{"_id":"6932bd41bf36b858f0042fea","slug":"mp-winter-session-huge-uproar-in-the-assembly-over-deforestation-in-singrauli-congress-stages-a-walkout-que-2025-12-05","type":"story","status":"publish","title_hn":"MP Winter Session: सिंगरौली में जंगल कटाई पर विधानसभा में जोरदार हंगामा, कांग्रेस का वॉकआउट, पेसा एक्ट पर सवाल","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
MP Winter Session: सिंगरौली में जंगल कटाई पर विधानसभा में जोरदार हंगामा, कांग्रेस का वॉकआउट, पेसा एक्ट पर सवाल
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: संदीप तिवारी
Updated Fri, 05 Dec 2025 04:40 PM IST
सार
सिंगरौली में पेसा एक्ट लागू होने को लेकर विधानसभा में तीखी बहस हुई। कांग्रेस ने पेड़ों की कटाई, पुलिस तैनाती और खदानें अडाणी को देने पर सवाल उठाए और नारेबाजी कर वॉकआउट किया। सरकार ने कहा कि क्षेत्र पेसा के दायरे में नहीं आता और सभी काम नियमों के अनुसार हो रहे हैं।
विज्ञापन
कांग्रेस का वॉकआउट
- फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन
विस्तार
मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन सिंगरौली जिले में बड़े पैमाने पर जंगल कटाई का मुद्दा सदन में केंद्र में रहा। कांग्रेस विधायकों ने वन विभाग से स्पष्ट जवाब मांगा, लेकिन संतोषजनक उत्तर न मिलने पर नारेबाजी करते हुए वॉकआउट कर दिया। कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह और विक्रांत भूरिया ने आरोप लगाया कि सरकार ने तीन कोल खदानें अडाणी समूह को देने के नाम पर भारी मात्रा में पेड़ों की कटाई कराई है। उन्होंने कहा कि वन अधिनियम का पालन नहीं हो रहा और आदिवासी समुदाय पर इसका सीधा असर पड़ेगा। भूरिया ने यह भी कहा कि सिंगरौली से पेड़ काटकर सागर और शिवपुरी में लगाए जा रहे हैं।यह न्याय नहीं।
कटाई नियमों के तहत की गई
वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार ने सफाई देते हुए कहा कि कटाई नियमों के तहत की गई है, जितने पेड़ हटाए गए हैं, उतने लगाए भी जा रहे हैं और जितनी भूमि ली गई है, उतनी उपलब्ध भी कराई जा रही है। लेकिन विपक्ष उनकी दलीलों से असंतुष्ट रहा।
पेसा एक्ट पर तकरार तेज
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि अगस्त 2023 के दस्तावेजों में सिंगरौली ब्लॉक को पेसा एक्ट क्षेत्र बताया गया है, फिर सरकार अब क्यों कह रही है कि यह क्षेत्र पेसा के दायरे में नहीं आता? उन्होंने पूछा कि 2023 के बाद इसे पांचवीं अनुसूची से क्यों हटाया गया? इस पर संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि सिंगरौली में कभी पेसा लागू नहीं रहा और वहां आदिवासी आबादी कम है। उन्होंने वन मंत्री का बचाव करते हुए कहा कि वह पहली बार विधायक हैं, लेकिन सही जवाब दे रहे हैं।
वन मंत्री अहिरवार ने कहा कि जो ग्राम और ब्लॉक क्षेत्र अभी प्रभावित हैं, वे वर्तमान में पेसा एक्ट के तहत नहीं आते, इसलिए अनुमति दी गई है। विपक्ष के लगातार दबाव पर विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष के साथ अलग बैठक कर वन मंत्री पूरा और स्पष्ट जवाब देंगे।
यह भी पढ़ें-विधानसभा परिसर में BJP विधायकों ने जमकर की नारेबाजी, बताई वजह, क्या बोले?
