आदमी पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष रानी अग्रवाल ने कहा- 27 प्रतिशत आरक्षण तो प्रदेश में लागू हो गया था। यह ओबीसी का हक है और उसे मिलना ही चाहिए। केंद्र-राज्य में बीजेपी सरकार है। चाहे तो 27 प्रतिशत आरक्षण हो सकता है लेकिन वह लटकाए हुए हैं।
सपा बोली-52 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए
समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मनोज यादव ने कहा कि पिछड़े वर्ग को आबादी के हिसाब से 52 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए और सरकार 14 प्रतिशत दे रही है। 13 प्रतिशत होल्ड आरक्षण तत्काल प्रभाव से लागू करें। जिला और हाईकोर्ट में सरकारी वकीलों की नियुक्ति में पिछड़े वर्ग को आरक्षण मिलना चाहिए। जिलेवार रोस्टर लागू हो। मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि डंके की चोट पर देंगे, तो देते क्यों नहीं?
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आरक्षण का रास्ता जल्द से जल्द साफ हो
सिंघार ने जोर देकर कहा कि किसी के हित की बात हो, तो राजनीति नहीं करनी चाहिए। सिंघार ने मांग की कि 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण का रास्ता जल्द से जल्द साफ होना चाहिए। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने पहले से ही 27 फीसदी आरक्षण देने का मन बना लिया था, लेकिन कई पेचीदगियां सामने रखीं। इसके जवाब में कांग्रेस नेताओं ने सुझाव दिया कि इस मामले को विधानसभा में लाकर लोकसभा में प्रस्ताव भेजा जाए, ताकि आरक्षण का लाभ ओबीसी वर्ग को शीघ्र मिल सके। सिंघार ने यह भी कहा कि पिछले छह साल से यह मामला कोर्ट में अटका हुआ है, और अब समय आ गया है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर इस मुद्दे को तुरंत हल करे।
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ओबीसी आरक्षण से जुड़ी कानूनी अड़चनों पर चर्चा
जीतू पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने ओबीसी आरक्षण को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई। इसमें ओबीसी आरक्षण से जुड़ी कानूनी अड़चनों पर चर्चा हुई। अगर ओबीसी आरक्षण को शीघ्र लागू करने का रास्ता निकलता है तो यह सकारात्मक कदम होगा। सर्वदलीय बैठक में यही नीति बनी कि कानून को लागू किया जाए और जिन लोगों ने 6 वर्ष तक इसे रोके रखा, उनके खिलाफ कार्रवाई भी हो। यह सर्वसम्मति से सोचा गया कि आरक्षण लागू होना चाहिए, जो स्वागतयोग्य है।
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1. कानूनी अड़चनों का शीघ्र निराकरण- ताकि ओबीसी वर्ग के छात्रों और युवाओं को उनका संवैधानिक अधिकार तुरंत मिल सके।
2. जिम्मेदार व्यक्तियों पर कार्रवाई- जिन्होंने पिछले 6 वर्ष तक ओबीसी आरक्षण को रोके रखा, उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाए।
3. राजनीतिक सहमति से आगे बढ़ना- यह मुद्दा किसी दल विशेष का नहीं बल्कि पूरे समाज और लाखों युवाओं के भविष्य से जुड़ा है।
4. युवाओं के भविष्य की सुरक्षा- ओबीसी आरक्षण लागू होने से लाखों युवाओं को शिक्षा और रोजगार में अवसर मिलेंगे, जो प्रदेश के विकास के लिए आवश्यक है।
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आरक्षण दिलाने की जिम्मेदारी सरकार की
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने कहा कि 27 प्रतिशत आरक्षण कई साल से पेंडिंग था। 2019 में हम सरकार में आए और उसे लागू किया। 2003 से 2025 के बीच भाजपा के 4 मुख्यमंत्री बने। किसी ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया क्योंकि नीयत में खोट था। बैठक में फैसला हुआ है कि पिछड़ों का हक 27 प्रतिशत आरक्षण उन्हें दिलाएं। हम सरकार से कहना चाहते हैं कि नीयत ठीक है तो पिछड़ों का आरक्षण दिलाने की जिम्मेदारी आपकी है।
आप पार्टी बोली- यह ओबीसी का हक है और उसे मिलना ही चाहिए
आम आदमी पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष रानी अग्रवाल ने कहा- 27 प्रतिशत आरक्षण तो प्रदेश में लागू हो गया था। यह ओबीसी का हक है और उसे मिलना ही चाहिए। केंद्र-राज्य में बीजेपी सरकार है। चाहे तो 27 प्रतिशत आरक्षण हो सकता है लेकिन वह लटकाए हुए हैं।
सपा बोली-52 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए
समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मनोज यादव ने कहा कि पिछड़े वर्ग को आबादी के हिसाब से 52 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए और सरकार 14 प्रतिशत दे रही है। 13 प्रतिशत होल्ड आरक्षण तत्काल प्रभाव से लागू करें। जिला और हाईकोर्ट में सरकारी वकीलों की नियुक्ति में पिछड़े वर्ग को आरक्षण मिलना चाहिए। जिलेवार रोस्टर लागू हो। मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि डंके की चोट पर देंगे, तो देते क्यों नहीं?