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MP News: एमपी पुलिस आरक्षक भर्ती घोटाले पर सियासी घमासान, नेता प्रतिपक्ष सिंघार ने की CBI जांच की मांग
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: आनंद पवार
Updated Wed, 04 Jun 2025 04:20 PM IST
सार
मध्य प्रदेश में पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर सामने आए फर्जीवाड़े से सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई हैं। हजारों पदों पर भर्ती प्रक्रिया में सॉल्वर गैंग के इस्तेमाल, फर्जी आधार कार्ड और दस्तावेजों में गंभीर अनियमितताओं के आरोपों के बीच नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस पूरे मामले की CBI जांच की मांग उठाई है।
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नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मध्य प्रदेश में पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस पूरे मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच कराने की मांग की है और राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। उमंग सिंघार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा कि राज्य सरकार के अधीन काम कर रहे गृह विभाग, जो खुद मुख्यमंत्री के पास है, उसी में यह बड़ा घोटाला सामने आया है। उन्होंने आरोप लगाया कि हजारों पदों पर भर्ती के दौरान असली अभ्यर्थियों के स्थान पर सॉल्वर बैठाए गए और दस्तावेजों में फोटो, हस्ताक्षर, फिंगरप्रिंट और हैंडराइटिंग तक मेल नहीं खा रहे। फर्जी आधार कार्ड के ज़रिए बड़े स्तर पर धांधली की गई है।
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सिंघार ने सवाल उठाया कि भर्ती माफिया किसके संरक्षण में काम कर रहा है? क्यों मुख्यमंत्री इस गंभीर मामले पर चुप हैं? उन्होंने दावा किया कि घोटाले की परतें हर दिन खुलती जा रही हैं और इसके तार बिहार व छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों से भी जुड़े हैं। उन्होंने इसे व्यापमं, नर्सिंग, परिवहन, पटवारी और बिजली विभाग जैसे पुराने घोटालों की कड़ी में एक और कड़ी बताया और कहा कि इन घोटालों से प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ बार-बार खिलवाड़ किया गया है। सिंघार ने मांग की कि भर्ती प्रक्रिया पर तुरंत रोक लगाई जाए, पूरी परीक्षा रद्द की जाए और निष्पक्षता के साथ दोबारा परीक्षा करवाई जाए। साथ ही, CBI जांच कराकर असली दोषियों को सजा दिलाई जाए ताकि युवाओं का भविष्य सुरक्षित रह सके।
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क्या है मामला
आधार विवरण से छेड़छाड़ कर भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी की गई। जुलाई 2023 में आरोपितों ने अपने आधार में फोटोग्राफ और बायोमेट्रिक डेटा बदला। इसके बाद 16 अगस्त से 15 सितंबर के बीच आयोजित आरक्षक परीक्षा में उनकी जगह सॉल्वर परीक्षा देने पहुंचे। परीक्षा के बाद अभ्यर्थियों ने फिर से आधार को संशोधित कर असली जानकारी डलवाई। दस्तावेज़ों की जांच में जब फोटोग्राफ और फिंगरप्रिंट मेल नहीं खाए तो संदेह गहराया। मूल परीक्षा रिकॉर्ड बुलाने पर सॉल्वर की पुष्टि हुई। मामला सामने आने पर 14वीं वाहिनी विसबल के एसआई रघुनंदन शर्मा ने कंपू थाने में शिकायत दर्ज कराई। पांच अभियर्थियों पर फर्जीवाड़े और आईटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। अब तक 19 अभ्यर्थियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। वर्ष 2023 में 7411 पदों पर आरक्षक भर्ती परीक्षा हुई थी।
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सिंघार ने सवाल उठाया कि भर्ती माफिया किसके संरक्षण में काम कर रहा है? क्यों मुख्यमंत्री इस गंभीर मामले पर चुप हैं? उन्होंने दावा किया कि घोटाले की परतें हर दिन खुलती जा रही हैं और इसके तार बिहार व छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों से भी जुड़े हैं। उन्होंने इसे व्यापमं, नर्सिंग, परिवहन, पटवारी और बिजली विभाग जैसे पुराने घोटालों की कड़ी में एक और कड़ी बताया और कहा कि इन घोटालों से प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ बार-बार खिलवाड़ किया गया है। सिंघार ने मांग की कि भर्ती प्रक्रिया पर तुरंत रोक लगाई जाए, पूरी परीक्षा रद्द की जाए और निष्पक्षता के साथ दोबारा परीक्षा करवाई जाए। साथ ही, CBI जांच कराकर असली दोषियों को सजा दिलाई जाए ताकि युवाओं का भविष्य सुरक्षित रह सके।
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क्या है मामला
आधार विवरण से छेड़छाड़ कर भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी की गई। जुलाई 2023 में आरोपितों ने अपने आधार में फोटोग्राफ और बायोमेट्रिक डेटा बदला। इसके बाद 16 अगस्त से 15 सितंबर के बीच आयोजित आरक्षक परीक्षा में उनकी जगह सॉल्वर परीक्षा देने पहुंचे। परीक्षा के बाद अभ्यर्थियों ने फिर से आधार को संशोधित कर असली जानकारी डलवाई। दस्तावेज़ों की जांच में जब फोटोग्राफ और फिंगरप्रिंट मेल नहीं खाए तो संदेह गहराया। मूल परीक्षा रिकॉर्ड बुलाने पर सॉल्वर की पुष्टि हुई। मामला सामने आने पर 14वीं वाहिनी विसबल के एसआई रघुनंदन शर्मा ने कंपू थाने में शिकायत दर्ज कराई। पांच अभियर्थियों पर फर्जीवाड़े और आईटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। अब तक 19 अभ्यर्थियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। वर्ष 2023 में 7411 पदों पर आरक्षक भर्ती परीक्षा हुई थी।

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