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MP Election: पोस्टल बैलेट छेड़छाड़ मामले में चुनाव आयोग पहुंची कांग्रेस, PM मोदी के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: अरविंद कुमार Updated Tue, 28 Nov 2023 07:42 PM IST
सार

कांग्रेस नेताओं ने मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में पोस्टल बैलेट के साथ हुई छेड़छाड़ का मुद्दा उठाया और निर्वाचन आयोग से उचित कार्रवाई की मांग की। साथ ही बीजेपी नेताओं खासकर पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह द्वारा अमर्यादित टिप्पणियों को लेकर कांग्रेस ने मंगलवार को चुनाव आयोग से शिकायत की।

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MP Politics Congress reaches Election Commission in postal ballot tampering case
अभिषेक मनु सिंघवी सहित अन्य कांग्रेसी नेता - फोटो : अमर उजाला
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कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के कथित 'आपत्तिजनक बयानों' के मामले में मंगलवार को निर्वाचन आयोग से जल्द कार्रवाई की मांग की। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयोग के वरिष्ठ पदाधिकारियों से मुलाकात कर यह आग्रह भी किया कि वह तेलंगाना विधानसभा चुनाव में प्रचार खत्म होने और मतदान शुरू होने तक की अवधि (साइलेंस पीरियड) में आचार संहिता के उल्लंघन की आशंका और मध्यप्रदेश में कुछ स्थानों पर डाक मतपत्र से छेड़छाड़ के मद्देनजर उचित कार्रवाई करे।

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कांग्रेस के इस प्रतिनिधिमंडल में पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी और सलमान खुर्शीद के अलावा पार्टी नेता गुरदीप सप्पल, प्रणव झा और विनीत पुनिया शामिल रहे। सिंघवी के अनुसार, कांग्रेस नेता अजय माकन और अजय कुमार आयोग के समक्ष डिजिटल माध्यम से जुड़े थे। सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, चुनाव आयोग से हमने तीन बिंदुओं पर बात की है। हमने 24 नवंबर को शिकायत की थी कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने चुनाव आचार संहिता का घोर उल्लंघन किया है। हमने तीन उदाहरण दिए।
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प्रधानमंत्री ने 'मूर्खों का सरदार' वाली टिप्पणी की, गृहमंत्री ने 'राहु-केतु सिंड्रोम' वाला बयान दिया तथा उन्होंने 'विदेशी मूल' को लेकर टिप्पणी की। हमने कहा कि ये तीनों बयान आपत्तिजनक हैं और आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि अतीत में आयोग ने इससे कम प्रभाव वाले बयानों पर कार्रवाई की है। कांग्रेस नेता ने कहा, हमारी मांग है कि (तेलंगाना में) मतदान से पहले चुनाव आयोग एक स्पष्ट निर्णय दे। किसी भी तरह से यह संदेश नहीं जाना चाहिए कि बड़े पद पर आसीन लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। हमें आशा है कि आयोग जल्द कार्रवाई करेगा।

उन्होंने कहा, तेलंगाना के साइलेंस पीरियड के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर हमें भय है। हमें कार्यकर्ताओं ने बताया है कि बीआरएस (भारत राष्ट्र समिति) आचार संहिता का उल्लंघन करेगी। हमने मध्यप्रदेश का उदाहरण दिया कि कैसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अजीबो-गरीब बहाने बनाकर चुनाव प्रचार किया था। सिंघवी के अनुसार, कांग्रेस ने आयोग से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि तेलंगाना में चुनाव आचार संहिता का प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से उल्लंघन नहीं हो।

प्रदेश महामंत्री कांग्रेस कमेटी सैयद जाफर का बयान
बालाघाट में पोस्टर बैलेट वक्त से पहले खोलने के मामले में भाजपा पर्दा डालने की कोशिश कर रही है। अगर कुछ गलत नहीं हुआ तो नोडल अफसर को सस्पेंड क्यों किया? इस मामले में कलेक्टर और रिटर्निंग ऑफिसर डॉ. गिरीश मिश्रा की भूमिका भी संदिग्ध है, वे भी जल्दी ही फंसने वाले हैं। उन्होंने कई तथ्य छिपाए हैं। कांग्रेस पार्टी एमपी के जिम्मेदार अफसरों से अपील करती है कि अपने कर्तव्य का पालन करते हुए संविधान की मर्यादा का ध्यान रखें। जनता ने मैंडेट दे दिया है, उसे बदलने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

स्ट्रांग रूम खोले जाने की जानकारी मुझे नहीं थी : डॉ मिश्रा
बालाघाट जिले में स्ट्रांग रूम खोलकर पोस्टल बैलेट की स्क्रूटनी किए जाने की जानकरी मुझे नहीं थी। एआरओ पोस्टल बैलेट ने राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों को इस संबंध में फोन पर सूचित किया था। यह कहना है जिला निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर डॉ गिरीश मिश्रा का।



उन्होंने बताया कि सुविधा केन्द्र से मिलने वाले पोस्टल बैलेट की स्क्रूटनी उसी दिन हो जाती है। अन्य पोस्टल बैलेट की स्क्रूटनी मतगणना के एक दिन पहले होती है। स्टांग रूम को रोजना तीन बजे राजनीतिक दल के व्यक्ति के समक्ष खोला जाता है। एआरओ पोस्टल ने हिम्मत सिंह भवेडी ने राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों को फोन पर डाक मत पत्रों की  स्क्रूटनी के संबंध में सूचित किया था। राजनीति दल के प्रतिनिधियों के सामने स्ट्रांग रूम को खोलकर पोस्टल मत पत्रों की स्कूटनी की गई, जिसके बाद राजनीतिक प्रतिनिधियों की उपस्थिति में ही स्ट्रांग रूम को बंद कर दिया।

स्ट्रांग रूम को नियमानुसार तीन बजे खोला जाना था। एआरओ पोस्टल बैलेट ने स्ट्रांग रूम को 1:29 बजे खोलकर डाक मत पत्रों की स्क्रूटनी का कार्य प्रारंभ कर दिया, जिसकी उन्हें जानकारी नहीं थी। इसकी रिपोर्ट उनके द्वारा निर्वाचन आयोग को भेजी गई थी। डाक मत पत्रों को छेड़छाड़ किए जाने के संबंध में जो वीडियो वायरल किया जा रहा है, वह भ्रामक है। डाक मत पत्रों से किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की गई है। प्रक्रिया में समय का पालन नहीं किया गया है। वीडियो रिकॉर्डिंग, सुरक्षा इंतजाम सहित अन्य सभी प्रक्रिया का पालन किया गया था। आयोग के निर्देश पर एआरओ पोस्टल को निलंबित कर दिया है।

जिला कलेक्टर पर होनी चाहिए कार्रवाई
कांग्रेस नेता जेवी घनोरिया का कहना है कि पोस्टल बैलेट की स्कूटनी मतगणना के एक दिन पहले होनी चाहिए थी। प्रक्रिया का पालन की जिम्मेदारी जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष होती है। उनके खिलाफ आयोग को कार्रवाई करनी चाहिए। इस संबंध में हमले आयोग से शिकायत की है।

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