विधानसभा चंदन के पेड़ तक नहीं बचा पाई
बहस के दौरान डिंडौरी के कांग्रेस विधायक ओंकार सिंह मरकाम ने आरोप लगाया कि सरकार प्रकृति संरक्षण में विफल है। उन्होंने कहा कि जब विधानसभा परिसर के चंदन के पेड़ तक सुरक्षित नहीं रह पाए, तो दूर-दराज के जंगलों की रक्षा सरकार कैसे करेगी? उन्होंने कहा कि प्रकृति के साथ छेड़छाड़ लगातार बढ़ रही है और इससे आदिवासी जीवन पर भारी असर पड़ेगा।
यह भी पढ़ें-13476 करोड़ का दूसरा अनुपूरक बजट पारित, सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित
वन कट रहे हैं, आदिवासियों पर अत्याचार
कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया ने आरोप लगाया कि सिंगरौली में एक विधायक को छिपकर जाना पड़ रहा है, जबकि अगर सब कुछ वैधानिक है तो वहां दो हजार पुलिस क्यों तैनात की गई? उन्होंने बड़े पैमाने पर पेड़ काटे जाने का मुद्दा उठाया। भूरिया ने आरोप लगाया कि सिंगरौली में जंगल काटेंगे और पेड़ सागर में लगाएंगे। पूरा जंगल अदाणी को सौंप दिया गया है। आदिवासियों को ऑक्सीजन कहां से मिलेगी?
Trending Videos
कटाई नियमों के तहत की गई
वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार ने सफाई देते हुए कहा कि कटाई नियमों के तहत की गई है, जितने पेड़ हटाए गए हैं, उतने लगाए भी जा रहे हैं और जितनी भूमि ली गई है, उतनी उपलब्ध भी कराई जा रही है। लेकिन विपक्ष उनकी दलीलों से असंतुष्ट रहा।
विज्ञापन
विज्ञापन
पेसा एक्ट पर तकरार तेज
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि अगस्त 2023 के दस्तावेजों में सिंगरौली ब्लॉक को पेसा एक्ट क्षेत्र बताया गया है, फिर सरकार अब क्यों कह रही है कि यह क्षेत्र पेसा के दायरे में नहीं आता? उन्होंने पूछा कि 2023 के बाद इसे पांचवीं अनुसूची से क्यों हटाया गया? इस पर संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि सिंगरौली में कभी पेसा लागू नहीं रहा और वहां आदिवासी आबादी कम है। उन्होंने वन मंत्री का बचाव करते हुए कहा कि वह पहली बार विधायक हैं, लेकिन सही जवाब दे रहे हैं।
वन मंत्री अहिरवार ने कहा कि जो ग्राम और ब्लॉक क्षेत्र अभी प्रभावित हैं, वे वर्तमान में पेसा एक्ट के तहत नहीं आते, इसलिए अनुमति दी गई है। विपक्ष के लगातार दबाव पर विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष के साथ अलग बैठक कर वन मंत्री पूरा और स्पष्ट जवाब देंगे।
यह भी पढ़ें-विधानसभा परिसर में BJP विधायकों ने जमकर की नारेबाजी, बताई वजह, क्या बोले?
विधानसभा चंदन के पेड़ तक नहीं बचा पाई
बहस के दौरान डिंडौरी के कांग्रेस विधायक ओंकार सिंह मरकाम ने आरोप लगाया कि सरकार प्रकृति संरक्षण में विफल है। उन्होंने कहा कि जब विधानसभा परिसर के चंदन के पेड़ तक सुरक्षित नहीं रह पाए, तो दूर-दराज के जंगलों की रक्षा सरकार कैसे करेगी? उन्होंने कहा कि प्रकृति के साथ छेड़छाड़ लगातार बढ़ रही है और इससे आदिवासी जीवन पर भारी असर पड़ेगा।
यह भी पढ़ें-13476 करोड़ का दूसरा अनुपूरक बजट पारित, सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित
वन कट रहे हैं, आदिवासियों पर अत्याचार
कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया ने आरोप लगाया कि सिंगरौली में एक विधायक को छिपकर जाना पड़ रहा है, जबकि अगर सब कुछ वैधानिक है तो वहां दो हजार पुलिस क्यों तैनात की गई? उन्होंने बड़े पैमाने पर पेड़ काटे जाने का मुद्दा उठाया। भूरिया ने आरोप लगाया कि सिंगरौली में जंगल काटेंगे और पेड़ सागर में लगाएंगे। पूरा जंगल अदाणी को सौंप दिया गया है। आदिवासियों को ऑक्सीजन कहां से मिलेगी?
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन

कमेंट
कमेंट X