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MP विधानसभा शीतकालीन सत्र: 13474 करोड़ का अनुपूरक बजट पारित, सीएम बोले- प्रदेश को विकसित राज्य बनाएंगे
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: आनंद पवार
Updated Fri, 05 Dec 2025 06:13 PM IST
सार
मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन 13,474 करोड़ का दूसरा अनुपूरक बजट पारित हो गया। बजट पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने कर्ज और योजनाओं पर सवाल उठाए, जबकि सरकार ने विकास में भेदभाव न होने का भरोसा दिया।
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मध्य प्रदेश विधानसभा
- फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन दूसरे 13474 करोड़ का अनुपूरक बजट पारित चर्चा के बाद पारित हो गया। अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने सरकार पर सवाल उठाए, वहीं, सरकार की तरफ से जवाब देते हुए कहा गया कि विकास में किसी तरह का भेदभाव नहीं करेंगे। अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने दिया। वहीं, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी सदन में संबोधन देते हुए सरकार की प्राथमिकताओं और विकास योजनाओं गिनाई। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि प्रदेश पर कुल कर्ज में 130% की बढ़ोतरी हुई है और सरकार अधिक दरों पर ऋण क्यों ले रही, जबकि कई राज्य इससे कम दर पर कर्ज ले रहे हैं। जल जीवन मिशन में 250 से ज्यादा ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट करना पड़ा। उनका आरोप था कि कई योजनाएं धनाभाव के कारण ठप पड़ी हैं। साथ ही उन्होंने 5 करोड़ की विधायक निधि का भी मुद्दा उठाया, जिसका जिक्र मुख्य बजट में किया गया था।
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पूंजीगत खर्च बढ़ा, कांग्रेस ने कर्ज का उपयोग वेतन बांटने में किया
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 4,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही उपार्जन, भावांतर, लाड़ली बहना जैसी योजनाओं के लिए भी दूसरे अनुपूरक बजट में पर्याप्त प्रावधान शामिल किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार कर्ज लेकर राजस्व में खर्च नहीं कर रही, बल्कि पूंजीगत मद में निवेश कर रही है। देवड़ा ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने कर्ज लेकर वेतन बांटे और अपने घर भर लिए। हम नियमानुसार कर्ज ले रहे हैं और समय पर ब्याज व किस्त चुका रहे हैं।
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कांग्रेस के क्षेत्रों में भी विकास, क्योंकि भेदभाव हमारी नीति में नहीं
देवड़ा ने कहा कि सरकार हर क्षेत्र में समान गति से विकास कार्य कर रही है और कांग्रेस विधायकों के क्षेत्रों में भी काम हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आप मानें या न मानें, लेकिन कर्ज का उपयोग विकास में हुआ है। जनता हमारे काम को स्वीकार कर रही है क्योंकि पूरे देश में हमारी सरकारें बन रही हैं। जहां पहले आपकी सरकारें थीं, वहां भी अब हमारा शासन है।
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CM डॉ. मोहन का बयान- विपक्ष ने रचनात्मक भूमिका निभाई
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने चर्चा के अंत में विपक्ष की भूमिका को सराहा। उन्होंने कहा कि पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने विकास के मुद्दों पर एकजुट होकर काम किया। उन्होंने बताया कि प्रदेश ने हाल ही में तीन चीते को जंगल में आजाद करके वन संरक्षण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। सोयाबीन के लिए भावांतर योजना में भी प्रदेश नई कहानी लिख रहा है। सीएम ने कहा कि भोपाल को कश्मीर जैसा अनुभव देने वाली शिकारा सुविधा मिलना प्रदेश के पर्यटन विकास की नई दिशा है। उन्होंने कहा कि अनुपूरक बजट राज्य के विकास में मील का पत्थर सिद्ध होगा। उन्होंने दृढ़ स्वर में कहा कि हम तब तक नहीं रुकेंगे जब तक मध्यप्रदेश को विकसित प्रदेश बनाकर खड़ा नहीं कर देते। यह केवल हमारा मिशन नहीं, बल्कि हमारी जिम्मेदारी और धर्म है।
यह विकास नहीं, कर्ज उन्मुखी बजट है
मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि प्रस्तुत बजट जनता की आवश्यकताओं से दूर और कर्ज आधारित नीतियों पर टिका हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब किसान, युवा और महिलाएं परेशान हैं, तब सरकार जेट विमान और मुख्यमंत्री निवास पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, जो जनता के प्रति असंवेदनशीलता दर्शाता है। सिंघार ने कहा कि कांग्रेस जो भी मुद्दे सदन में उठाती है, भाजपा सरकार उसे “नाटक” कहकर टाल देती है। उन्होंने छतरपुर में महिला किसान से हुई अभद्रता और टीकमगढ़ में युवक के बिजली लाइन पर लटके रहने की घटना को प्रशासनिक लापरवाही का उदाहरण बताया। उन्होंने निवेश समिट, हेलिकॉप्टर-किराया और जल जीवन मिशन में हुए कथित भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए कहा कि इसी भ्रष्टाचार के कारण केंद्र ने भी फंड रोक दिए हैं। वित्तीय प्रबंधन पर सवाल उठाते हुए उन्होंने बताया कि सरकार ने जनवरी से नवंबर तक 74,000 करोड़ रुपये का कर्ज ले लिया है और 8% ब्याज दर पर ऋण लेना प्रदेश की वित्तीय साख पर प्रश्नचिह्न है। सिंघार ने विकास कार्यों में समानता की मांग करते हुए विधायक निधि 5 करोड़ करने की जरूरत बताई, ताकि सभी क्षेत्रों में संतुलित विकास हो सके।
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पूंजीगत खर्च बढ़ा, कांग्रेस ने कर्ज का उपयोग वेतन बांटने में किया
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 4,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही उपार्जन, भावांतर, लाड़ली बहना जैसी योजनाओं के लिए भी दूसरे अनुपूरक बजट में पर्याप्त प्रावधान शामिल किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार कर्ज लेकर राजस्व में खर्च नहीं कर रही, बल्कि पूंजीगत मद में निवेश कर रही है। देवड़ा ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने कर्ज लेकर वेतन बांटे और अपने घर भर लिए। हम नियमानुसार कर्ज ले रहे हैं और समय पर ब्याज व किस्त चुका रहे हैं।
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कांग्रेस के क्षेत्रों में भी विकास, क्योंकि भेदभाव हमारी नीति में नहीं
देवड़ा ने कहा कि सरकार हर क्षेत्र में समान गति से विकास कार्य कर रही है और कांग्रेस विधायकों के क्षेत्रों में भी काम हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आप मानें या न मानें, लेकिन कर्ज का उपयोग विकास में हुआ है। जनता हमारे काम को स्वीकार कर रही है क्योंकि पूरे देश में हमारी सरकारें बन रही हैं। जहां पहले आपकी सरकारें थीं, वहां भी अब हमारा शासन है।
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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने चर्चा के अंत में विपक्ष की भूमिका को सराहा। उन्होंने कहा कि पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने विकास के मुद्दों पर एकजुट होकर काम किया। उन्होंने बताया कि प्रदेश ने हाल ही में तीन चीते को जंगल में आजाद करके वन संरक्षण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। सोयाबीन के लिए भावांतर योजना में भी प्रदेश नई कहानी लिख रहा है। सीएम ने कहा कि भोपाल को कश्मीर जैसा अनुभव देने वाली शिकारा सुविधा मिलना प्रदेश के पर्यटन विकास की नई दिशा है। उन्होंने कहा कि अनुपूरक बजट राज्य के विकास में मील का पत्थर सिद्ध होगा। उन्होंने दृढ़ स्वर में कहा कि हम तब तक नहीं रुकेंगे जब तक मध्यप्रदेश को विकसित प्रदेश बनाकर खड़ा नहीं कर देते। यह केवल हमारा मिशन नहीं, बल्कि हमारी जिम्मेदारी और धर्म है।
यह विकास नहीं, कर्ज उन्मुखी बजट है
मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि प्रस्तुत बजट जनता की आवश्यकताओं से दूर और कर्ज आधारित नीतियों पर टिका हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब किसान, युवा और महिलाएं परेशान हैं, तब सरकार जेट विमान और मुख्यमंत्री निवास पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, जो जनता के प्रति असंवेदनशीलता दर्शाता है। सिंघार ने कहा कि कांग्रेस जो भी मुद्दे सदन में उठाती है, भाजपा सरकार उसे “नाटक” कहकर टाल देती है। उन्होंने छतरपुर में महिला किसान से हुई अभद्रता और टीकमगढ़ में युवक के बिजली लाइन पर लटके रहने की घटना को प्रशासनिक लापरवाही का उदाहरण बताया। उन्होंने निवेश समिट, हेलिकॉप्टर-किराया और जल जीवन मिशन में हुए कथित भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए कहा कि इसी भ्रष्टाचार के कारण केंद्र ने भी फंड रोक दिए हैं। वित्तीय प्रबंधन पर सवाल उठाते हुए उन्होंने बताया कि सरकार ने जनवरी से नवंबर तक 74,000 करोड़ रुपये का कर्ज ले लिया है और 8% ब्याज दर पर ऋण लेना प्रदेश की वित्तीय साख पर प्रश्नचिह्न है। सिंघार ने विकास कार्यों में समानता की मांग करते हुए विधायक निधि 5 करोड़ करने की जरूरत बताई, ताकि सभी क्षेत्रों में संतुलित विकास हो सके।

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