{"_id":"68934e3a3fefb7657405e6bb","slug":"mp-news-jan-vishwas-bill-2025-passed-in-the-assembly-now-you-will-not-have-to-go-to-court-in-small-matters-2025-08-06","type":"story","status":"publish","title_hn":"MP News: जन विश्वास विधेयक 2025 विधानसभा में पारित, छोटे मामलों में अब नहीं जाना होगा कोर्ट-कचहरी","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
MP News: जन विश्वास विधेयक 2025 विधानसभा में पारित, छोटे मामलों में अब नहीं जाना होगा कोर्ट-कचहरी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: आनंद पवार
Updated Wed, 06 Aug 2025 06:14 PM IST
सार
मध्यप्रदेश सरकार ने आम लोगों, व्यापारियों और छोटे कारोबारियों को राहत देने के लिए विधानसभा में एक नया कानून पास किया है। इसके तहत अब छोटी-मोटी गलतियों पर कोर्ट-कचहरी के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। सरकार ने पुराने और बेकार हो चुके 4 कानून खत्म कर दिए हैं और 16 कानूनों की 44 धाराओं को अपराध की जगह जुर्माने में बदल दिया है। इससे लोगों को कानूनी झंझटों से काफी राहत मिलेगी।
विज्ञापन
मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर
- फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन
विस्तार
मध्यप्रदेश सरकार ने आम लोगों, उद्यमियों और छोटे कारोबारियों को अनावश्यक कानूनी उलझनों से राहत देने के उद्देश्य से जन विश्वास (उपबंधों का संशोधन) विधेयक 2025 विधानसभा में प्रस्तुत किया, जिसे सदन में चर्चा के बाद पारित कर दिया गया। इस विधेयक के तहत 4 पुराने और अनुपयोगी कानूनों को समाप्त किया गया है, वहीं 16 कानूनों की 44 धाराओं को अपराध की श्रेणी से बाहर कर सामान्य आर्थिक दंड (पेनल्टी) में बदला गया है।
ये भी पढ़ें- MP News: MP में 2020 से 'लव जिहाद' के 283 केस, इस साल 6 महीनों में 3,742 महिलाएं बनीं दुष्कर्म की शिकार"
एमएसएमई मंत्री चैतन्य काश्यप ने मंगलवार को विधेयक को विधानसभा में पेश किया और बुधवार को इस पर हुई चर्चा के दौरान बताया कि अब छोटी-मोटी त्रुटियों या अनजाने में हुए सिविल उल्लंघनों पर आम नागरिकों और व्यवसायियों को कोर्ट-कचहरी के चक्कर नहीं लगाने होंगे। यह विधेयक ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ और न्याय प्रक्रिया को सरल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
ये भी पढ़ें- MP Assembly Monsoon Session: जन विश्वास संशोधन समेत आठ विधेयकों पर चर्चा आज, किसानों से जुड़ा मुद्दा भी उठेगा
हालांकि, कांग्रेस विधायक सोहनलाल वाल्मीकि ने विधेयक पर सवाल खड़े किए और कहा कि "जन विश्वास 1.0" का अभी तक कोई ठोस असर नहीं दिखा, ऐसे में 2.0 लाने का औचित्य स्पष्ट नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि विधेयक केवल अफसरों की सलाह से बनाया गया है और इसमें आम जनता, विशेषज्ञों या जमीनी अनुभव को शामिल नहीं किया गया। उन्होंने यह भी आशंका जताई कि यह प्रावधान केवल आर्थिक रूप से सक्षम लोगों को फायदा पहुंचाएगा, जबकि गरीब तबका पेनल्टी या सजा के डर से परेशान रहेगा।
ये भी पढ़ें- MP News: सीएम डॉ. यादव बोले- किसान उत्पादक संगठन सिर्फ खरीदी तक सीमित न रहें, प्रसंस्करण कर लाभ कमाएं
वहीं भाजपा विधायकों ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि यह समय की आवश्यकता है, जिससे लंबे समय से चल रहे अप्रासंगिक कानूनों की समीक्षा संभव हुई है। मंत्री चैतन्य काश्यप ने स्पष्ट किया कि 20 अधिनियमों में संशोधन कर 168 धाराओं की समीक्षा की गई है। यह विधेयक समाज और व्यापार दोनों के लिए उपयोगी साबित होगा। उन्होंने बताया कि इस पहल से मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जिसने जन विश्वास विधेयक 2025 को पारित किया। सदन में बहस के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने विधेयक को पारित करने की मंजूरी दी।
Trending Videos
ये भी पढ़ें- MP News: MP में 2020 से 'लव जिहाद' के 283 केस, इस साल 6 महीनों में 3,742 महिलाएं बनीं दुष्कर्म की शिकार"
विज्ञापन
विज्ञापन
एमएसएमई मंत्री चैतन्य काश्यप ने मंगलवार को विधेयक को विधानसभा में पेश किया और बुधवार को इस पर हुई चर्चा के दौरान बताया कि अब छोटी-मोटी त्रुटियों या अनजाने में हुए सिविल उल्लंघनों पर आम नागरिकों और व्यवसायियों को कोर्ट-कचहरी के चक्कर नहीं लगाने होंगे। यह विधेयक ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ और न्याय प्रक्रिया को सरल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
ये भी पढ़ें- MP Assembly Monsoon Session: जन विश्वास संशोधन समेत आठ विधेयकों पर चर्चा आज, किसानों से जुड़ा मुद्दा भी उठेगा
हालांकि, कांग्रेस विधायक सोहनलाल वाल्मीकि ने विधेयक पर सवाल खड़े किए और कहा कि "जन विश्वास 1.0" का अभी तक कोई ठोस असर नहीं दिखा, ऐसे में 2.0 लाने का औचित्य स्पष्ट नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि विधेयक केवल अफसरों की सलाह से बनाया गया है और इसमें आम जनता, विशेषज्ञों या जमीनी अनुभव को शामिल नहीं किया गया। उन्होंने यह भी आशंका जताई कि यह प्रावधान केवल आर्थिक रूप से सक्षम लोगों को फायदा पहुंचाएगा, जबकि गरीब तबका पेनल्टी या सजा के डर से परेशान रहेगा।
ये भी पढ़ें- MP News: सीएम डॉ. यादव बोले- किसान उत्पादक संगठन सिर्फ खरीदी तक सीमित न रहें, प्रसंस्करण कर लाभ कमाएं
वहीं भाजपा विधायकों ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि यह समय की आवश्यकता है, जिससे लंबे समय से चल रहे अप्रासंगिक कानूनों की समीक्षा संभव हुई है। मंत्री चैतन्य काश्यप ने स्पष्ट किया कि 20 अधिनियमों में संशोधन कर 168 धाराओं की समीक्षा की गई है। यह विधेयक समाज और व्यापार दोनों के लिए उपयोगी साबित होगा। उन्होंने बताया कि इस पहल से मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जिसने जन विश्वास विधेयक 2025 को पारित किया। सदन में बहस के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने विधेयक को पारित करने की मंजूरी दी।

कमेंट
कमेंट X